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पर्यावरण संरक्षण के साथ सुन्दर तिब्बत का विकास
2013-03-19 09:39:57

चीन के पश्चिमी क्षेत्र में 12 वर्ष पहले विकास के लिये नीति लागू की गई थी। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश देश के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है और इस नीति से तिब्बत को बहुत लाभ मिला है। केंद्र सरकार और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने तिब्बत के पर्यावरण संरक्षण के लिए 10 अरब युआन की पूंजी लगाई है। विकास और संरक्षण की नीति के चलते तिब्बत का भविष्य सुनहरा दिखाई दे रहा है।

कुछ समय पूर्व हमारे संवाददाता ने उत्तर तिब्बत के घास मैदान का दौरा किया था। घास के मैदान के बड़े हिस्से को रेलवे लाइन से जोड़ा गया है। रेल गाड़ी उत्तरी तिब्बत पठार से गुज़रने के वक्त कभी कभार घास के मैदान में दोड़ती हुई नील गाय देखने को मिल जाती हैं। वर्ष 2006 के जुलाई में छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग का यातायात शुरू होना पश्चिमी चीन के तेज़ विकास वाली परियोजना का प्रतीक है। इस शानदार यातायात निर्माण परियोजना पर विश्व का ध्यान भी केंद्रित हुआ है। लोगों को चिंता थी कि रेल निर्माण के चलते यहां के पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा। लेकिन कई सालों के बाद इस रेल लाइन के जरिए मानव और प्रकृति के बीच, आर्थिक विकास और पारिस्थितिकी पर्यावरण के बीच सामंजस्य बनाया गया है।

बताया जाता है कि छिंगहाई तिब्बत रेल समूह ने पर्यावरण संरक्षण परियोजना के लिए 2 अरब 10 करोड़ युआन की पूंजी लगाई है, रेल लाइन के दोनों किनारों पर 33 जंगली जानवर संरक्षण केंद्रों की स्थापना की और पहली बार जंगली जानवरों के स्थानांतरण के लिए रास्ता खुला। छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग के दोनों तरफ के दृष्ट काफी सुंदर और मनोहारी दिखाई देते हैं। हज़ारों किलोमीटर लम्बे रेल मार्ग, बर्फीले पहाड़ और स्वच्छ झील एक साथ मिलकर यहां अति सुंदर दृष्य बनाती हैं। छिंगहाई तिब्बत रेल कंपनी के ल्हासा कार्यालय के उप-प्रधान चोंगचुन ने जानकारी देते हुए कहा:"हम प्राकृतिक संरक्षण केंद्र, जंगली जानवरों के स्थानांतरण रास्तों के संरक्षण, पठारीय वनस्पतियों के संरक्षण और बहाली, पठारीय दर्शनीय दृश्यों के संरक्षण, आर्द्रभूमि के संरक्षण और नदियों,झीलों के पानी की गुणवत्ता के संरक्षण आदि क्षेत्रों में संरक्षण किए जाने पर जोर देते हैं।"

बुनियादी संस्थापनों के निर्माण के दौरान पारिस्थितिकी और पर्यावरण संरक्षण को आगे बढ़ाना तिब्बत में लागू की जा रही"विकास के दौरान संरक्षण करना और संरक्षण के दौरान विकास"की नीति का एक अहम भाग है। महत्वपूर्ण परियोजनाओं के निर्माण के दौरान पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मामलों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। सारे स्वायत्त प्रदेश में निर्मानाधीन परियोजनाओं का 90 प्रतिशत भाग पर्यावरण संरक्षण पर जोर देता है, जबकि शत प्रतिशत महत्वपूण परियोजनाओं के निर्माण के दौरान पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दिया जाता है।

आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 12 वर्षों में चीन और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने पारिस्थितिकी व पर्यावरण संरक्षण के लिए 10 अरब युआन की पूंजी लगाई है। अब तक तिब्बत में 21 पारिस्थितिक संरक्षण केंद्रों, 7 राष्ट्रीय स्तर वन पार्कों, 3 भूवैज्ञानिक पार्कों और विभिन्न स्तरीय 47 प्राकृतिक संरक्षण केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है। संरक्षण केंद्रों का क्षेत्रफल तिब्बत के भूभाग का एक तिहाई बन गया है, जो देश में प्रथम स्थान पर है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विकास और रूपांतरण समिति के अधीनस्थ पश्चिमी विकास विभाग के प्रधान चङ क्वोफिंग ने बताया कि तिब्बत में पारिस्थितिकी और पर्यावरण संरक्षण का निर्माण स्वायत्त प्रदेश के छलांग विकास प्रक्रिया में अपरिहार्य रणनीतिक विकल्प है। उन्होंने कहा:"पारिस्थितिक निर्माण और पर्यावरण संरक्षण पश्चिमी चीन के तेज़ विकास रणनीति की पूर्व शर्त है। यह तिब्बत की विशेषता के अनुकूल है, जिससे वैज्ञानिक विकास विचारधारा जाहिर हुई। पारिस्थितिक निर्माण और पर्यावरण संरक्षण तिब्बत के अनवरत सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए हितकारी है और यहां की समृद्धि की गारंटी भी मानी जाती है।"

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