पाएच्वी मन्दिर
याडंच्वो युडंमछो झील को पार करके पश्चिम की ओर लगभग 90 किलोमीटर दूर रास्ता तय किया जाए तो पुराने मशहूर ग्यानत्से शहर पहुंचा जा सकता है।
ग्यानत्से शहर का इतिहास लगभग 700 वर्ष पुराना है। 19वीं सदी के मध्य में तिब्बती सैनिकों व जनता ने बरतानवी साम्राज्यवाद के हमले का विरोध किया था। इसलिए यह "वीर शहर" भी कहलाता है। आज इस शहर के पुराने मकान नहीं रहे, मगर पुराने किले व तोपखाने के अवशेष अब भी विद्यमान हैं। तिब्बत जाति के इतिहास में यह उल्लेख मिलता है कि ग्यानत्से एक सुनसान व उपजाऊ गांव था, वहां के निवासी कृषि व पशुपालन के काम में जुटे हुए थे। चूंकि शाका, शिगात्से व यातुडं तीन स्थानों के व्यापारी व पर्यटक ग्यानत्से से होकर ल्हासा पहुंच सकते थे और बौद्ध धर्म के भिक्षुओं ने यहां मन्दिरों की स्थापना की, इसलिए ग्यानत्से दिन-ब-दिन समृद्ध हुआ।