श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर भारत के सामने जीत के लिए 275 रनों का लक्ष्य रखा। हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने कसी हुई गेंदबाजी का प्रदर्शन किया लेकिन अंत के 5 ओवर में श्रीलंकाई टीम को रन बनाने से नहीं रोक सके। श्रीलंका की तरफ से जयवर्धने ने नाबाद 103 रन बनाया।
275 रनों के जबाव में उतरी भारतीय टीम को शुरूआत में सहवाग और सचिन के रूप में दो बड़े झटके लगे लेकिन गौतम गंभीर की सूझबूझ भरी 97 रनों की पारी और धोनी की संयम भरी नाबाद 91 रनों की कप्तानी पारी की बदौलत भारत ने यह लक्ष्य 10 गेंद शेष रहते ही हासिल कर लिया।
धोनी ने दिया घुमा के विजयी छक्का
धोनी ने 49 वें ओवर में कुलशेखरा के दूसरे गेंद पर छक्का जड़कर टीम इंडिया के जीत का जश्न मनाया। इस ऐतिहासिक जीत के साथ महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट विश्व कप के इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं। इससे पहले धोनी ने टीम इंडिया को ट्वैंटी-ट्वैंटी कप का भी विश्व कप दिलवाया है।
सचिन हुए भावविभोर
इस जीत के साथ ही विश्व के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का अधूरा सपना पूरा हो गया है। सचिन इससे पहले इसी मैदान पर 1987 में बॉल बॉय थे और इसी मैदान पर विश्व विजेता टीम के सदस्य बन गए। वे इस खुशी से भावविभोर हो उठे। इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही साथी खिलाड़ियों ने सचिन को कंधों पर उठाकर पूरे मैदान में दर्शकों का अभिवादन किया। सचिन ने कहा कि यह उनके जीवन का सबसे गौरवशाली क्षण हैं और उन्हें गर्व है कि वे इस टीम के सदस्य हैं। इसी के साथ ही उन्होनें साथी खिलाड़ियों को धन्यवाद भी दिया और कहा कि वे खुशी के मारे अपने भावनाओं पर काबू नहीं कर पा रहे हैं।
गंभीर बने चार हजारी
गौतम गंभीर ने इस रोमांचक मुकाबले में संयम का परिचय देते हुए 4 हजार रनों के आंकड़ा को पार कर लिया। गंभीर ने इस मुकाबले में जैसे ही 25 वां रन बनाया वे क्रिकेट में 4 हजारी बन गए। उन्होनें इस मैच में कप्तान धोनी के साथ मिलकर 108 गेंदों पर बेशकिमती 103 रनों की साझेदारी की। इस पार्टनरशीप ने मैच का रूख भारत की तरफ मोड़ दिया। विरेंदर सहवाग ने गंभीर की प्रशंसा करते हुए कहा कि गंभीर, सुनिल गवास्कर के बाद सबसे महान ओपनर हैं।
धोनी को मिला मैन ऑफ द मैच तो युवी ने लिया मैन ऑफ द टुर्नामेंट
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को जहाँ उनके संयम भरे 91 रनों की कप्तानी पारी के लिए मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया वहीं युवराज सिंह को इस सीरीज में शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द टुर्नामेंट का पुरस्कार दिया गया। युवराज सिंह इस सीरीज में चार बार मैन ऑफ द मैच भी रह चुके हैं। युवराज ने 9 मैचों में 90.50 की औसत से 1 शतक और 4 अर्धशतकों की मदद से शानदार 362 रन बनाए जबकि 25 की औसत से 15 विकेट भी अपने नाम किए।
धोनी एक चतुर कप्तान
इस ऐतिहासिक जीत के साथ धोनी ने जहाँ एक सफल कप्तान होने का परिचय दिया है वहीं एक चतुर कप्तान के रूप में भी उभर कर सामने आएं हैं। चाहे ऑस्ट्रेलिया हो या पाकिस्तान या फिर श्रीलंका धोनी अपनी सूझबूझ से सभी विपक्षी टीम पर भारी पड़े हैं। आज के मैच में धोनी ने पांचवें नंबर पर युवराज को न भेजकर खुद बल्लेबाजी करने आए और श्रीलंकाई टीम की बनी-बनाई रणनीति पर पानी फेर दिया। धोनी ने इस मैच में वनडे कैरियर के 6 हजार रन भी पूरे किए। उन्होनें यह उपलब्धि मलिंगा की गेंद पर अपनी पारी का 42 वां रन लेकर किया।
(विकास)