चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं कांग्रेस में उपस्थित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने 9 नवम्बर को देशी विदेशी मीडिया के सामने दलीय विचार विमर्श खुला किया। विश्व ध्यानाकर्षक तिब्बती बौद्ध धर्म के भिक्षुओं के आत्मदाह मामले को लेकर उन्होंने कहा कि तिब्बती बौद्ध धर्म के सिद्धांतों में जान को क्षति पहुंचाने वाली कार्रवाई का विरोध किया जाता है। दलाई गुट दूसरे लोगों की जान को त्याग करने से अपनी राजनीतिक कुचेष्टा प्राप्त करना चाहता है। यह मानव जाति की समान नैतिकता के खिलाफ़ है। वर्तमान में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश भिक्षुओं व भिक्षुणियों की सामाजिक प्रतिभूति व सर्वजनिक सेवा निर्माण को मज़बूत करते हुए उन के तपस्या के लिए अनुकूल स्थिति तैयार करने की कोशिश कर रहा है।
तिब्बती बौद्ध धर्म के भिक्षुओं के आत्मदाह घटना की चर्चा में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के उपाध्यक्ष लोसांग ग्याल्ट्सेन ने कहा:"हमारा विचार है कि आत्मदाह घटना में कई जटिलपूर्ण कारण मौजूद हैं। कई मामले व्यक्तिगत अतिवादी कार्रवाई हैं, और कई तो विदेश में अलगाववादियों द्वारा उत्तेजित किए गए मामले हैं। विदेश में तथाकथित'तिब्बत की स्वतंत्रता'वाली शक्ति ने इस का खूब प्रचार किया और इन हरकत को हिरो वाली कार्रवाई बताई। उन्होंने आत्मदाह व्यक्तियों को हिरो भी माना। मानव की जान बहुत मूल्यवान है। तिब्बती बौद्ध धर्म के सिद्धांतों में जीन की क्षति वाली कार्रवाई का विरोध है। दलाई गुट दूसरों की जान को त्याग करने से अपनी राजनीतिक कुचेष्ठा प्राप्त करना चाहता है। यह मानव जाति की नैतिकता का उल्लंघन है। उन्हें जरूर विफल होगा और कड़ी निंदा की जाती है।"