Web  hindi.cri.cn
मैं और चीन का स्नेह
2013-09-16 11:03:54

मैं और चीन एक ऐसी कहानी जिसने आंधी तूफ़ान का सामना किया जिसने चारों मोसम में अनेक दुःख सुख को देखा महसूस किया और उस बीच एक सच की जंग लड़ ते लड़ते उसने अपने जीवन का मकसद बना लिया।मैं ने आपको पहले भी बता चूका हूँ और बार बार इसका ज़िक्र करना भी ज़रूरी समझता हूँ कि मुझे चीन से कैसे लगाओ हुआ और क्यों चीन ही मेरे लिए एक विषय के रूप में मेरे सामने जीवन का मकसद बना इस और आपलोगों को भी बताना उचित समझता हूँ। मुझे चीन से बचपन से लगाओ रहा ,जब मैं ६ वें क्लास में पढता था मुझ से पहले मेरे पिता श्री रेडियो सुना करते थे ….कभी कभी मैं भी रेडियो के पास बैठ जाता था और पिता के साथ बी .बी .सी और रेडियो चाइना सुना करते थे ….

सुनते सुनते चाइना के बारे में तरह तरह के प्रश्न पूछना और पिता से उसका उत्तर पाना ही चीन से लगाओ बढ़ता गया.. .स्कूल में मैंने ने चीन के बारे में अपने सहपाठियों को बताना की चीन से हिंदी में हम भारतियों के लिए चीन सम्बंधित जानकारी घर बैठे मिल जाएगी परन्तु मुझे नहीं मालूम था की स्कूल में जब सी आर आई और चीन से सम्बंधित जानकारी स्कूल में फैले गी तो स्कूल के लोग मुझ पर कितना प्रतिबंध लग सकत है। ये हमने सोचा भी नहीं था क्यों की मैं सचे मन से सी आर आई का प्रचार क्र रहा था मेरे मन में था की ज़यादा से ज़याद अलोग सी आर आई को सुने और चीन के बारे में जानकारी प्राप्त करें लेकिन मुझे स्कूल से बहोत डांट भी खानी पड़ी और मुझपर ये प्रतिबंध भी लगा की आप किसी भी छात्र को चीन या सी आर आई के बारे में कुछ भी नहीं कहेंगें। मुझ पर इलज़ाम लगा की मैं लड़कों को पढाई से दूर कर रहा हूँ और मैं अपने देश के दुश्मन की प्रशंशा क्र रहा हूँ मैं सच कहता हूँ मुझे नहीं मालूम था की भूतकाल में चीन से हमारी कोई जंग भी हुई थी ,मुझे उस जंग के बारे में जानकारी भी दी गई और मुझ से स्कूल में तरह तरह के प्रश्न भी पूछे गए की आप ने चीन के रेडियो से क्या अच्छी जानकारी प्राप्त की है,मैंने सभी प्रश्नों के उत्तर दिए। मैंने कहा की पीछे क्या हुआ उसको भूल कर हमें अपने भविष्य की और देखना चाहिए और चीन हमारा दुश्मन नहीं है समय ने हमारे बीच जो दिलों में दरार पैदा की है उसको भरना भी ज़रूरी है.फिर मैंने और तेज़ी के साथ चीन के बारे में लोगों को जानकारी देता रहा घर से कई बार डांट खाई लोगोने कहा की इसका पढाई से ध्यान हट रहा है लेकिन मैं पढाई पर पूरा धयान देता था घर परिवार और पडोस के लोग तरह तरह की बातें मेरे बारें में बोलते मैं भी आँखें बंद किये सच्चे मन से लोगों के दिलों से चीन के प्रति घिरणा को समाप्त करना ही मेरे जीवन का मकसद बनता गया.

प्रचार करते करते ऐसा महसूस हुआ की अब समय है की दूर तक प्रचार किया जाये इसलिए दोस्तों को जोड़ा शुरू किया फिर मित्रों ने कहा की हम जो कुछ क्र रहे है इसकी जानकारी सी आर आई को भी दी जाये फिर पत्र लिखना आरम्भ किया और क्लब बनाया और इस बीच भी लोगो ने काफी टांग अडाए फिर भी हमलोगों ने आँखें बंद किये और सच्चे मन से चीन के बारे में लोगों को बताते रहे। ….सच काफी मुश्किलों करना पड़ा और धीरे धीरे सच्ची लगन दिल के साथ कदम बढ़ाते बढ़ाते हमने गाव का दौरा किया और धीरे धीरे शहर और महानगर होते होते हमने पूरे उत्तर प्रदेश में कम किया और २०११ से हमने उस मिशन को पूरे भारत भर में आरम्भ किया ,आखिल भारतीय सी आर आई स्रोत महा संघ के माध्यम से हमने हर प्रदेश में सचिव बनाये जो सी आर आई और चीन के बारे में लोगों को जानकारी दे ,और उस राज्य के श्रोता संघों की मदद करे और उनका उत्साह वर्धन भी करे , महा संघ में २५० से श्रोता संघ और ६०० से अतिरिक्त श्रोता भाई बहन सदस्यता प्राप्त कर चुके हैं .जिसमें राजनीती से जुड़े हुए एवं पत्रकार ,डाक्टर ,वकील ,अध्ध्यापक सभी फिल्ड और सभी स्टार के लोग इस महा संघ के सदस्य हैं ....जिनको समय समय पर ईमेल और डाक के माध्यम और फेसबुक की सहायता से चीनी संस्कृति एवं सी आर आई के बारे में जानकारी दी जाती है ….

इस अखिल भारतीय सी आर आई श्रोता संघ ने अलग अलग राज्य में श्रोताओं की सहायता हेतू बेयरो के रूप में श्रोता नियुक्त किये गए हैं जैसे बिहार में श्री दीपक कुमार दास ,बंगाल में रवि शंकर बसू ,छत्तीस गढ़ में श्री चुन्नी लाल कैवर्थ और उत्तर प्रदेश में श्री मोहमद असलम …….मैं और चीन के बीच का स्नेह का वरणन करना भी ज़रूरी है आज हम चीन को बहोत करीब से जानते हैं ऐसा महसूस होता है की चीन हमारा दूसरा देश है। चीन और वहां की जनता से बेहद प्रेम स्नेह हमारे दिलों में हमारे पास कोई ऐसा शब्द नहीं है की मैं कुछ लिख सकूं इतना ज़रूर कह सकता हूँ की मेरी दो आँखे , एक आँख भारत है तो दोसरी आँख चीन है अगर एक आँख में कोई चीज़ पड़ जाती है तो दर्द उतना ही होता है जितना दूसरी आँख में पड़ जाने से होगा। कहने का मतलब मुझे उतना ही ख़ुशी होती है जब चीन और वहां की जनता कोई उपलब्धि प्राप्त करती है ,और जब चीन में कोई घटना की खबर सुनने को मिलती है तो उतना ही मन दिल आत्मा दुखी भी होती है हम चीन से बेहद प्यार करते हैं चीनी जनता के दुःख सुख में साथ भारत में रहते है हम चीन और भारत मैत्री के लिए बहोत काम करते हैं हमारा मकसद यही रहता है की किसतरह से प्रत्येक भारतीय के दिलों से चीन के प्रति भ्रान्ति को समाप्त किया जाये और आज हम लोग बहोत हद तक कामयाब भी हुए.

1 2 3
आप की राय लिखें
Radio
Play
सूचनापट्ट
मत सर्वेक्षण
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040