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तिब्बत में की जाएगी सामाजिक स्थिरता मज़बूत
2013-03-11 14:11:39

पेइचिंग में आयोजित हो रहे चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा यानी एनपीसी के वार्षिक सम्मेलन में भाग ले रहे तिब्बती प्रतिनिधि मंडल के प्रतिनिधियों ने हाल में देशी विदेशी पत्रकारों से भेंट की और उनकी जिज्ञासा को शांत किया। स्वायत्त प्रदेश कम्युनिस्ट पार्टी कमेटी के उपाध्यक्ष श्यांगबा फिंगत्सो ने कहा कि अब तक तिब्बत के 1700 से अधिक मठों में 46 हज़ार से ज्यादा भिक्षुओं और भिक्षुणियों में से किसी ने भी आत्मदाह नहीं किया, जबकि दूसरे प्रांत के तिब्बती बहुल क्षेत्रों में हुई आत्मदाह की घटनाएं दलाई लामा गुट से संबंधित है। चीन भविष्य में तिब्बत में सामाजिक स्थिरता को और मज़बूत करेगा।

आठ मार्च की सुबह पेइचिंग स्थित जन बृहद भवन में देश विदेश के 120 से अधिक मीडिया संस्थाओं के 140 पत्रकार एकत्र हुए थे। इस दौरान एनपीसी के वार्षिक सम्मेलन में उपस्थित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के प्रतिनिधि मंडल के सदस्य संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस सम्मेलन में पत्रकारों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश से संबंधित सामाजिक विकास, स्थिरता और पारिस्थितिकी निर्माण पर प्रश्न पूछे, साथ ही उनका ध्यान कुछ समय पूर्व उत्तर पश्चिमी चीन के कानसू प्रांत के तिब्बती बहुल क्षेत्र में हुए संगठनात्मक आत्मदाह घटना पर भी केन्द्रित रहा।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश कम्युनिस्ट पार्टी कमेटी के उपाध्यक्ष श्यांगबा फिंगत्सो

विदेशी संवाददाता के पूछे जाने पर कि क्या चीन सरकार के पास सिलसिलवार आत्मदाह घटनाओं के विदेशी शक्ति द्वारा उत्तेजित किए जाने के प्रमाण हैं या नहीं। श्यांगबा फिंगत्सो ने कहा कि तिब्बत स्वायत्त प्रेदश के किसी भी मठ में आत्मदाह की कोई भी घटना नहीं घटी। देश के दूसरे प्रांतों के तिब्बती बहुल क्षेत्रों में आत्मदाह की घटना मात्र कुछ मठों में ही हुई। जांच में पता चला है कि इन मामलों में निश्चय ही विदेशी शक्तियों का हाथ है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आत्मदाह तिब्बती बौद्ध धर्म के नियम का उल्लंघन है, यह बहुत दुख की बात है। श्यांगबा फिंगत्सो ने कहा:"अभी तक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में 1700 से अधिक मठों के 46 हज़ार से ज्यादा भिक्षुओं और भिक्षुणियों में से किसी ने भी आत्मदाह नहीं किया है। देश के दूसरे प्रांतों के तिब्बती बहुल क्षेत्रों में हुए आत्मदाह के मामले मात्र कुछ मंदिर में ही हुए थे। देश भर में दस या बीस हज़ार तिब्बती बौद्ध धर्म के मठ हैं, क्यों आत्मदाह घटना सिर्फ़ कुछ ही मठों में हुई?जांच के बाद पता चला कि ये घटनाएं विदेशी शक्तियों और दलाई लामा गुट से संबंधित थीं। इस बारे में हमारे पास पूर्ण प्रमाण हैं। कुछ दिन पहले चीन की मीडिया संस्थाओं ने इस संबंधित सूचनाएं सार्वजनिक की थीं, इनमें आत्मदाह की घटना के कारण, घटना को कैसे उत्तेजित किया गया, कैसे संगठित किया गया, घटना के बाद कैसे रिपोर्ट दी गई, विदेशी लोकमत का प्रोत्साहन कैसे किया गया जैसे मुद्दे शामिल हैं। इन सभी ने मिलकर एक पूरा घटनाक्रम बनाया। किसी व्यक्ति को उत्तेजित करके दूसरे की हत्या करना एक गंभीर अपराधपूर्ण कार्रवाई है। इस तरह चीन ने संबंधित अपराधियों को सज़ा दी और दुनिया के सामने इस घटना को सार्वजनिक किया। चीन सरकार हमेशा प्रमाण को महत्व देने के साथ अपराधियों को कानून के मुताबिक सज़ा भी देती है। आत्मदाह मामले का दलाई लामा गुट से घनिष्ठ संबंध है। प्राप्त प्रमाणों से पुष्टि हुई है कि दसियों लोगों ने अपनी जान गंवा दी, किसी न किसी व्यक्ति को इसका उत्तरदायित्व लेना चाहिए।"

