जब हमने यह पूछा कि चीनी लोग किस हद तक उनके विचारों और आदर्शों को जानने में रूचि रखते हैं, तो उन्होंने कहा:
"इसका जवाब देना मेरे लिए थोड़ा कठिन होगा क्योंकि चीन आये मुझे केवल 4 दिन हुए हैं, पर जहां तक मैने देखा कि इस व्याखान समारोह में काफी संख्या में चीनी लोग आए हुए थे और मुझसे प्रश्न भी कर रहें थे, तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि चीनी लोग स्वामी विवेकानंद को पढ़ने और उनको जानने के लिए बहुत उत्सुक हैं।"
जब उनसे पूछा गया कि क्या स्वामी विवेकानंद आज भी हमारे युवा आइकन हैं, तो उन्होंने कहा:
"मैं ऐसा मानता हूँ क्योंकि कई सालों से भारत में हर वर्ष स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस पर 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता हैं, तो यह उस महान आध्यात्मिक व्यक्तित्व के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है, जिसने हमारी युवा शक्ति में विश्वास भरा और एक सम्पूर्ण देश को और खुद को बेहतर बनाने के लिए भारतीय युवाओं को प्रेरित किया। हमारी युवा पीढी जानती हैं कि स्वामी विवेकानंद हमेशा से युवाओं के लिए आइकन रहें हैं और उनको हमेशा से युवा आइकन के रूप में पेश किया जाता हैं।"