पर अब स्थानीय सरकार द्वारा निश्चित लकड़ी काटने का वक्त है । त्सेरिंग चोजोम का पति पर्वत पर लकड़ी काटने गया । घर की चाबी पति के पास है , पति को वापस बुलाने के लिये उन्होंने बड़े पर्तवों की ओर तेजी से कई सीटियां दीं , यह यहां के वासियों का पर्वतों में गये परिचितों से सम्पर्क करने का अलग तरीका ही है । लेकिन कई सीटियां देने के बाद पति की कोई जवाबी सीटी सुनाई नहीं पड़ी , इस का मतलब है कि पति काफी दूर चले गये । त्सेरिंग चोजोम को बड़ा खेद हुआ । पर हमें इंटरव्यू देने के लिये उन्होंने मजबूर होकर पड़ोसी से मनपा जातीय टोपी उधार ली और इसी पड़ोसी के घर पर बुलाया।
लेग्पो समुद्र सतह की चार हजार मीटर की ऊंचाई पर खड़ी छिंगहाई तिब्बत पठार के दक्षिण छोर पर अवस्थित है, वहां की औसत समुद्र सतह की ऊंचाई दो हजार नौ सौ मीटर है , यह चीन की काफी कम जनसंख्या वाली अल्पसंख्यक जाति मनपा बहुल क्षेत्रों में से एक है। मनपा जातीय लोगों में गीत गाने से अपनी भावना व्यक्त करने की परम्परा बनी रही है। गायका त्सेरिंग चोजोम ने कहा कि सामा मदिरा गीत सहले सिर्फ उत्सव या भोज के मौके पर गाया जाता था, पर बाद में अधिकाधिक मनपा जातीय लोग भिन्न भिन्न मौके पर यह मदिरा गीत गाना पसंत करते हैं । उन्होंने कहा कि अपने मां बाप के समय चाहे मिलन समारोह, शादी व्याह में हो या खेतों व चहागाहों में क्यों न हो , लोग साथ मिलकर अवश्य ही यह मदिरा गीत गाते थे । ऐसे गीत को मदिरा गीत की संज्ञा इसीलिये दी गयी है, क्योंकि यह गीत गाते समय मदिरा पीना जरूरी है। बातचीत करते करते त्सेरिंग चोजोम ने हमें अपने पड़ोसी द्वारा तैयार जौ मदिरा पिलाई। ताकि हम मदिरा पीने में मजा लेने के साथ साथ सामा मदिरा गीत के बारे में मर्मस्पर्शी कहानी सुन सके।
त्सेरिंग चोजोम ने यह कहानी सुनाते हुए कहा कि कहा जाता है कि सामा मदिरा गीत लापूल नामक एक व्यक्ति ने रचा। उस ने अपने जीवनकाल में गीतों के जरिये लोगों को विविधतापूर्ण आनन्द ला दिये, अंत में वह बुद्ध का अवतार लेकर मनपा जाति का गीत देवता बना। सामा मदिरा गीत के स्वर दो प्रकार के हैं, गीत के बोल परिवर्तनशील ही नहीं, ऐसे गीतों में जन्मभूमि के गुणगान गीत, सवाल जबाब प्रेम गीत और पुराने तिब्बत के सामाजिक वर्गों में मौजूद अंतरविरोधों को प्रतिबिम्बित करने वाले गीत भी शामिल हैं। कहा जा सकता है कि सामा मदिरा गीत ने मनपा जाति के जीवन व आध्यात्मिक भावना का रिकार्ड कर दिया है और मनपा जातीय इतिहास में हुए परिवर्तनों को प्रतिबिम्बित किया है।
लेकिन त्सेरिंग चोजोम के विचार में सामा मदिरा गीत का बोल कविता जितना सुंदर है। क्योंकि सामा मदिरा गीत के बोल का हरेक वाक्य सात या नौ अक्षरों से बना है। त्सेरिंग चोजोम ने कहा कि विश्वविख्यात छठें दलाई लामा मनपा जाति के छांगयांगचात्सो का जन्म यहां पर हुआ, वे बचपन से ही सामा मदिरा गीतों से प्रभावित हुए, इसलिये उन की कविताओं में सामा मदिरा गीत का भाव उपलब्ध है।