CGTN हिंदी के संवाददाता अखिल पाराशर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अभिषेक प्रताप सिंह के साथ विशेष साक्षात्कार में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के प्रमुख उद्देश्यों, घोषणा पत्र के महत्वपूर्ण बिंदुओं और ब्रिक्स के भविष्य के दृष्टिकोण पर चर्चा की।
ब्राजील में 6 और 7 जुलाई को हुई 17वीं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक ख़ास ईवेंट रही। इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के नेताओं ने वैश्विक अर्थव्यवस्था, व्यापार और भू-राजनीतिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। ब्रिक्स देशों ने आपस में आर्थिक सहयोग बढ़ाने और विकासशील देशों के हितों को मजबूती से उठाने पर जोर दिया। इस समिट में कई अहम समझौते हुए, जिनमें व्यापार को बढ़ावा देने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए नई पहलें शामिल हैं। इस पर और ज्यादा चर्चा करने के लिए हमारे साथ जुड़ गये हैं दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह, जो देशबंधु कॉलेज में 'ग्लोबल पॉलिटिक्स' पढ़ाते हैं, साथ ही उनकी अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर विशेष पकड़ भी है।
सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान और आपसी समझ इस बदलते और अस्थिर दौर में क्या भूमिका निभा सकते हैं? वैश्विक सभ्यता संवाद मंत्रिस्तरीय बैठक के अवसर पर, चीन की प्रमुख मीडिया चाइना मीडिया ग्रुप के अधीनस्थ CGTN और रनमिन यूनिवर्सिटी ऑफ चाइना ने 41 देशों के 12,302 उत्तरदाताओं के बीच एक सर्वेक्षण किया।
पिछले 40 सालों में चीन ने जिस तरह अपने गांवों को स्मार्ट शहरों में बदला है, वो किसी चमत्कार से कम नहीं है। ये कहानी सिर्फ़ इमारतें खड़ी करने या सड़कें चौड़ी करने की नहीं, बल्कि एक पूरे देश की सोच, नीति और मेहनत की है, जिसने ग्रामीण इलाकों को तकनीक और तरक्की का केंद्र बना दिया। आइए, इस सफ़र को समझते हैं कि कैसे चीन ने ये कमाल किया और इसके पीछे क्या-क्या हुआ।
हर साल की तरह, इस बार भी वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम की 16वीं 'एनुअल मीटिंग ऑफ़ द न्यू चैंपियंस 2025', जिसे आम तौर पर समर दावोस फ़ोरम के नाम से जाना जाता है, चीन के उत्तरी शहर थ्येनचिन में 24 से 26 जून तक होने जा रही है। इस बार इसका मुख्य विषय है "नए दौर में उद्यमिता"।
21 जून को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस अवसर पर चीन की राजधानी बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने एक भव्य योग सत्र का आयोजन किया, जिसमें हजारों की संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। देखिए, यह ख़ास प्रस्तुति….
21 जून को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इसी कड़ी में चीन की राजधानी बीजिंग भी योगमय नजर आई, जहां भारतीय दूतावास द्वारा एक भव्य और विशाल योग सत्र का आयोजन किया गया।
आकाश रावत ने चीन में योग सिखाने के अपने अनूठे अनुभवों को साझा किया। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे योग ने उन्हें न केवल एक नई सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में सफलतापूर्वक घुलने-मिलने में सहायता की है, बल्कि यह चीन और भारत के बीच एक मजबूत सांस्कृतिक सेतु के रूप में भी उभरा है।
दुनिया के महासागर पृथ्वी की सतह के 70% हिस्से को कवर करते हैं और हमारे मौसम, ऑक्सीजन और अरबों लोगों के जीवन का आधार बनते हैं। हालाँकि, आज ये महासागर जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की हानि और प्रदूषण जैसे बड़े संकटों का सामना कर रहे हैं। इस स्थिति में, हर साल 8 जून को मनाया जाने वाला विश्व महासागर दिवस हमें याद दिलाता है कि अब सिर्फ़ बात करने का समय नहीं है; कार्रवाई करना ज़रूरी है।
क्या आप जानते हैं कि हमारी धरती का 70% हिस्सा महासागरों से ढका है? ये सिर्फ़ पानी नहीं, बल्कि हमारे मौसम, हमारी साँस और अरबों लोगों की ज़िंदगी का आधार हैं। पर अफ़सोस, आज हमारे महासागर जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और जीवों की घटती संख्या जैसे बड़े ख़तरों का सामना कर रहे हैं। हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाना सिर्फ़ एक तारीख़ नहीं, बल्कि एक ज़रूरी याद दिलाता है कि अब सिर्फ़ बातें करने का नहीं, बल्कि कुछ करने का वक़्त आ गया है! न्यूज़ स्टोरी में जानिए: * विश्व महासागर दिवस की शुरुआत कब और क्यों हुई? * महासागरों को बचाने में भारत और चीन का क्या रोल है? * और सबसे ज़रूरी, हम सब मिलकर समंदर को बचाने के लिए क्या कर सकते हैं?