इन वास्तुओं में ह्वेईनबी यानी echo-wall या गूंज दीवार ने मंडल के सदस्यों पर खासी छाप छोड़ी है। यह दीवार मेहराबदार है, जो 3.72 मीटर ऊँचा, 0.9 मीटर मोटी है और जिसका व्यास 61.5 मीटर है और परिधि 193.2 मीटर है। दीवार चक्की की इंटों के सीवन पर एक दूसरे से कसकर जोड़ने से बनी है। उसकी सतह बहुत चिकना है। उस दीवार की खासियत है कि यदि दो व्यक्ति दीवार से लगे खड़े हुए बात करते हैं, चाहे उनकी आवाज कितनी भी छोटी हो और उनके बीच फासला कितना भी बड़ा हो, वे एक दूसरे की बात साफ तौर पर सुन सकते हैं। इसलिए इस दीवार को echo-wall या गूंज दीवार पुकारा जाता है। अमेरिका के फिल्म-निर्देशक Jeff Tan ने अचंभे में पड़े कहा, ' मैं दीवार के इस छोर पर खड़ा हुआ दीवार के उस छोर पर खड़े हुए मेरे सहयोगी की बात स्पष्टतः सुन सकता हूं। मुझे पता नहीं कि इस अनोखी स्थिति कैसे पैदा हो सकती है। दीवार बनाने में किस तरह का वास्तु-सिद्धांत अपनाया गया, यह वाकई कमाल है।'
थ्यैनथान पार्क में एक और दृश्य की ओऱ मंडल के सदस्यों का ध्यान चला गया। असल में वहां कई लोग व्यायाम करते दिखाई दे रहे थे। मंडल के सदस्य उत्साह के साथ इन लोगों में शामिल हुए। वे आम चीनियों के व्यायाम एवं मनोरंजन के तौर-तरीके जानना चाहते थे। उन्होंने कहा कि इस शाही पार्क का आम लोगों के लिए आराम एवं मनोरंजन का पार्क बनना काबिले तारीफ़ है। युग में इस तरह का बदलाव सचमुच आश्चर्यजनक है।
पेइचिंग में बीचोंबीच थ्यैनआनमन चौक से गुजरने के बाद मंडल के सदस्य अपने बहुप्रतिक्षित प्राचीन राज प्रासाद संग्रहालय पहुंचे। उसका दूसरा नाम विश्वप्रसिद्ध है, वह है फॉरबिडन सिटी। यह सिटी मिंग और छिन दो राजवंशों के 24 सम्राटों के इम्पीरियल पैलेसों से बनती है। इन पैलेसों पर चीन की प्राचीन शाही Building Essence दिखाई देती है। यह वास्तु-समूह दुनिया में अबतक का सब से अच्छी तरह से संरक्षित ऐसा सबसे बड़ा प्राचीन वास्तु समूह है, जो लकड़ियों से बना है। मंडल के एक सदस्य Alexandria Kayy ने कहा कि फॉर्बिडन सिटी की विशेष डिजाइन और सूक्ष्म बनावट सच में बहुत असाधारण है। भव्यता के लिहाज से यह किसी इमारत से कमतर नहीं है।