क्वेईदे स्कूल का द्वार
कुछ समय पूर्व मैंने उत्तर पश्चिमी चीन के छिंगहाई प्रांत के हाईनान तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर की क्वेईदे कांउटी के जातीय स्कूल का दौरा किया था। शाम को करीब 6 बजे के आसपास मैंने स्कूल में प्रवेश किया, तो मैंने देखा कि कैंपस में हर कक्षा में विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल के खेल मैदान में, कक्षा भवन के सामने, पेड़ों के नीचे और कैंपस के प्रमुख मार्ग पर विद्यार्थी या तो जमीन पर बैठे हुए पढ़ रहे हैं, या फिर खड़े होकर पढ़ रहे हैं। वे हाथों में चीनी, तिब्बती और अंग्रेज़ी भाषा वाली पाठ्यपुस्तक लेते हुए ऊंची आवाज़ में पढ़ाई कर रहे हैं। सूर्यास्त की किरणों में विद्यार्थियों की आवाज़ पीली नदी के तट पर गूंज रही है। इसी क्षण मुझे मेरे स्कूल के दिन याद आ गए।
छिंगहाई तिब्बत पठार उंचे पर्वत से उद्गम पीली नदी चीनी राष्ट्र की मातृ नदी है। नदी में बहुत ज्यादा रेत और मिट्टी के कारण पानी का रंग पीला है। इसलिये इसे पीली नदी कहा जाता है। क्वेईदे कांउटी पीली नदी के ऊपरी भाग में स्थित है। लेकिन इस भाग में पीली नदी का पानी बिलकुल साफ़ और स्वच्छ है। हान, तिब्बती, ह्वेई, थू और सारा आदि 15 जातियां इस कांउटी में मेल मिलापपूर्वक रहती हैं, जिनमें तिब्बती जाति की जनसंख्या 35 प्रतिशत है। व्यापक तिब्बती किसानों और चरवाहों के बच्चों के स्कूल जाने का सवाल हल करने के लिए वर्ष 2008 में क्वेईदे काउंटी ने छिंगहाई प्रांत के हाईनान तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर की संबंधित नीति के अनुसार कांउटी के 44 स्कूलों को एकत्र कर क्वेईदे जातीय स्कूल की स्थापना की। स्कूल के प्रधान सोनान डोर्चे ने जानकारी देते हुए कहा कि यहां पढ़ने वाले 98 प्रतिशत विद्यार्थी तिब्बती जाति के हैं। वे मुख्य तौर पर कृषि और पशुपालन पृष्टभूमि से आते हैं। प्राइमरी स्कूल के पहले ग्रेड से मीडिल स्कूल के तीसरे ग्रेड तक नौ स्तरों की 63 कक्षाएं हैं। यह क्वेईदे कांउटी में सबसे बड़े स्कूलों में से एक है। स्कूल के प्रधान सोनान डोर्चे ने कहा:" इस स्कूल का निर्माण वर्ष 2008 में हुआ था। वर्ष 2009 के अगस्त माह में काउंटी ने ग्राम स्तरीय प्राइमरी स्कूलों और जिले स्तरीय मध्यम दर्जे के स्कूलों को एकत्र करके इस नये स्कूल की स्थापना की। हमारा स्कूल नौ वर्षीय स्कूल है, वर्तमान में यहां पर कुल 3100 से अधिक विद्यार्थी और 340 शिक्षक हैं। प्राइमरी स्कूल के 1900 छात्र हैं और मीडिल स्कूल के 1300 से ज्यादा विद्यार्थी।"
विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक पढ़ते हुए
क्वेईदे जातीय स्कूल के प्रधान सोनान डोर्चे के कथन में नौ वर्षीय स्कूल का मतलब है कि स्कूल प्राइमरी और मीडिल स्कूल का एकसाथ प्रबंधन करता है। इसी दौरान विद्यार्थी प्राइमरी स्कूल के पहले ग्रेड से मीडिल स्कूल के तीसरे ग्रेड तक नौ वर्षों में प्राइमरी और मिडिल स्कूली शिक्षा प्राप्त करते हैं। सोनान डोर्चे ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में स्कूल के तीन सत्रों वाले विद्यार्थी मीडिल स्कूल से स्नातक हुए हैं। हाई स्कूल में दाखिला दर 95 प्रतिशत थी। वर्ष 2012 में