श्यांग शो
श्यांग शो ( हू नान का कसीदा) हू नान प्रांत की लोक कसीदारी के आधार पर सू शो एवं य्येई शो की श्रेष्ठता का ग्रहण करके विकसित किया गया है। छिंग राजवंश के सम्राट क्वांग श्वू के शासनकाल के 24वें साल(सन्1898) में वू हानछन ने छांग शा शहर में प्रथम"वू छ्येई श्या शो फ़ांग"(वू छ्येई श्या नामक कढ़ाई वर्कशाप) खोला, जहां कसीदा की वस्तुएं काढ़ी जाती थीं और बिकने का व्यवसाय भी होता था। इस वर्कशाप के उत्पाद उत्तम थे और देश के विभिन्न स्थलों में बेचे जाते थे। इस के परिणामस्वरूप श्यांग शो देश भर में मशहूर हो गया। प्रारंभिक काल में श्यांग शो की चीजें मुख्यतः रोज़मर्रा के काम में इस्तेमाल की जाती थीं। धीरे धीरे श्यांग शो में चित्रकारी के विषय भी शामिल हुए है।
श्यांग शो के काम प्रायः चीनी चित्रकारी पर आधारित है। उस के रंग चटकीला और बहुतेरे है और रंग में यिन(ऋणात्मक) व यांग ( धनात्मक) और गहरे व हल्के पर बड़ा ज़ोर दिया जाता है। काढ़ी गयी तस्वीरें जीती जागती लगती हैं और कला शैली खुली और स्वच्छंदतापूर्ण है। इसे ऐसी प्रशंसा हासिल हुई है कि"कढ़ाई के फूल से खुशबू निकलती है, काढ़ी हुई पक्षी से चहचहा सुनाई देती है, कसीदार बाघ दौड़ सकता है और मानव सजीव होता है।"श्यांग शो में विशेष फङ माओ (महीन् बाल) वाली सुई से जो शेर व बाघ आदि जानवर के चित्र काढ़े गए हैं, वे इतने सजीव है कि दर्शकों को उन के प्रबल बाल और ताकतवर पाशविकता का एहसास भी हो सकता है। श्यांग शो के सुप्रसिद्ध काम"सदियों के महान आदमी माओ त्सेतुंग"ने"शन चो छह"अंतरिक्ष यान पर सवार पृथ्वी का परिक्रमा किया था। हांगकांग की मातृभूमि की गोद में वापसी की खुशी मनाने के लिए बनाए विशाल डबल कशीदारी के काम"सौ पक्षियों की फ़ॉनिक्स से भेंट-तुंग थिंग झील का वसंत"को हांगकांग की वापसी और हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र की सरकार की स्थापना की रस्म में देश विदेश के मेहमानों से बड़ी सराहना व उच्च मूल्यांकन हासिल हुआ था।