2025: China-India संबंधों का पुनरुत्थान का साल

 पिछले 5 सालों से भारत और चीन के बीच जो तल्खी और तनाव सरहद पर जमा था, साल 2025 ने उस जमी हुई बर्फ़ को पिघलाकर 'पुनरुत्थान' की एक नई कहानी लिखी है। इस वर्ष का सबसे बड़ा क्षण अगस्त में आया, जब SCO शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की ऐतिहासिक मुलाकात हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों नेताओं ने साफ किया कि वे अब प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि विकास के साथी हैं, और मतभेदों को विवाद नहीं बनने दिया जाएगा, बल्कि रिश्ते की नींव विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता पर टिकी रहेगी। कूटनीति से इतर, आम जनता के लिए भी रास्ते खुले हैं: जुलाई में चीनी पर्यटकों के लिए टूरिस्ट वीज़ा फिर से शुरू हुआ, और अक्टूबर में 5 साल बाद कोलकाता से क्वांगचो के लिए पहली सीधी फ्लाइट उड़ी, जिससे व्यापार और लोगों से लोगों का संपर्क मजबूत हुआ।

12-Dec-2025
एक बदलती दुनिया और दो एशियाई दिग्गज

आज दुनिया एक नए चौराहे पर खड़ी है, जहाँ एशिया की भूमिका बढ़ रही है। चीन और भारत— एशिया के ये दो दिग्गज — दुनिया के भविष्य को आकार देने की क्षमता रखते हैं। दोनों देशों के विकास के रास्ते अलग हैं: चीन लंबी योजनाओं और स्थिरता पर जोर देता है, जबकि भारत अपनी लोकतांत्रिक विविधता और खुले संवाद की ताकत से आगे बढ़ता है। व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के बीच मतभेदों के बावजूद, दोनों के बीच सहयोग की गुंजाइश बनी हुई है। एक बदलती दुनिया में भारत-चीन संबंध न केवल एशिया बल्कि वैश्विक संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं। संवाद और समझदारी से ही दोनों देश मिलकर एक बेहतर भविष्य की नींव रख सकते हैं।

05-Dec-2025
समुद्र का पुनर्जीवन: मछुआरों की नई भूमिका

 समुद्र में हर मिनट एक ट्रक जितना प्लास्टिक गिर रहा है। लेकिन अच्छी बात ये है कि इसे ठीक करने की शुरुआत हो चुकी है। चीन में एक मॉडल ने दिखा दिया कि जब लोग मिलकर काम करें, तो समुद्र भी राहत की साँस ले सकता है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि जमीन पर जो प्लास्टिक बोतल कुछ रुपये में बिकती है, समुद्र से निकली वही बोतल कई गुना ज्यादा कीमत पर खरीदी जाती है। नतीजा ये कि मछुआरों की कमाई भी बढ़ रही है और समुद्र का बोझ भी हल्का हो रहा है। यह पूरी कहानी याद दिलाती है कि बदलाव हमेशा उन्हीं के हाथों से आता है जो जमीन से जुड़े रहते हैं। वीडियो ज़रूर देखें...

02-Dec-2025
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