च्यो चेइको दर्शनीय स्थल चीन के स्छवान प्रांत के अबा तिब्बती और छ्यांग जातीय स्वायत्त प्रिफैक्चर में स्थित है, जो अपने सुंदर प्राकृतिक दृश्य के लिए प्रसिद्ध है। उसका दूसरा नाम है पृथ्वी पर स्वर्ग। चीनी भाषा में च्यो चेइको का मतलब है- पहाड़ों की तलहटी में बनी खाई में बसे नौ गांव। क्योंकि वहां पहाड़ों के बीच नौ तिब्बती गांव बसे हैं और हज़ार से ज्यादा तिब्बती वहाँ रहते हैं। उन्होंने अब भी अपने दैनिक जीवन में पुरानी तिब्बती परंपरा को बरकरार रखा है। वर्ष 1984 से च्यो चेइको प्राकृतिक दर्शनीय स्थल औपचारिक रूप से नागरिकों के लिए खोला गया और वहां के गांववासियों ने भी पर्यटन उद्योग के संचालन में भाग लिया। पर्यटन उद्योग के कारण उनके जीवन में सुधार, सुविधा और समृद्धि आई।
शु चेंग गांव में 400 से ज्यादा लोग रहते हैं। 58 वर्षीय तिब्बती महिला आमा खखत्सु का घर भी वहां पर है। च्यो चेइको के पर्यटन की समृद्धि के साथ खखत्सु ने अपने लिए दो-मंजिला बड़ा मकान बनवाया। जब हमारे संवाददाता उनसे मिले, तब वह अपने घर की पहली मंजिल पर बनी दुकान में पर्यटकों से बातचीत कर रही थी। उनकी दुकान में बिकने वाले तिब्बती हस्तशिल्प पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। खखत्सु ने बताया कि च्यो चेइको दर्शनीय स्थल के खुलने के शुरुआती वर्षों में उसका परिवार मिलकर होटल चलाता था जिससे बहुत अच्छी आय होती थी। इसके बाद च्यो चेइको के पारिस्थितिकी पर्यावरण के संरक्षण के लिए उसके परिवार का होटल बंद कर दिया गया। दर्शनीय स्थल हर साल टिकट की आय का एक हिस्सा जीवन-भत्ता के रूप में स्थानीय लोगों को देते हैं। गत वर्ष च्यो चेइको में पर्यटकों की संख्या 30 लाख से ज्यादा थी। स्थानीय लोगों को मिलने वाला जीवन-भत्ता बढ़कर औसत प्रति व्यक्ति का 20 हजार युआन तक पहुंच गया। अब वे अपने पूरे परिवार के साथ एक घर में खुशी से रहती हैं। उसकी दुकान में बेहतरीन तिब्बती स्मारिका मिलती हैं। उनका जीवन दिन-ब-दिन अच्छा होता जा रहा है। उन्होंने कहा:"अभी हमारा जीवन पर्यटन पर निर्भर करता है। पहले हमारा एक पारिवारिक होटल था। जब रात को कोई यहाँ ठहरता था,तो हम पैसे कमा सकते थे। लेकिन बाद में पारिवारिक होटलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। हमने भी अपना होटल बंद कर दिया। मकान की मरम्मत और कुछ सजावट के बाद उसे किराये पर किसी को दे दिया। और अब हम व्यापार करते हैं।"