उन्होंने कहा कि देश की 12वीं पंचवर्षीय परियोजना में हरित विकास की परिकल्पना की पुष्टि की गई है और राष्ट्रीय दस्तावेज में इसे शामिल किया गया है। नई ऊर्जा, वातावरण संरक्षण, जीव व उच्च स्तरीय निर्माण 12वीं पंचवर्षीय परियोजना के उद्योग के चुनाव में शामिल हुए हैं। देश ने इस पहलू में नीति,पूंजी व अन्य सहायता दी, जैसे 12वीं पंचवर्षीय परियोजना के दौरान निम्न कार्बन शहर समूह का परीक्षण किया जाएगा, जिसका मतलब है कि हमारा जीवन बिताने का तरीका निम्न कार्बन की तरह होगा। इसलिए देश हरित विकास का बहुक्षेत्रीय समर्थन करता है।
वास्तव में चीन में देर से हरित अर्थतंत्र शुरू हुआ है, लेकिन इधर के सालों में जिस का विकास तेज व उल्लेखनीय है। पिछले साल चीन में पवन ऊर्जा के बिजली जनरेटरों से उत्पादन बिजली मात्रा विश्व के पहले स्थान पर है, जबकि सौर ऊर्जा के उत्पादन व इस का उपयोग करने की स्थिति भी विश्व के पहले स्थान पर है। एक और बड़ा हरित सुधार अब शुरू होता है। देश की नवोदित ऊर्जा के उद्योग विकास की परियोजना प्रारंभिक रूप से बनाई गई है, जिसके अनुसार इस साल से वर्ष 2020 तक पनबिजली, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा व बायोमास ऊर्जा के विकास के लिए 50 खरब य्वान का पूंजी निवेश किया जाएगा। और लक्ष्य है कि नई साफ ऊर्जा से लोगों के उत्पादन व जीवन में आवश्यक ऊर्जा के सवाल का समाधान किया जाएगा।
अब दुनिया में अधिकांश देश नई ऊर्जा के विकास की अपनी-अपनी रणनीति व परियोजना बना रहे हैं। अमरीका को उम्मीद है कि नई ऊर्जा देश के अर्थतंत्र की बहाली करेगी और नई ऊर्जा क्रांति का वह नेता बनेगा। युरोपीय संघ ने वर्ष 2013 से पहले एक खरब 5 अरब युरो लगाकर हरित अर्थतंत्र का विकास करने का फैसला किया। जापान ने सौर ऊर्जा के विकास में बढावा देने का लक्ष्य पेश किया। हरित अर्थतंत्र के विकास की प्रतियोगिता में हालांकि चीन की गति तेज है, लेकिन अमरीका, युरोपीय संघ व जापान के मुकाबले चीन की शक्ति में अंतर फिर भी बड़ा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय स्कूल के फ्रोफेसल शिन मिंग ने कहा कि चीन के हरित अर्थतंत्र के विकास में विकसित देशों का और भारी दबाव पड़ेगा।