2008-08-24 16:51:35

पेइचिंग ऑलंपिक समाप्त होगा

एक ऑलंपिक स्वर्ण-पदक जिंदगी भर आप के साथ रहता है , अपने जीवन काल में आप ऑलंपिक स्वर्ण-पदक विजेता माने जाते हैं । मेरे लिये जन्म दिवस , क्रिसमस हर वर्ष मनाया जाता है , पर ऑलंपिक स्वर्ण-पदक विजेता बनने के लिये कई साल का इंतजार करना पड़ता है ।

यह बात अमरीकी तैराक फैलप्स ने अपना अनुभव बताते हुए कही । मौजूदा ऑलंपिक खेल समारोह में उन्हों ने 8 स्वर्ण-पदक अपनी झोली में भर लिये हैं । इस प्रकार वे एक ऐसे खिलाड़ी बन गये हैं , जिन्हों ने ऑलंपिक इतिहास में सब से ज्यादा स्वर्ण-पदक जीते हैं और एक ही ऑलंपिक में सब से अधिक स्वर्ण-पदक भी बटोरे हैं . उन का नाम सदा के लिये पेइचिंग ऑलंपिक से जुड़ा रहेगा ।

सच्चे मायनों में विजय प्राप्त करने के बाद मुझे पता चला कि विश्व रिकार्ड तोड़ा गया है , अपने नाम को ऑलंपिक चैम्पियनों की नामसूची में अंकित करना मेरे लिये संतोष की बात है ।

यह बात जमाईका के धावक बोल्ट ने कही । 16 अगस्त को बोल्ट ने पुरुषों की सौ मीटर दौड़ के फाइनल मैच में 9.69 सैकेंड से विश्व रिकार्ड तोड़ दिया , जिस से मानव जाति प्रथम बार 9.70 सैकेंड की इस दौड़ में प्रविष्ट हुई । यह उत्साहवर्द्धक उपलब्धि हमेशा पेइचिंग ऑलंपिक से जुड़ी रहेगी।

दस हजार खिलाड़ियों ने ऑलंपिक में 302 स्वर्ण पदक जीतने के लिये बेहतर प्रदर्शन किया है , आखिरकार ऑलंपिक में स्वर्ण-पदक या पदक प्राप्त करने वाले कम हैं । लेकिन फिर भी सभी खिलाड़ियों ने विभिन्न इवेंटों की स्पर्द्धाओं में बढ़ चढ़ कर भाग लिया है और अपनी ठोस कार्यवाहियों के जरिये ऑलंपिक खेल समारोह की इस दूसरी धारणा को मूर्त रूप दिया है कि हिस्सेदारी विजय से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है , वे सब ऑलंपिक मैदान के वीर कहलाने लायक हैं ।

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