सानच्यांग युआन छिंगहाई प्रांत में स्थित है, जो चीनी राष्ट्र की नदी मां पीली नदी, यांत्सी नदी और लानछांगच्यांग नदी के उद्गम स्थल हैं। चीनी भाषा में"सान"का अर्थ"तीन"है,"च्यांग"का अर्थ"नदी"और"युआन"का अर्थ"स्रोत"। कुल मिलाकर कहा जाए, तो"सान च्यांग युआन"का अर्थ"तीन नदियों का उद्गम स्थल"होता है। सानच्यांग युआन की पारिस्थितिकी चीन के लिए ही नहीं, एशिया, यहां तक कि विश्व के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। लम्बे अर्से में चीन सरकार इसी क्षेत्र में पारिस्थितिकी संरक्षण पर भारी महत्व देती है।
चीन में गैर सरकारी पर्यावरण संरक्षण संगठनों के लोग सानच्यांग युआन में पारिस्थितिकी संरक्षण में योगदान दे रहे हैं। इन गैर सरकारी संगठनों में सानच्यांग युआन पारिस्थितिकी पर्यावरण संरक्षण संघ अधिक उल्लेखनीय है। इस संघ के सदस्यों ने मशहूर चीनी वेबसाइट सिना डॉट कॉम में स्वयं का परिचय इस तरह दिया:"हम छिंगहाई-तिब्बत पठार में पारिस्थितिक दार्शनिक विचारधारा और इसमें पैदा हुई पारिस्थितिक संस्कृति के आधार पर मानव जाति और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व पर विश्वास करते हैं। हम आम नागरिकों और गांव वासियों के साथ मिलकर अपने प्रयासों से समाज के विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्तियों से आह्वान करते हैं, ताकि सानच्यान युआन क्षेत्र में प्राकृतिक पारिस्तितिकी पर्यावरण के संरक्षण हमेशा जारी रखा जाए।"
सानच्यांग युआन पारिस्थितिकी पर्यावरण संरक्षण संघ के महासचिव, 52 वर्षीय चाशी डोर्चे संगठन की आत्मा हैं। देश विदेश में मशहूर फिल्म"होहक्सिल"में पठारीय पर्यावरण रक्षक उनकी कहानी पर आधारित है। पर्यावरण संरक्षण करने के कारण बताते हुए चाशी डोर्चे ने कहा कि वे इस कार्य के अलावा कोई काम नहीं करना चाहते। उनका कहना है:
"बीस वर्ष पूर्व 1992 में मैंने'चीनी राष्ट्र पर्यावरण संरक्षण रक्षक'के नाम द्वारा सम्मानित किए गए च्येसांग सोनान दाच्ये के साथ होहक्सिल में मानव-रहित क्षेत्र में कुछ वर्षों तक पर्यावरण संरक्षण कार्य किया। हम मुख्य तौर पर तिब्बती नीलगायों का संरक्षण करते थे। बहुत दुख की बात है कि च्येसांग सोनान दोच्ये अवैध शिकारियों द्वारा मारे गए। खुनलुन पर्वत के दर्रे पर उनकी स्मृति स्मारत पत्थर रखा गया है। लोग जानते हैं कि फिल्म'होहक्सिल'हमारी कहानी के आधार पर शूटिंग की गई है। च्येसांग सोनान दोच्ये चले गए, लेकिन मैं जीवित हूं। मैं पर्यावरण संरक्षण के अलावा कोई दूसरा काम नहीं करना चाहता। पर्यावरण संरक्षण, तिब्बती नीलगाय और होहक्सिल मेरी जिन्दगी का एक हिस्सा बन गया है और मैं पिछले 20 से अधिक वर्षों से पर्यावरण संरक्षण कार्य कर रहा हूँ।"
लोग हाशी चाशी डोर्चे के स्नेहपूर्ण रूप से चार्डो कहते हैं। उनके चहरे का रंग काला है और वे बहुत बलवान पुरूष हैं। उनसे प्रारंभिक तौर पर मिलने के वक्त लोगों को फिल्म होहक्सिल में मुख्य पात्र का एक वाक्य एकदम याद आता है, जो यह है:
"क्या तुमने सांष्टांग प्राणाम करने वालों को देखा?उनका हाथ और चेहरा बहुत गंदा है, लेकिन उनकी आत्मा बहुत स्वच्छ और साफ़ है।"
बेशक चाशी डोर्चे पर्यावरण संरक्षण के रास्ते में सांष्टांग प्रणाम करने वाले संन्यासी हैं। वर्ष 1995 में उन्होंने अपने जन्मस्थान छिंगहाई प्रांत की चीतो कांउटी, जो यांत्सी नदी के स्रोत में स्थित है, में"यांत्सी नदी के स्रोत में पारिस्थितिकी कोष के संवर्द्धन संघ"की स्थापना की। यह चीन के तिब्बती बहुल क्षेत्रों में पहला पर्यावरण संरक्षण संगठन है। अपनी जन्मभूमि, यांत्सी नदी के स्रोत स्थित चीतो कांउटी की चर्चा में चाशी डोर्चे ने कहा:
"मेरा जन्म छिंगहाई प्रांत के युशू तिब्बती प्रिफेक्चर की चीतो कांउटी में हुआ और वहां मैं परवान चढ़ा। जब मैं 8 वर्ष का था तब मेरे माता-पिता का निधन हो गया था। इस तरह 8 वर्ष की उम्र से ही मैं अकेला हूँ। गांव वासियों ने मेरी लगातार मदद की है। गांव में एकमात्र अनाथ बच्चे के रूप में मुझे बहुत ज्यादा सहायता मिली। स्कूल जाने के समय गांववासी मुझे पढ़ाई करने के लिये फ़ीस देते थे। यहां तक कि कुछ समय मेरे पास पढ़ाई करने की फ़ीस दूसरे बच्चों से अधिक होती थी। वास्तव में कहा जाए, तो मुझे किसी तरह की मुसीबत का सामना नहीं करना पड़ा। मैं अक्सर सोचता हूँ कि जिन लोगों ने भी मेरी मदद की मैं पूरी जिंदगी उनकी सेवा कर भी उनका एहसान नहीं चुका सकता। इस तरह मैंने जन्मभूमि की पारिस्थितिकी संरक्षण वाला उत्तरदायित्व उठाया। मैं जन्मभूमि, यहां के निवासी और पारिस्थितिकी से जुड़े सभी पहलुओं से अपार प्यार करता हूँ।"