यह दर 98 प्रतिशत तक जा पहुंची थी। आम तौर पर मीडिल स्कूल से स्नातक हुए विद्यार्थी हाईनान तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर के जातीय हाई स्कूल में प्रवेश करते हैं। क्वेईदे जातीय स्कूल के प्रधान सोनान डोर्चे ने कहा कि स्कूल में तिब्बती भाषा कक्षा और तिब्बती गणित शास्त्र के अलावा भीतरी क्षेत्र के दूसरे स्थलों के बराबर कोर्स खोला जाता है, इसका लक्ष्य यहां के तिब्बती विद्यार्थियों और भीतरी क्षेत्र के विद्यार्थियों के बीच सांस्कृतिक दूरी को कम करना है। इसका परिचय देते हुए स्कूल प्रधान सोनान डोर्चे ने कहा:"हम देश के मापदंड के अनुसार कोर्स स्थापित करते हैं। प्राइमरी स्कूल में तिब्बती भाषा, चीनी हान भाषा, गणित, विज्ञान, खेल, संगीत, चित्रकला और कंप्यूटर जैसी शिक्षा दी जाती है। प्राइमरी स्कूल के चौथे ग्रेड से ही विद्यार्थी अंग्रेज़ी सीखने लगते हैं। मिडिल स्कूली कोर्स देश के दूसरे स्थलों के सामान्य स्कूलों के बराबर हैं। इसके अलावा तिब्बती भाषा की कक्षा भी होती है।"
ध्यान से पढ़ते हुए तिब्बती लड़की
क्वेईदे जातीय स्कूल के विभिन्न कोने में विद्यार्थी गंभीरता के साथ ऊंची आवाज़ में पाठ्यपुस्तक पढ़ रहे हैं। प्रधान सोनान डोर्चे ने कहा कि हर वर्ष 10 अप्रैल से 10 अक्तूबर तक के ग्रीष्मकाल में स्कूल में विद्यार्थियों के सुबह और शाम को क्लासरूम के बाहर जाकर ऊंची आवाज़ में पाठ्यपुस्तक पढ़ने का नियम प्रचलित है। ये विद्यार्थियों के शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, साथ ही किसी हद तक बिजली और ऊर्जा की किफायत भी की जाती है। सोनान डोर्चे ने कहा:"हर दिन शाम को 6 बजे हम रात्रि भोज करते हैं। इस के बाद रात्रि स्वशिक्षा की कक्षा होती है। रात्रि भोज और रात्रि स्वशिक्षा के बीच का समय पढ़ने का है। हम विद्यार्थियों को क्लासरूम के बाहर पढ़ने को प्रोत्साहन देते हैं। ये विद्यार्थियों के शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। पहला, बाहर वायु साफ़ और स्वच्छ रहती है। रात्रि भोज करने के बाद विद्यार्थी क्लासरूम के बाहर कुछ खेलने के बाद पाठ्यपुस्तक पढ़ते हैं। दूसरा, वर्तमान में विद्यार्थियों के पास पढ़ाई का बोझ भारी है। होमवर्क ज्यादा होने के कारण वे आम तौर पर शांति से काम करते हैं। बाहर पढ़ने से उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इस तरह हमारे स्कूल ने विशेष तौर पर सुबह और शाम के समय विद्यार्थियों के क्लासरूम के बाहर पढ़ने की व्यवस्था की है।"
क्वेईदे जातीय स्कूल के प्रधान सोनान डोर्चे के अनुसार सभी विद्यार्थी स्कूल में पढ़ते हैं, खाते हैं और रहते हैं। कृषि और पशुपालन क्षेत्र स्कूल से बहुत दूर होने के कारण विद्यार्थियों के स्कूल से घर वापस जाना असुविधापूर्ण है। इस पर सोच विचार करते हुए स्कूल विशेष छुट्टी व्यवस्था लागू करता है। यानी महीने के शुरुआती 22 दिनों तक लगातार कक्षा लगती है और महीने के अंत में विद्यार्थियों को आठ दिनों की लगातार छुट्टियां दी जाती है। इस व्यवस्था से विद्यार्थी छुट्टियों में घर में ज्यादा समय ठहर सकते हैं, जो एक हफ्ते दो दिनों की छुट्टियों की तुलना में अधिक सुविधापूर्ण है।
कक्षा इमारत के सामने पढ़ते हुए