5वां चीन अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता उत्पाद एक्सपो यानी सीआईसीपीई 13 से 18 अप्रैल तक हाईनान प्रांत की राजधानी हाईखो शहर में आयोजित किया जा रहा है।
हाल ही में दुनिया का सबसे बड़ा कार रो-रो जहाज "शनचन" अपनी पहली यात्रा के लिए चीन से रवाना होने वाला है, जो बीवाईडी(BYD) जैसी चीनी कार कंपनियों के नए ऊर्जा वाहनों से लदा हुआ है और विदेश जा रहा है। यह न केवल चीन के नए ऊर्जा उत्पादों के वैश्विक होने का एक लघु रूप है, बल्कि यह चीन के विदेशी व्यापार का मजबूत लचीलापन और असीमित जीवन शक्ति को भी दर्शाता है।
अमेरिका के द्वारा टैरिफ युद्ध शुरू करने के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था, व्यापार और प्रौद्योगिकी उद्योग गंभीर उथल-पुथल में फंस गए हैं और वैश्वीकरण विध्वंसकारी रूप से नष्ट हो गया है। उधर, अमेरिकी राजनेताओं का दावा है कि अमेरिका टैरिफ में उल्लेखनीय वृद्धि करके विनिर्माण की वापसी को प्रोत्साहित करेगा, जिससे अमेरिका पुनः एक औद्योगिक विनिर्माण शक्ति बन जाएगा। पर वास्तव में, विनिर्माण को अमेरिका में वापस लाना एक अवास्तविक कल्पना है।
चीन आयात और निर्यात मेले का 137वां संस्करण, जिसे (कैंटन फेयर) के नाम से भी जाना जाता है, चीन का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित व्यापार आयोजन है, यह मेला 15 अप्रैल से 5 मई 2025 तक क्वांग च्यो में आयोजित हो रहा है।
इन दिनों दक्षिण चीन के हाईनान प्रांत की राजधानी हाईखो में 5वां चाइना इंटरनेशनल कंज्यूमर प्रोडक्ट्स एक्सपो (CICPE) चल रहा है, जिसे हाईनान एक्सपो भी कहा जाता है। यह एक्सपो 13 अप्रैल से शुरू हुआ है और 18 अप्रैल तक चलेगा। अब यह सिर्फ एक ट्रेड फेयर नहीं रह गया है, बल्कि एक ऐसी जगह बन गया है जहाँ चीन की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, इंटरनेशनल ट्रेड और उसकी इकोनॉमिक स्ट्रैटेजी— सबकुछ एक ही जगह पर देखने को मिलती है।
इन दिनों चीन अमेरिका के मनमाने टैरिफ के सामने मजबूती से पलटवार कर रहा है। इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक प्रमुख देश की जवाबदेही और संकल्प जाहिर हुआ है ।स्थानीय विश्लेषकों के विचार में इस टैरिफ वार में चीन का आत्मविश्वास मुख्य तौर पर तीन पहलुओं से आता है ।
अमेरिका ने "पारस्परिक टैरिफ" के नाम पर अपने सभी व्यापारिक साझेदारों के विरुद्ध टैरिफ का युद्ध शुरू कर दिया। लेकिन, इस तथाकथित "पारस्परिक टैरिफ" का सार व्यापार का असमान तरीका है। जिस के सहारे अमेरिका अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव डालकर विनिर्माण को पुनः आकर्षित करना चाहता है। पर तथ्य यह साबित कर देंगे कि टैरिफ युद्ध अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मदद नहीं कर सकता। यह केवल अन्य देशों के बीच में अधिक अंतरिक व्यापार को मजबूर किया जाएगा। इस तरह अमेरिका अलग-थलग पड़ जाएगा और डॉलर के प्रभुत्व को भी गहरा झटका लगेगा।
हाल ही में अमेरिकी टैरिफ नीति को फिर से समायोजित किया गया, जिसमें कुछ उत्पादों को "पारस्परिक टैरिफ" से छूट दी गई, जिनमें कंप्यूटर और स्मार्टफोन जैसे प्रमुख उत्पाद शामिल हैं। बाहरी दुनिया ने इस कदम को इस बात का संकेत माना कि अमेरिका चीन पर अपने टैरिफ में ढील दे रहा है। चीन ने इस पर कहा कि यह अपनी गलतियों को सुधारने की दिशा में अमेरिका का एक छोटा सा कदम है।
12 अप्रैल से, चीन अमेरिका से आयातित सभी वस्तुओं पर 125% टैरिफ लगाएगा, जो कि अमेरिका द्वारा चीन पर तथाकथित "पारस्परिक टैरिफ" लगाने के तीव्र प्रतिक्रियास्वरूप होगा।