दोस्तों, बेंगलुरु से 60 किलोमीटर दूर नीलसंद्रा गांव के लोगों के बारे में शायद भारतीय इतना नहीं जानते, जितना कि विदेशों में बैठे लोग जानते है। इनका हुनर ऐसा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भी इनके मुरीद है। यहां हर घर के बरामदे के नीचे महिलाएं 'आले मारा' पेड़ से निकाली गई लकड़ी को तराशती और कुदरती रंगों से रंगती व पॉलिश करती नजर आती हैं। यही रंग-बिरंगी लकडिय़ां खिलौने बनाने वाली कंपनियां खरीद लेती हैं।
8 साल पहले ये महिलाएं रोजाना 70 रुपए (करीब 2000 रुपए महीना) कमाती थीं, लेकिन आज इनकी रोज की कमाई 500 रुपए (महीने में 15000 रुपए) तक है। यानिकी इन महिलाओं की साल की कमाई तकरीबन 1,80,000 रुपए है। भारत यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी यहां के खिलौने गिफ्ट किए गए, जो उन्हें बेहद पसंद आएं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी अगली भारत यात्रा के दौरान इस गांव में घूमने की इच्छा व्यक्त की है। ओबामा को दिए गए खिलौनों के चलते ये गांव मीडिया में सुर्खियों में भी रहा।
चेन्नपटना कर्नाटक का आज 'टॉय टाउन'कहलाता है। यहां सैकड़ों सालों से लकड़ी के खिलौने बन रहे हैं। माना जाता है कि मैसूर के राजा टीपू सुल्तान ने 18वीं शताब्दी में पर्सिया से कारीगरों को बुलाया था। तभी से भारत में शिल्पकला आई।
लिली- वहां, बढिया बात बताई आपने। उन सभी महिलाओं को हमारी तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएं। चलिए, मैं भी एक हैरतंगेज किस्सा बताती हूं, जिसे सुनने के बाद आप कहेंगे कि 'जाको राखे साइंया, मार सके न कोए'।
दोस्तों, किसी ने सच ही कहा है कि जाको राखे साइंया, मार सके न कोए। चीन के रहने वाले इस बच्चे पर यह कहावत बिल्कुल सटीक साबित हुई।
दरअसल, घटना चीन के खुनमिंग शहर की है, जहां 3 साल का बच्चा इमारत की तीसरी मंजिल से नीचे गिरने के बाद भी बच गया। इतना ही नहीं, इसे कोई गंभीर चोट भी नहीं आई। बच्चा अपने दादा-दादी के साथ घर पर था।
उसके दादा-दादी घर के काम में व्यस्त थे और इसी दौरान बच्चा तीसरे मंजिल पर मौजूद अपने घर की बालकनी से नीचे जा गिरा। बच्चा नीचे खड़ी कार से टकराते हुए जमीन पर गिरा और तुरंत उठ खड़ा हुआ हालांकि, खड़े होने में वो थोड़ी देर डगमगाया, लेकिन जब वो खड़ा हुआ तो उसे देखकर ये अंदाजा लगाना भी मुश्किल था कि अभी कुछ मिनट पहले वो इतनी ऊंचाई से गिरा है।
शाम को जब बच्चे के माता-पिता घर लौटे और उन्हें घटना की जानकारी मिली, तो वो बच्चे को लेकर अस्पताल गए। हैरत की बात तो यह है कि डाक्टरों ने उसे पूरी तरह से फिट बताया उसे किसी भी तरह की अंदरूनी चोट नहीं लगी है।
अखिल- अरे वाह, वाकई यह कहावत उस बच्चे पर एकदम सटीक बैठती है। 'जाको राखे साइंया, मार सके न कोए'।
दोस्तों, अगर आप भी ऑनलाइन मिलें किसी गर्लफ्रैंड या ब्वायफ्रैंड से घंटों बैठकर चैटिग कर रहे हैं तो संभल जाइए। दरअसल बात यह है कि चीन के रहने वाले एक लड़के हुआंग की वीचैट Xiaojin नाम की एक सुंदर सी लड़की से शुरू हुई और वह प्यार में बदल गई। दोनों देर तक बातें करते रहते। वह Xiaojin की बड़ी आंखें और प्यारे से होंठों पर वो एकदम से फिदा हो गया।
कई दिनों की चैट के बाद उसने फैसला किया कि उसे लड़की के शहर जाकर उससे मिल लेना चाहिए। वहीं उसे जाकर प्रपोज कर देगा और शादी के लिए भी बोलेगा। कई डॉलर वो खर्च करके आया लेकिन लड़की के बदले जो दिखा वो किसी के भी होश उड़ा देने के लिए काफी था।
Xiaojin तो बिल्कुल भी वैसी नहीं है, जिससे वो बात करता था। वो असल में एक बहुत ही मोटी, भद्दी सी दिखने वाली लड़की थी। उसकी आंखें भी बहुत छोटी थी और उसके पूरे चेहरे पर एक्ने थे। हुआंग तो भरोसा ही नहीं कर पा रहा था। उसके साथ लड़की ने इतना बड़ा धोखा कैसे किया। बाद में लड़की ने बताया कि वो असल में खूबसूरत नहीं है। इस वजह से कोई भी लड़का उसे भाव नहीं देता था।
उसने देखा कि जैसे ही उसने काफी मेकअप किया और अपनी तस्वीरों को जबरदस्त तरीके से फोटोशॉप कर अपलोड किया तो उसे लड़के भाव देने लगे। यब सब देखकर हुआंग ने एक बात तो तय कर ली कि अब कभी ऑनलाइन प्यार की ठगी में नहीं फंसेगा और इसके बाद वहां से चलते बना।
लिली- अफसोस... बेचारा उस लड़के का पागल बन गया।
अखिल- जी हां लिली जी, मैं तो यह कहूंगा कि उस लड़के को लड़की से मिला बाबाजी का ठुल्लू। चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं एक हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...