श्रीमान् ह बताते है कि उनके स्कुल के शुरूआती दिनों मे गावँ मे महिलाएँ थी जो तोंगपा संस्कृति पढ़ने मे बहुत रूचि थी, किन्तु उनको पढा़ने के लिए स्कुल बहुत दूर थे, पर श्रीमान् ह तोंगपा संस्कृति मे दिलचस्पी रखने वाले अन्य चीनी जातीय समुह से लेकर विदेशियों तक के लिए स्कुल आरम्भ कर रहे है।
"हमें अब तक बाह्य वित्तपोषण नहीं है, पर अब हम स्कुल का रूप बदल रहे है। हम इसे उघमी तरीके से चलाने की योजना बना रहे है। हम व्यवसाय करेंगे और प्रदत सेवायें होगी। हम लोगो को शिक्षित करेंगे और साथ ही तोंगपा संस्कृति का प्रसार करेंगे। हम सभी के लिए दरवाज़ा खोलेंगे चाहें वो विदेशी या चीनी हो, यदि वे पढ़ना चाहते है तो हम पढायेंगे, और इसका शुल्क भी होगा। यह हमारे व्यक्तिगत लाभ के लिए नही अपितु आगे आने वाली पीढ़ी को संस्कृति फैलाने के लिए।"
स्कुल के पुनः ब्रैंङ के उद्घाटन समारोह उत्सव मे लीचियाँग के आसपास के स्थानीय अधिकारी लोग इस योजना के समर्थन में भाषण देने के लिए आयें। समारोह के समाप्त होने के बाद नाशी लोगो ने उपस्थित लोगो के लिए एक नृत्य पेश किया।
शास्त्रीय नाशी नृत्य एक धार्मिक नृत्य की भाँति है जो बलि के अवसर पर प्रस्तुत किया जाता है। हर एक नृत्य की अपनी कहानी व अर्थ है। नृत्य का बदलाव कहानी के बदलाव को दर्शाता है। विभिन्न रूप और विभिन्न अर्थ का समागम है। तलवार के साथ नृत्य को उत्तरी आत्मा नृत्य कहा जाता है। उत्तर दिशा मे आत्मा अपने हाथो मे तलवार को थामे रखती है और विभिन्न भगवानो के लिए हर एक नृत्य से बलिदान देती है। तोंगपा नृत्य बलिदान पर आधारित है। तोंगपा नृत्य के तत्व हैः तोंगपा संकेताक्षर, तोंगपा धर्मग्रंथ, तोंगपा बोली, तोंगपा संगीत, तोंगपा कला व नृत्य। 100 से अधिक समारंभ है।