दोस्तो, सछ्वान प्रांत के तिब्बती बहुल क्षेत्र में लागू की जा रही तिब्बती चरवाहा निपटान योजना यानी"नया तम्बू जीवन"योजना में कुल 92 हजार से ज्यादा आवासीय कमरों का निर्माण पूरा हुआ है, जिससे तिब्बती चरवाहों की"हर घर के पास निश्चित कमरा और हर परिवार के पास नया तम्बू"वाली इच्छा पूरी हो गई। सुनिए एक रिपोर्ट
"आपा तिब्बती प्रिफेक्चर होंगयुआन कांउटी के आनछ्यु जिले के चरवाहे जर्डो का नया घर विशाल, गर्म व प्रकाशवान है। वह पर्यटकों की सेवा के लिए स्टैंडर्ड कमरे तैयार करता है। ये काफी सुविधाजनक होने के साथ-साथ स्वच्छ व व्यवस्थित कमरे हैं, जिनमें रहने की बड़ी सुविधा मिलती है। "
"उन्होंने अपने घर में होटल बनाया है और इस गर्मी से यात्री यहां ठहर सकेंगे। "
स्छवान प्रांत की तिब्बती चरवाहा निपटान योजना यानी "नया तम्बू जीवन"योजना ने तिब्बती विशेषता वाले देहाती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दिया है। यात्रियों के लिए खानपान, रहनसहन, यातायात और मनोरंजन आदि सुविधाएं मुहैया करने की सेवा से स्थानीय चरवाहों की आय बढ़ी है। ताईली गांववासी शिपू ने कहा:
"पहले हम पहाड़ों पर रहते थे, सरकार ने हमारे लिए कमरों का निर्माण किया है, अब हम इनमें रहने लगे हैं, यहां यातायात, पानी, आश्रय की स्थिति तो बहुत सुविधाजनक है। यहां आने वाले पर्यटकों की सेवा करने हमारी आय में बड़ी वृद्धि हुई है।"
स्छवान प्रांत में तिब्बती चरवाहा निपटान योजना शुरू हुए तीन साल हो चुके हैं। नए आवासीय कमरों की संख्या 92 हजार से ज्यादा है, ग्रामीणों के लगभग 800 गतिविधि केंद्र भी स्थापित हुए हैं। हर घर व परिवार में पानी, बिजली, टीवी व टेलीफोन की सुविधा है। अब चरवाहों के घुमंतू जीवन से सामूहिक स्थाई जीवन तक परिवर्तित हो गया। स्छ्वान प्रांत के आपा तिब्बती प्रिफेक्चर की रांगथांग कांउटी के उप-प्रधान कुशि ने हमें बताया:
"इस परियोजना बनाने के शुरू में हम ने ज्यादा सोचविचार कर अच्छी गुणवत्ता वाले गांव के निर्माण के लिए डिज़ाइन किया। वे सिर्फ साधारण चरवाहों के बंदोबस्त की जगह नहीं हैं।"