1998 से 2009 तक सिंगापुर में हिन्दी भाषा की अध्यापिका और केन्द्र प्रमुख का उत्तरदायित्व निभाकर अपने पति देव के साथ चली आई चीन और शुरु की जिंदगी की दूसरी पारी। हिन्दी भाषा के प्रति प्रेम और लगाव ने मौका दिया, फरवरी 2010 से चाइना रेडियो इंटरनेशनल के परिवार का हिस्सा बनने का। तब से लेकर रेडियो कार्यक्रमों में न्यूशिंग स्पेशल, टॉप 5 और ओ मॉय गॉड- मैं चाइना में हूँ, को होस्ट करने के अलावा भारत-चीन से जुड़े सांस्कृतिक व कला क्षेत्र के जाने-माने कलाकारों व हस्तियों से साक्षात्कार। दूसरा चीन-भारत साझा चिकित्सा अभियान और 500 भारतीय युवा प्रतिनिधिमंडल की चीन यात्रा के दौरान रिपोर्टिंग की और साथ में किया चीन के कई शहरों का दौरा।