पवित्र पर्वतीय झील
अगर आप पश्चिम में तिब्बत की राजधानी ल्हासा से निकलकर ल्हासा-यातुडं राजमार्ग के किनारे पर दक्षिण की ओर चलें और समुद्र की सतह से 5000 मीटर ऊंचे गानबाला पर्वत पर चढ़े, तो आप "पवित्र पर्वतीय झील" ---याडंच्वो युडंमछो देख सकते हैं।
याडंच्वो युडंमछो का मतलब "ऊपरी चरागाह की जेड झील" है,जिसकी ऊंचाई समुद्र की सतह से 4400 मीटर है और जिसका क्षेत्रफल 638 वर्ग किलोमीटर है। झील की अधिकतम गहराई 60 मीटर है। मीठे पानी वाली यह झील हिमालय पर्वतमाला की उत्तरी ढलान पर सबसे बड़ी अन्दरूनी स्थलीय झील है। बौद्ध धर्म के अनुयायी यहां बुद्ध की पूजा करते हैं। इसलिए यह झील "पवित्र झील" कहलाती है।
इस झील के पश्चिम व उत्तर में बर्फीले पर्वत हैं, जिन पर हमेशा बर्फ रहती है। इससे इस झील को प्रचुर पानी मिलता है। इस झील में दस से ज्यादा द्वीप हैं। द्वीपों पर जल पक्षी विहार करते रहते हैं। झील के आसपास विस्तृत प्राकृतिक चरागाह है। वसन्त के अंत और गरमियों के शुरू में चरवाहे बैल के चमड़े से बनी नाव का प्रयोग कर मवेशियों को द्वीपों पर पहुंचाते हैं और जाड़ों में इन मवेशियों को फिर लौटा ले जाते हैं। झील में कई प्रकार के जीव हैं, इनसे मछलियों को समृद्ध चारा भी मिलता है। झील में मछलियों की निहित मात्रा 30 करोड़ किलोग्राम है।