एक बदलती दुनिया और दो एशियाई दिग्गज

आज दुनिया एक नए चौराहे पर खड़ी है, जहाँ एशिया की भूमिका बढ़ रही है। चीन और भारत— एशिया के ये दो दिग्गज — दुनिया के भविष्य को आकार देने की क्षमता रखते हैं। दोनों देशों के विकास के रास्ते अलग हैं: चीन लंबी योजनाओं और स्थिरता पर जोर देता है, जबकि भारत अपनी लोकतांत्रिक विविधता और खुले संवाद की ताकत से आगे बढ़ता है। व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के बीच मतभेदों के बावजूद, दोनों के बीच सहयोग की गुंजाइश बनी हुई है। एक बदलती दुनिया में भारत-चीन संबंध न केवल एशिया बल्कि वैश्विक संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं। संवाद और समझदारी से ही दोनों देश मिलकर एक बेहतर भविष्य की नींव रख सकते हैं।

05-Dec-2025
समुद्र का पुनर्जीवन: मछुआरों की नई भूमिका

 समुद्र में हर मिनट एक ट्रक जितना प्लास्टिक गिर रहा है। लेकिन अच्छी बात ये है कि इसे ठीक करने की शुरुआत हो चुकी है। चीन में एक मॉडल ने दिखा दिया कि जब लोग मिलकर काम करें, तो समुद्र भी राहत की साँस ले सकता है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि जमीन पर जो प्लास्टिक बोतल कुछ रुपये में बिकती है, समुद्र से निकली वही बोतल कई गुना ज्यादा कीमत पर खरीदी जाती है। नतीजा ये कि मछुआरों की कमाई भी बढ़ रही है और समुद्र का बोझ भी हल्का हो रहा है। यह पूरी कहानी याद दिलाती है कि बदलाव हमेशा उन्हीं के हाथों से आता है जो जमीन से जुड़े रहते हैं। वीडियो ज़रूर देखें...

02-Dec-2025
आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर China की नई दिशा

चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना की शुरुआत साल 2021 में हुई थी और यह इस साल, 2025 में खत्म हो रही है। यह योजना देश के अगले पाँच साल के विकास की राह दिखाती है। इसका मकसद सिर्फ तेज़ आर्थिक वृद्धि हासिल करना नहीं है, बल्कि समझदारी और संतुलन के साथ आगे बढ़ना है। इस योजना में विज्ञान और तकनीक पर खास जोर दिया गया है, ताकि चीन आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ सके। इसका मुख्य लक्ष्य लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना और साल 2035 तक चीन को एक आधुनिक और मज़बूत देश के रूप में खड़ा करना है। इस विषय पर और गहराई से बात करने के लिए हमारे साथ जुड़े हैं इंडिया-चाइना इकोनॉमिक एंड कल्चरल काउंसिल के सेक्रेटरी जनरल मोहम्मद साकिब।

07-Nov-2025
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