चीन का एक रंग-बिरंगा और मजेदार त्योहार – ड्रैगन बोट फेस्टिवल

हर साल चीन में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है ड्रैगन बोट फेस्टिवल, जिसे चीनी लोग त्वान वू फेस्टिवल कहते हैं। यह दिन समर्पित है एक महान देशभक्त और कवि छू य्वान की याद में। इस दिन की सबसे खास बात होती है – तेज़ रफ्तार ड्रैगन बोट रेस, और स्वाद से भरपूर ज़ोंग्ज़ी – चिपचिपे चावल से बनी यह पारंपरिक डिश दिखने में भले समोसे जैसी लगे, लेकिन इसका स्वाद एकदम अलग होता है। लोग अपने घरों पर जड़ी-बूटियां लटकाते हैं, खुशबूदार पाउच पहनते हैं और एक दिलचस्प परंपरा निभाते हैं – दोपहर के वक्त अंडा सीधा खड़ा करने की कोशिश। मान्यता है कि अगर अंडा खड़ा हो गया, तो किस्मत साथ देगी! पहले यह त्योहार बीमारियों और बुरी आत्माओं से बचाव के लिए मनाया जाता था, लेकिन आज के समय में यह बन गया है मौज-मस्ती और फैमिली टाइम का मौका – रेस, घूमना, ज़ोंग्ज़ी गिफ्ट करना, सांस्कृतिक कार्यक्रम और ढेर सारी मस्ती के साथ। तो अगली बार जब बात हो चीन की संस्कृति की, तो इस रंगीन त्योहार को जरूर याद रखना – जहां परंपरा है, स्वाद है और ढेर सारी धमाल भी!

29-May-2025
Trump के Tariff से वैश्विक स्तर पर मुक्त व्यापार संकट में

अमेरिका ने जब से दुनिया के करीब 90 देशों पर टैरिफ यानी आयात पर टैक्स लगाना शुरू किया है, तब से एक महीने से अधिक समय बीत चुके हैं। यद्यपि इसके बीच अमेरिका ने अधिकांश देशों पर लगाई गई ड्यूटी को 3 महीने के लिए स्थगित कर दिया है और टैरिफ दरों को कम भी कर दी है। फिर भी अमेरिका की इस मनमाने कार्रवाइयों ने वैश्विक स्तर पर मुक्त व्यापार को संकट में डाल दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे अमेरिका के ट्रेड इम्बेलेंस को हल नहीं किया जा सकता है। साथ ही इससे दुनिया के बिज़नेस पर असर पड़ेगा और देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। इसी मुद्दे पर बात करने के लिए हमारे साथ जुड़े हैं भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद यानी आईसीआरआईईआर में आर्थिक नीति शोधकर्ता, डॉ अर्पिता मुखर्जी से। देखिए, यह ख़ास चर्चा....

16-May-2025
India-China संबंधों में Rabindranath Tagore : एक सांस्कृतिक सेतु

जब हम भारत और चीन के ऐतिहासिक संबंधों की बात करते हैं, तो उनमें सांस्कृतिक, बौद्धिक और दार्शनिक आदान-प्रदान की एक गहरी धारा दिखाई देती है। इस संबंध में अगर किसी एक व्यक्ति ने आधुनिक युग में इन दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच संवाद, समझ और सहयोग को फिर से जीवंत किया, तो वह हैं – रविंद्रनाथ टैगोर। वह सिर्फ एक महान कवि, लेखक या नोबेल पुरस्कार विजेता ही नहीं थे, बल्कि भारत और चीन के बीच संवाद का एक जीवंत पुल, एक सांस्कृतिक सेतु थे। हर साल बंगाली महीने 'बोइशाख' की 25 तारीख को देशभर में उनकी जयंती मनाई जाती है। इस बार यह जयंती 9 मई को मनाया जा रहा है। आज इन सभी पर चर्चा करने के लिए हमारे साथ जुड़ गये हैं शांतिनिकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय में चीना भवन के निदेशक, प्रोफेसर अविजीत बनर्जी। देखिये, यह खास चर्चा......

12-May-2025
चीन बहुसंख्यक छोटे और मध्यम आकार के देशों के हितों की रक्षा के लिए खड़ा है

अमेरिकी टैरिफ दबाव का सामना करते हुए, चीन ने तुरंत मजबूत जवाबी कदम उठाए, तथा सटीक और शक्तिशाली नीति संयोजन के साथ राष्ट्रीय हितों और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा की। नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि यद्यपि आसियान देशों, यूरोपीय संघ के देशों और बेल्ट एंड रोड पहल में भाग लेने वाले देशों के साथ चीन का आयात और निर्यात व्यापार लगातार बढ़ रहा है, फिर भी अमेरिकी सरकार के टैरिफ के दुरुपयोग के हस्तक्षेप और प्रभाव के बावजूद, यह चीनी अर्थव्यवस्था की मजबूत लचीलापन की पुष्टि करता है। साथ ही, चीन-अमेरिका व्यापार में अभी भी 4% की वृद्धि बनी हुई है, जिससे यह भी पता चलता है कि चीन-अमेरिका आर्थिक और व्यापार सहयोग एक अंतर्जात प्रेरक शक्ति है। चीन का यह कदम न केवल एकतरफा धौंस-धमकी का दृढ़ जवाब है, बल्कि "शक्ति ही सही है" के गलत तर्क का भी शक्तिशाली खंडन है, जो वैश्विक व्यापार नियमों को बनाए रखने के लिए एक प्रमुख मानदंड स्थापित करता है।

30-Apr-2025
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