उन्होंने कहा कि यथार्थवादी रहने के लिए हमें हरित अर्थतंत्र के विकास की जरूरत है और हम पर दबाव भारी है। मानव जाति के सामाजिक व आर्थिक विकास में चरण हैं, जैसे अब हमारा देश अब फिर रासायनिक विकास पर ध्यान दे रहा है, क्योंकि हमारे देश का औद्योगिकीकरण अभी समाप्त नहीं हुआ है। लेकिन पश्चिमी समाज के लिए उस का औद्योगिकीकरण पूरा हो चुका है। इसलिए उत्पादन के दौरान प्रदूषण पैदा होने की स्थिति हम से कम है।
चीन के आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय संबंध अनुसंधान शाला के विश्व अर्थतंत्र अध्ययन ब्यूरो की अध्यक्षा सुश्री छेन फेंग यिन का विचार है कि वर्तमान में विभिन्न देश नई ऊर्जा के विकास में गति दे रहे हैं, जो भविष्य के विकास में आर्थिक व तकनीकि रणनीति के अनुसार है, लेकिन इस का केंद्र तकनीकी सृजन है।
दुनिया में हरित अर्थतंत्र के विकास की इस प्रतियोगिता में केंद्रीय तकनीक का द्वार विजय पाने या न पाने की कुंजी है। इस व्यवसाय में लगे लोगों का विचार है कि चीन तकनीक का अध्ययन व विकास की शक्ति तैयार कर रहा है और इस के लिए वह उपक्रमों का समर्थन भी करता है। हालांकि परिपक्व हरित अर्थतंत्र के विकास का रास्ता लम्बा है, लेकिन हर क्षेत्र के लोगों की कोशिशों के जरिए चीन को दुनिया के नए चरण की प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी।