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संडे की मस्ती 2015-04-12
2015-05-03 19:42:18 cri

लिली- दोस्तों, ये थीं स्टीव जॉब्स के बारें में ये 10 बातें जो शायद ही आप जानते होंगे। चलिए, अभी अखिल जी से एक प्रेरक प्रसंग सुनते हैं, उम्मीद है कि आपको जरूर पसंद आएगी।

अखिल- दोस्तों, रोहित आठवीं कक्षा का छात्र था। वह बहुत आज्ञाकारी था, और हमेशा औरों की मदद के लिए तैयार रहता था। वह शहर के एक साधारण मोहल्ले में रहता था , जहाँ बिजली के खम्भे तो लगे थे पर उनपे लगी लाइट सालों से खराब थी और बार-बार कंप्लेंट करने पर भी कोई उन्हें ठीक नहीं करता था।

रोहित अक्सर सड़क पर आने-जाने वाले लोगों को अँधेरे के कारण परेशान होते देखता , उसके दिल में आता कि वो कैसे इस समस्या को दूर करे। इसके लिए वो जब अपने माता-पिता या पड़ोसियों से कहता तो सब इसे सरकार और प्रशाशन की लापरवाही कह कर टाल देते।

ऐसे ही कुछ महीने और बीत गए फिर एक दिन रोहित कहीं से एक लम्बा सा बांस और बिजली का तार लेकर और अपने कुछ दोस्तों की मदद से उसे अपने घर के सामने गाड़कर उसपे एक बल्ब लगाने लगा। आस-पड़ोस के लोगों ने देखा तो पुछा , " अरे तुम ये क्या कर रहे हो ?"

"मैं अपने घर के सामने एक बल्ब जलाने का प्रयास कर रहा हूँ ?" , रोहित बोला।

"अरे इससे क्या होगा , अगर तुम एक बल्ब लगा भी लोगे तो पुरे मोहल्ले में प्रकाश थोड़े ही फ़ैल जाएगा, आने जाने वालों को तब भी तो परेशानी उठानी ही पड़ेगी !" , पड़ोसियों ने सवाल उठाया।

रोहित बोला , " आपकी बात सही है , पर ऐसा कर के मैं कम से कम अपने घर के सामने से जाने वाले लोगों को परेशानी से तो बचा ही पाउँगा। " और ऐसा कहते हुए उसने एक बल्ब वहां टांग दिया।

रात को जब बल्ब जला तो बात पूरे मोहल्ले में फ़ैल गयी। किसी ने रोहित के इस कदम की खिल्ली उड़ाई तो किसी ने उसकी प्रशंशा की। एक-दो दिन बीते तो लोगों ने देखा की कुछ और घरों के सामने लोगों ने बल्ब टांग दिए हैं। फिर क्या था महीना बीतते-बीतते पूरा मोहल्ला प्रकाश से जगमग हो उठा। एक छोटे से लड़के के एक कदम ने इतना बड़ा बदलाव ला दिया था कि धीरे-धीरे पूरे शहर में ये बात फ़ैल गयी , अखबारों ने भी इस खबर को प्रमुखता से छापा और अंततः प्रशाशन को भी अपनी गलती का अहसास हुआ और मोहल्ले में स्ट्रीट-लाइट्स को ठीक करा दिया गया।

तो दोस्तों, कई बार हम बस इसलिए किसी अच्छे काम को करने में संकोच कर जाते हैं क्योंकि हमें उससे होने वाला बदलाव बहुत छोटा प्रतीत होता है। पर हकीकत में हमारा एक छोटा सा कदम एक बड़ी क्रांति का रूप लेने की ताकत रखता है। हमें वो काम करने से नहीं चूकना चाहिए जो हम कर सकते हैं। इस कहानी में भी अगर रोहित के उस स्टेप की वजह से पूरे मोहल्ले में रौशनी नहीं भी हो पाती तो भी उसका वो कदम उतना ही महान होता जितना की रौशनी हो जाने पर है। रोहित की तरह हमें भी बदलाव होने का इंतज़ार नहीं करना चाहिए बल्कि, जैसा की गांधी जी ने कहा है , हमें खुद वो बदलाव बनना चाहिए जो हम दुनिया में देखना चाहते हैं, तभी हम अँधेरे में रौशनी की किरण फैला सकते हैं।

लिली- तो दोस्तों, ये थी एक प्रेरक कहानी, जो हमें एक अच्छी सीख देती है कि हमारा एक छोटा सा कदम एक बड़ी क्रांति का रूप लेने की ताकत रखता है। अगर किसी में कुछ करने की इच्छा होती है तो Impossible काम भी possible हो जाता है। चलिए, चलते हैं अभी हंसी-खुशी की दुनिया में जहां सुनाए जाएंगे चटपटे और मजेदार जोक्स, पर उससे पहले सुनते हैं यह Emotional Audio, जिसमें एक कवि मां और पिता पर बहुत ही सुन्दर सी पंक्तियां सुना रहा है।

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