मैं कैसे भूल सकता हूँ उन दिनों को जो मेरे लिए अमर होगया ,१ अगस्त २०१० का दिन जो मेरे लिए एतिहासिक बन रहा था उस दिन का लम्बे समय से इंतज़ार था और क्यों न भी हो प्रतियोगिता में भाग लेने वाला सभी भारतीय की पहली खवाहिश होती है की वो विशेष पुरुष्कार का विजेता घोषित हो और वो भी उस देश की मुफ्त यात्रा जिस देश के रेडियो के माध्यम से सभी जानकारी मूल चीनी लोगों की आवाज़ में रेडियो से होते हुए जो कानों से दिलों में समां जाती है रूह में बस जाती है और अपना जिसको हमेशा के लिए अपना दीवाना बना ले। । इस दिन सुबह से ही यही ख्याल दिलो दिमाग में घूम रहा था की आज सिचियंग सरकार के नेताओं से पुरस्कार ग्रहण करना है हम सभी विजेता श्रोता सुबह १० बजे पुरस्कार वितरण समारोह में पहुंचे हाल खाचा खाच भरा था वहां पर सिंचियंग के नेता व् पर्यटन विभाग के नेताओं के हाथो पुरस्कार वितरण हुआ. मुझे अच्छी तरह याद है मुझे नाचीज़ को श्री ली छएन यांग जी के हाथो पुरस्कार मिला उससे पहले हमने नेताओं के भाषण सुने।मुझे खूब याद है सिंचियंग के नेताओं ने क्या क्या अपने संबोधन में सबसे महत्व पूर्ण बात यह थी की जो २००९ में हान जाति और वेवूर जाति के बीच दंगे हुए थे उसके बाद जो अफवाहें पछमी देशों की मिडिया ने फैलाई थी उसकी वास्तविकता को अपनी आँखों से देख कर स्थिति साफ तौर से समझ सकें। सिंचियांग के मुसलमान पर चीन सरकार कितना ध्यान देते हैंश्रोता अपनी आँख से देखें सकते हैं महसूस कर सकते हैं ,वहां पर सी आर आई के नेताओं ने अपने भाषण में यह भी बताया था की विश्व में सी आर आई के २०१० में २५ एफ एम रेडियो चैनलों की स्थापना की है और आगे भी और अधिक एफ एम् खोले जायेंगे ,अंत में था की आप सिंचियंग आये हैं और आप सिंचियंग को अच्छी तरह से देखे और अपने देश जाकर वास्तविकता को बताये। उसके बाद शिन्चायंग के विदेश संपर्क विभाग के नेता सु श्री ली ई ने कहा था की २००४ से शिन्चियंग सरकार के संपर्क विभाग व सी आर आई के बीच समझोता हुआ सी आर आई के अनेक भाषाओँ में शिनच्यांग की सही स्थिति ,समाज की स्थिति संकृति बतायी गई जो उस समय बहोत महोत्वपूर्ण था। उन्हों ने अपने संबोधन में कहा था कि सी आर आई ने विगत वर्ष ८ जुलाई की घटना पर सही और अच्छी कवरेज दी है वेर्तामन में शिन्चियांग की विकास स्थिति तेज़ी से बकध रही है ,उन्हों ने उस भरी सभा में माना की इस तरह की प्रतियोगिता से विदेशीयों को सही जानकारी मिली है उन्होंने भाषण के अंत में कहा था की आप अपने देश जाकर शिन्चियंग की तस्वीर को बताएँगे और सही वातावरण बनाने में सहयोग देगें। उसदिन को जब भी याद करता हूँ तो एक एक पल ऐसे दिलो दिमाग में आता है जैसे कोई फिल्म को रिवस् कर के देख सकते हैं