श्यांगबा फिंगत्सो ने कहा कि आज के तिब्बत का वातावरण शांतिपूर्ण बना हुआ है। वह लगातार स्थिरता व चिरस्थाई शांति की दिशा में विकसित हो रहा है।"एकता-स्थिरता सुख का आधार है जबकि अलगाव और अस्थिता दुख का"। यह पूरे तिब्बती समाज का समान विचार है।

श्यांगबा फिंगत्सो पहले स्वयं एक भू-दास थे और अब वे एक उच्च स्तीरय तिब्बती अधिकारी बन गए हैं। उन्होंने कहा कि तिब्बती जनता का ध्यान स्वायत्त प्रदेश के निर्माण पर केंद्रित हुआ है, ताकि वर्ष 2020 तक देश के दूसरे क्षेत्रों के साथ खुशहाल समाज वाले लक्ष्य को साकार किया जा सके। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए तिब्बत में सामाजिक स्थिरता अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्यांगबा फिंगत्सो ने कहा:"हम अवश्य ही स्थिरता को मज़बूत करेंगे, ताकि तिब्बत में शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित हो सके। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखा जाए, तो ऐसा लगता है कि स्थिरता बनाए रखना हमारी अभिलाषा है, दलाई लामा गुट और पश्चिमी शत्रुतापूर्ण शक्तियां स्थिरता को नष्ट करने की कुचेष्टा कर रही हैं। यह सर्वमान्य बात है। इस तरह हम स्थिरता को बनाए रखने पर जोर देंगे। हमें जनता का समर्थन मिलना इसकी कड़ी है। वर्तमान में तिब्बत के मठों में पानी, बिजली और मार्ग की सुविधा है। इसके साथ ही भिक्षुओं और भिक्षुणियों के लिए चिकित्सा बीमा, पेंशन बीमा, न्यूनतम जीवन बीमा जैसी सेवाएं भी दी जाती हैं। देश से प्यार करने और कानून का पालन करने वाले लोग हमारे मित्र और देश के नागरिक हैं। हम उन्हें हर संभव मदद देंगे। इसके साथ ही हम देश को विभाजित करने वाले अल्पसंख्यक तत्वों पर कठोर कार्रवाई भी करेंगे।"

बताया जाता है कि वर्ष 2012 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का उत्पादन मूल्य 70 अरब युआन तक जा पहुंचा था, जिसकी वृद्धि दर 12 प्रतिशत थी। शहरों और कस्बों के नागरिकों की आय 18 हज़ार 28 युआन और प्रति किसान और चरवाहे की औसतन आय 5719 युआन थी। इसके साथ ही तिब्बत ने मठों के भिक्षुओं-भिक्षुणियों के हितों और अधिकारियों को बनाए रखने की सक्रिय कोशिश की। हर मठ में पानी, बिजली और मार्ग की सुविधा के अलावा पंजीकृत सभी भिक्षुओं-भिक्षुणियों को सामाजिक बीमा योजना में शामिल किया गया है, उन्हें मुफ्त स्वास्थ्य जांच, पेंशन और चितिक्सा बीमा आदि सुविधाओं से लाभ मिल रहा है।

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