अन्त में साक्षात्कार खत्म हो जाने के बाद पूर्व राजदूत पी.ए. नाजरथ ने सभी करोड़ों भारतीय युवाओं को और हमारे सीआरआई हिन्दी श्रोताओं को एक संदेश दिया। उन्होंने अपने संदेश में कहा:
"मेरा संदेश यह हैं कि आप सही भाव और सही निष्ठा से देश की और समाज की सेवा करें। देश प्रेम यह नहीं कहलाया जाता हैं कि आप भारत की भूगोल को प्यार करें, सही मायने में देश प्रेम वो हैं जो भारत के लोगों से किया जाता हैं। आप प्यार करों उनसे जो निम्न रेखा में रहने वाले हैं, जिन्हें मदद की जरूरत हैं, जो समाज द्वारा नकारे हुए हैं। आप यकीन कीजिए, आप स्वामी विवेकानंद के विचारों और आदर्शों की राह पर चलेंगे।"