सच हम चीन के जिस प्रान्त का भ्रमण क्र रहे थे वास्तव में शिन्चियंग चीन का सबसे बड़ा प्रदेश है शिन्चियंग की चीन के इतिहास में एक अहम् भूमिका भी है अब तक इस इलाके में ३ हज़ार वर्ष पुराना इतिहास है शिन्चियंग की सरहदें आठ देशों से जुडती है। शिन्चियंग बहुत जाति बहुत धर्म वाला प्रान्त है यहाँ ४७ जातियां रहती हैं जिनमें सर्यीम जाति का इतिहास एवं बोद्ध व इस्लाम बहोत ही अहम है ,शिन्चियांग प्रान्त में आलथाए पर्वत ,थेन्शान पर्वत ,खुन लुन पर्वत पर्यटकों को शिन्चियंग की और आकर्षित करते हैं ,वास्तव में शिन्चियंग बहोत ही सुंदर है यहाँ पहाड़ ,नदी व् वन के साथ साथ यहाँ कुछ स्थानों पर बहोत ठण्ड है तो कहें बहोत गर्म भी है ,मालूम हुआ था की उस समय शिन्चियंग का प्रत्येक व्यक्ति २० हज़ार भारतीय रूपया की आय प्रतिमाह आय है। अगर शिन्चियंग प्रान्त में क्रषि की बात करते हैं तो शिन्चियंग में अनाज ,कपास ,फल,अंगूर सभी मोसम में मिलते हैं इसका कारण यह है कि वातावरण बहुत साफ़ है पूरे वर्ष एक जैसा मोसम रहता है यहाँ प्रकिर्तिक गैस व टमाटर का उत्पादन अन्तेर्राष्ट्रीय व्यापार का एक चौथा भाग है दूसरा बड़ा उत्पाद तेल है ,शिन्चियंग में पानी भी बहुत है खुले पण की स्थिति तेज़ है एशिया और योरोप के साथ व्यापार मेला सबसे अहम् है हमने देखा शिन्चियांग में आधुनिक निर्माण बहुत तेज़ी से हुआ है अगर हम शिन्चियांग में एजूकेशन की बात करे तो वहां पर ९ वें क्लास तक के बच्चों को नि शुल्क एजूकेशन दी जाती है अगर गरीब परिवार के बच्चे उच्च एस्टर की एजूकेशन प्राप्त करना चाहते हों तो उनके लिए विशेष अनुदान सर्कार प्रदान करती है जिससे सभी समाज का एस्टर ऊँचा हो सके।
हम सभी को मालूम है की शिन्चियांग का उरूमूची और काशगर अंतर राष्ट्रीय शहर है ,शिन्चियंग सरकर का पूरा ध्यान वेवूर व अन्य जातियों के कल्याण पर रहता है। केवल एक जाति पर विशेष नहीं रहता सरकर सुरक्षा के क्षेत्र में बहुत प्रतिबंध करते हैं सर्कार की और से मुस्लिम धर्म के मानने वालो पर किसी भी प्रकार का कोई भी दबाव नहीं है ,सरकार की ओर से वे सभी सुविधाएँ मिलती हैं जो एनी जातियों को मिलती हैं हमने देखा की उरूमुची के मार्किट में और जगह जगह सुन्दर चीनी शैली वाले मस्जिद है जहाँ मुस्लिम समाज पूरी आज़ादी के साथ इस्लामिक कार्य कर सकते हैं। उरूमुची के इस्लामी मदरसे को भी देखने का मोका मिला वास्तव में चीनी शैली में ये मदरसा बहोत सुन्दर और बहुत साफ था ,मदरसे का नाजिम ने हमें बताया की ये मदरसा चीन सरकार और शिन्चियांग सरकार की सहायता से चलता है यहाँ हमें सरकार की तरफ से साडी सुविधाएँ मिलती हैं ,वास्तव में हमने भारत के मदरसे से तुलना की तो मुझे ऐसा कोई विशेष चीज़ नहीं देखने को मिली जो भारतीय मदरसे से भिन्न हो। । हाँ एक चीज़ हमने नोट की की मदरसे की ईमारत चीनी शैली में बनी थी इससे मालूम हुआ चीन के मुस्लिम समाज के लोग चीन की संकृति को कितना दिलो से लगा रखा है। ये शिन्चियंग की दुसरे दिन हमने जो देखा वो आज भी दिल में रचा बसा है।