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दिनांक 2011-04-25
2011-04-26 16:45:16
डायरी—अंतिम दिन

अविस्मरणीय चियांग शी

आज चियांग शी प्रांत में हमारे दौरे का अंतिम दिन था। दिल में एक तरफ जहाँ खुशी था वहीं दूसरी तरफ चियांग शी से बिछड़ने का गम भी। हमारे दल में भी कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल छाया हुआ था। सुबह-सुबह हमलोग जल्दबाजी में नाश्ता खत्म कर हमलोग सम्राट थंग वांग क के महल का दौरा करने निकले। यह महल नान छांग शहर के बीचोबीच स्थित है। यह कान नदी के किनारे स्थित छ मंजिला महल है जहाँ से देखने पर पूरा नान छांग शहर स्पष्ट और सुंदर दिखता है।

इस महल को यांगत्सी नदी क्षेत्र के दक्षिणी भाग में स्थित तीन सबसे मशहूर और सुंदर महल की श्रेणी में शामिल किया गया है। इस महल की सुंदरता के बारे में चीन के थांग राजवंश के समय के एक कवि वांग पो ने बहुत ही सुंदर कविता की रचना की थी। यह कविता आज भी चीनी विद्यालयों में पढ़ायी जाती है। इसलिए आप किसी भी व्यक्ति से इस महल के बारे में पूछेंगे तो आपको उत्तर ना में नहीं मिलेगा।

इस महल के सबसे निचले भाग में सम्राट का निवास स्थान है वहीं सबसे उपरी भाग पर सम्राट अक्सर मंत्री के साथ शहर के सुंदरता और विकास के बारे में विचार-विमर्श करते थे। महल के प्रत्येक मंजिल की बनावट विविधता भरी है, साथ हि इसका उपयोग भी विभिन्न गतिविधियों के लिए किया जाता था। मैनें एक अमेरिकी सहकर्मी के साथ सबसे निचले मंजिल पर सम्राट के वेशभूषा में फोटो भी लिया जोकि अत्यंत सुंदर है। थोड़ी देर के लिए मुझे सम्राट होने का भी एहसास हुआ।

समय के अभाव के कारण यहाँ हमलोग केवल एक घंटा ही रूक सके। महल देखने के बाद हमलोगों ने सी आर आई के टीम के साथ कई फोटो भी लिए। मैनें स्थानीय पर्यटन विभाग के लोगों के साथ भी फोटो लिया। इस फोटो को लेने के बाद मेरा आँखें नम हो गयीं क्योंकि इसके बाद हमलोग बिछड़ने वाले थे। थोड़ी देर में हमलोग वापस पेइचिंग के लिए नान छांग हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए।

नान छांग शहर तेजी से विकसित होने वाली शहर है। पर्यटन ने यहाँ के लोंगों के लिए भी कई तरह के नये अवसर लाया है। सरकार ने इस क्षेत्र के विकास में जहां अपना योगदान दिया है वहीं स्थानीय लोगों ने भी इसमें अपनी भूमिका निभायी है।

लगभग एक घंटे के बाद हमलोग नानछांग शहर को छोड़ पेइचिंग के लिए रवाना हो गए। कहने के लिए तो हमलोग चियांग शी प्रांत से अलग हो गए लेकिन इस प्रांत ने हमारे दिल पर जो अमिट छाप छोड़ी है उसे कभी भी मिटाया नहीं जा सकता है। चियांग शी के लोगों का मेरा बहुत-बहुत शुक्रिया। उनलोगों ने इन पाँच दिनों के दौरान जो प्यार और सत्कार दिया है उसके लिए धन्यवाद बहुत ही छोटा शब्द है। मेरी आशा है कि यहाँ के लोग दिन दुगुनी रात चौगुनी विकास करें और खुशहाल जीवन व्यतीत करें।

अलविदा चियांग शी।।

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