mohan
|
कुछ समय पूर्व भारत और नेपाल के कुछ पत्रकारों के एक प्रतिनिधि मंडल ने चीन की यात्रा की। इसी दौरान उन्होंने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का दौरा भी किया। तिब्बत की चार पांच दिनों की यात्रा के दौरान उन्होंने नज़दीक से तिब्बत के रीति रिवाज़, संस्कृति, परम्परा, धर्म, जनजीवन और आर्थिक विकास, शिक्षा जैसे क्षेत्रों के बारे में जानकारी एकत्र की।
नेपाली समाचार पत्र"द काठमांडू पोस्ट"के संवाददाता मोहन गुरागाइन ने तिब्बत के विकास और प्रगति की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले दर्जनों वर्षों में तिब्बती लोगों के जीवन में भारी परिवर्तन आया है। स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात और पानी-बिजली जैसे क्षेत्रों में पर्याप्त विकास हुआ है। यह नेपाली लोगों के लिए अकल्पनीय है। उन्हें आशा है कि नेपाल में भी चीन के तिब्बत की तरह तेज़ विकास साकार हो सकेगा।
तिब्बत की यात्रा के बाद भारतीय और नेपाली संवाददाताओं का प्रतिनिधि मंडल पेइचिंग वापस लौटा और पेइचिंग स्थित चीनी तिब्बत-विद्या अनुसंधान केंद्र का दौरा किया। वहां उन्होंने तिब्बत-विद्या पर चीनी द्विवानों के साथ बौद्ध धर्म और तिब्बती जन जीवन पर विचारों का आदान प्रदान किया और अपनी रुचि वाले मुद्दों पर सवाल पूछे। मोहन ने कहा कि चीनी विद्वानों और विशेषज्ञों के साथ हुई बैठक में उन्हें बौद्धधर्म के चीन में विकास खासकर तिब्बती बौद्धधर्म के तिब्बत में विकास और तिब्बत में धार्मिक विश्वास की समृद्ध जानकारी मिली है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में नेपाल और चीन के बीच बौद्धधर्म के क्षेत्र में अधिक आदान-प्रदान होगा।