वु शी शहर में वृद्ध लोगों के कार्यक्रम के नामांकन के समय हमारे दल के बहुत सारे सदस्यों को मंच पर प्रदर्शन का अनुभव नहीं था। जब हमलोग वु शी शहर के जन वृहद भवन में पहुंचे तो बहुत घबराए हुए थे। एक गाने में तीन बार पोशाक बदलना था। पहले हमलोग कार्यक्रम में शामिल होना नहीं चाहते हैं लेकिन बाद में हमलोगों ने एक उपाय सोचा। पोशाक को सबसे नजदीक जगह रखा गया और दूसरे लोगों के मदद से समय पर पहनने को मिल गया। इस तरह हमलोगों ने कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया।
किसी भी काम में पहले कठिनाई का सामना करना पड़ता है फिर सफलता मिलती है। पिछले तीन सालों से हमारे दल की सदस्या बहुत कठिनता से अभ्यास करती आ रहीं हैं। अब यह मॉडल दल परिपक्व हो चुका है। आज इनके अभिनय के तरिकों में दिन प्रति दिन बदलाव भी आ रहा है। इनके पोशाक भी तरह-तरह के हैं जैसे-चीनी प्राचीन परिधान छी पाओ, खेल परिधान, अल्पसंख्यक जाति परिधान आदी। साथ ही प्रांतीय स्तर, शहरी स्तर पर कई बार प्रथम और द्वितीय पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं। कुओ शिव ली बोली कि हमलोगों ने पहले यह सब नहीं किया है। अभी मैं अपने आपको भाग्यशाली मानती हूं। पहले हमारा सपना था कि जवान लोगों की तरह हमें भी नाचने-गाने का मौका मिले।
उम्र का बढ़ना एक प्राकृतिक घटना है, इससे सभी लोगों को स्वीकार करना है। लेकिन दिल को जवान रखना और जवान लोगों की तरह मंच पर प्रदर्शन करना हमारा सपना होता है।
हाल ही में वु शी शहर के ह्वांग कांग स्ट्रीट पर सेवानिवृत लोगों के द्वारा कला प्रदर्शनी आयोजित किया गया। इसी समुदाय के सेवानिवृत वु छी ह्वा ने साईक्लिंग खेल से संबंधित डाक टिकट का प्रदर्शनी आयोजित किया, जिस पर सभी लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ। क्योंकि इस प्रदर्शनी में 58 देशों से आए डाक टिकटों को शामिल किया गया था। इस प्रदर्शनी में डाक टिकट के द्वारा साइकिल की शुरूआत, उत्पादन, परिचालन और उसके विकास के बारे में बताया गया है।
वू छी ह्वा पहले साइकिल उत्पादन कंपनी में काम करते थे। साइकिल से संबंधित डाक टिकट जमा करने का शौक 70 के दशक में हुआ था। आज उनके पास 58 देशों से आए 100 से ज्यादा डाकटिकट हैं। उन्होंने 30 सालों में यह डाक टिकट जमा किया है। कुछ टिकट दोस्तों ने दिया है तो कुछ खरीदे गए टिकट हैं।