विकासः अब हम ई-मेल से कुछ पत्र चुनकर पढ़ेंगे। आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश के मोहम्मद असलम ने ई-मेल में यह लिखा है कि साप्ताहिक प्रोग्राम न्युशिंग स्पेशल और मैत्री की आवाज़ ये दोनों प्रोग्राम बहुत काम का है अगर इसे अच्छी तरह से सुना जाये तो मैं आशा करता हूं बहुत समझदारी होगी। तरह तरह की जानकारी न्युशिंग स्पेसल में दिया जाता है, साथ ही मैत्री की आवाज़ में तरह तरह के सुझाव और भारत चीन के संबन्धों को मधुर करने के बारे में जानकारी होती है, यही हम श्रोताओं के लिये बेहतर है कि हम भी आप की बात सुनकर लोगों और छात्रों के साक्षात्कार सुनकर अपने आस पास लोगों के बाच भारत चीन की दोस्ती संबंधित बातें करें ऐसा करने से ही दोस्ती मधुर होगी।
चंद्रिमाः असलम जी, आपने बिल्कुल ठीक कहा। वास्तव में हम सब लोग चीन-भारत मित्रता के प्रसार-प्रचार का एक दूत बना सकते हैं। अगर मन चाहा, तो दोनों देशों का संबंध ज़रूर दिन-ब-दिन घनिष्ठ हो जाएगा। अगला ई-मेल है पश्चिम बंगाल के रतन कुमार पॉल का। इस बार उन्होंने यह लिखा है कि मैं तथा हमारे कल्ब के सभी सदस्य आप के प्रोग्राम हर दिन सुनते हैं। और फिलहाल हम नियमित रूप से आप की वेबसाइट को भी पढ़ते हैं। चीन का तिब्बत कार्यक्रम बहुत ज्ञानवर्धक है, इस कार्यक्रम से हम ने तिब्बत के बारे में खूब जानकारियां प्राप्त की। इस के लिये बहुत धन्यवाद।
विकासः पाकिस्तान के जिस्कानी रेडियो लिस्नर्स कल्ब के अध्यक्ष शाह नवाज़ जिस्कानी ने हमें भेजे ई-मेल में एक डिजिटल फ़ोटो के साथ यह लिखा है कि नमस्कार जी, कैसे हैं आप सब? ये कुछ नये श्रोता हैं, जो सी.आर.आई. हिन्दी सेवा को सुनते हैं। और शाह नवाज़ जिस्कानी ने इन लोगों को सी.आर.आई. के बारे में परिचय करवाया। अब हमारे कल्ब में 60 सदस्य बन चुके हैं। शाह नवाज़ जी, हम सब बहुत अच्छे हैं। और हम आपके हमारे कार्यक्रम का प्रसार-प्रचार करने के लिये आभारी हैं। हमने आप द्वारा भेजी गयी वह फोटो श्रोता वाटिका के संपादक को सौंप दिया है। आशा है अगले अंक में इसे शामिल किया जा सकेगा।
चंद्रिमाः अच्छा, दोस्तो, समय के अभाव से आज का कार्यक्रम यहीं तक समाप्त होता है। अगले हफ्ते हम ठीक इसी समय यहां फिर मिलेंगे। अब चंद्रिमा व विकास को आज्ञा दीजिये, नमस्कार।
विकासः नमस्कार।