इन वर्षों में चीन में भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार में अच्छी कामयाबी हासिल हुई है। इस साल भारतीय दूतावास ने भारतीय फिल्म की प्रदर्शनी, भारतीय नृत्य व योगा सिखाना आदि गतिविधियां आयोजित की हैं। दूतावास के संस्कृति सचिव अरूण कुमार साहू ने कहा नृत्य सिर्फ भारतीय कला का एक हिस्सा है, इसमें संगीत, योगा और चित्रकारी की सुंदरता भी दिखाई जाती है। हम उम्मीद करते हैं कि इन गतिविधियों से चीनी लोग, खासकर युवा लोग भारतीय संस्कृति को ज़्यादा समझेंगे। हम चीनी राष्ट्रीय ग्रांड थियेटर और केंद्रीय संगीत विश्वविद्यालय के साथ सहयोग करते हैं। अभी हम कुछ प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों से सहयोग पर भी वार्ता कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमारी कोशिश से दोनों देशों की जनता एक दूसरे को ज्यादा समझेगी। चीन और भारत पड़ोसी देश हैं। हमें एक दूसरे को समझना चाहिए।
दिन ब दिन घनिष्ठ हो रहे सांस्कृतिक आदान प्रदान से दोनों देशों की जनता को लाभ मिलता है। सांस्कृतिक मतभेद भी कम हो रहा है। इस क्षेत्र में सोनल मानसिंह को गहरा अनुभव है।
मेरा मानना है कि ऐसी गतिविधि से लोग अच्छी तरह जुड़ते हैं। विभिन्न देशों की अलग राजनीतिक व आर्थिक स्थितियां होती हैं। लेकिन लोगों का दिल एक जैसा होता है। हमें आदान प्रदान के समय प्यार का अनुभव लेना चाहिए। मुझे विश्वास है कि प्यार दुनिया में सबसे महान भावना है। प्यार से कोई भी मतभेद समाप्त हो सकता है।