इनमें पुराने समय के टिकट ज्यादा है। कुछ टिकट तो द्वितीय विश्वयुद्ध से भी पहले के हैं। इस प्रदर्शनी की दूसरी विशेषता यह है कि इसमें डाक टिकट के अलावा लिफाफा भी शामिल हैं, डाक टिकटों के प्रकार भी बहुत ज्यादा हैं। सभी डाक टिकटों का इतिहास, उसके आने का माध्यम सभी आज भी उन्हें अच्छी तरह याद है। उन्होंने परिचय देते हुए कहा कि अमेरिका में पुराने समय में निजी डाक टिकट का प्रयोग किया जाता था। उस समय अमेरिका में सरकारी डाक घर भी नहीं था, सभी निजी लोगों के द्वारा स्थापित डाक घर था। यह बात सन 1902 की है। मेरे पास उस समय के साइकिल निर्माण के दौरान लिफाफे पर प्रयुक्त साइकिल का फोटो वाला लिफाफा भी है। वर्ष 1893 में साइकिल का उत्पादन शुरू हुआ था। उस समय इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए लिफाफे पर उसका फोटो लगाया जाता था। इनमें से कुछ 1953 में कनाडा में प्रयोग किए जाने वाले साइकिल वाले कार्ड हैं तो कुछ 1942 में इटली में प्रयुक्त लिफाफे हैं।
इधर के सालों में वू छी ह्वा ने इन डाक टिकटों को जमा करने के लिए अपना सब कुछ लगा दिया है। कभी-कभी एक डाक टिकट के लिए वे कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं।
डाक टिकट जमा करने के दौरान एक बात ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। वह घटना उन्हें आज भी याद है। उन्होंने बताते हुए कहा कि मुझे याद उस समय मेरे पास 400 युवान था, जोकि कुछ सामान खरीदने के लिए बचा रखा था। उस समय जब मैंने यह डाक टिकट देखा तो बहुत सुंदर लग रहा था। लेकिन जब मैंन डाक टिकट खरीद लिया तो उसके बाद मेरा जीवन बहुत कठिन हो गया। यह मुझे हमेशा याद रहेगा।
वू शी के बुजुर्ग लोगों का जीवन सुखमय तरिके से बीत रहा है। लोग अपने शौक को पूरा कर रहे हैं। आज के समय में लोगों का शौक ही उनके जीवन का मुख्य लक्ष्य बन गया है।