उन्होंने कहा कि पहली बार मैंने रचना की जो नृत्य का संगीत, वह एक औपचारिक कार्यक्रम के रूप में पेश किया गया है। क्योंकि मेरी एक आदत है कि कार्यक्रम पेश करने के बाद मेरे पास इस पर एक शो भी पेश करता हूं। उसी समय उन्य लोगों ने कहा कि मेरे शो में मैंने इस नृत्य की नकल की है। लेकिन वास्तव में मैंने इस नृत्य के संगीत की रचना की थी। वर्ष 1975 के बाद मुझे मशहूर नर्तकी यांग ली फिंग के लिए मोर प्रिंसेस नृत्य के संगीत की रचना करने का अवसर मिला। इसके बाद मैंने बड़ी प्रगति की।
अध्यापक की आलोचना और निर्देशन के बाद ताओ हूंग योंग को गीत-संगीत की भावुकता मिली। संगीत के सैद्घांतिक आधार को निरंतर मजबूत करने के बाद ताओ हूंग योंग ने निरंतर दर्जनों जातीय शैली वाले गीतों की रचना की, जिनमें से अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले।
मित्रों, अब आप जो गीत सुन रहे हैं, उसका शीर्षक है—चाय-घोड़ा मार्ग पर यी वू पहाड़। ताओ हूंग योंग को यह गीत बहुत पसन्द है। उन्होंने कहा जब मैंने इस गीत की रचना की, तब ह शीए कस्बे के सांस्कृति ब्यूरो के अधिकारी यी वू ने पहाड़ का दो दिवसीय निरीक्षण दौरा किया था। स्थानीय लोग इस गीत को सुनने के बाद बहुत प्रभावित हैं, क्योंकि इस गीत में उनकी कठिनाइयां और चाय-घोड़ा मार्ग का उतार-चढ़ाव लोगों को दिखाया गया है। अब यह गीत यी वू कस्बे के पर्यटन का प्रतिनिधित्व गीत है। स्थानीय सरकार ने शिश्यांगबान्ना के गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण ने ताओ हूंग योंग द्वारा किये गए प्रयासों का समर्थन किया है।
शिश्यांगबान्ना के सांस्कृतिक ब्यूरो के अध्यक्ष तुए छी रू का विचार है कि ताओ हूंग योंग एक स्थानीय और जातीय गीतकार हैं। उन्होंने ताई जाती की संस्कृति के संरक्षण के लिए बड़ा योगदान किया है। उनके गीत हमारे यहां बहुत लोकप्रिय हैं। जातीय संस्कृति का संरक्षण करने में वे एक विशेषज्ञ भी हैं। उनका काम बहुत महत्वपूर्ण है।