श्रोता दोस्तो ,चाइना रेडियो इंटरनेशनल और चीनी च्यांग शि प्रांत के पर्यटन ब्यूरो द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सम्मोहक च्यांग शि पर्यटन ज्ञान प्रतियोगिता का विशेष कार्यक्रम सुनने का स्वागत ।
मशहूर लु शान पहाड का दौरा करने ,हजार वर्ष पुराचीन चाइना राजधानी चिंग त चंग देखने ,चंग कांग शान पहाड के सुशमा का आनंद उठाने और छोटे कस्बे मु युए की दृश्य व रीति रिवाज की महसूसी करने के बाद आज हम च्यांग शि की यात्रा का अंतिम पडाव पहुंचेंगे ।आज के इस कार्यक्रम में हम प्राकृतिक अजूबा सैन छिंग शान पहाड की चर्चा करेंगे ।
कार्यक्रम से पहले हम आप से दो सवाल पूछेंगे ।एक ,सैन छिंग शान पहाड किस साल में विश्व प्राकृतिक धरोहरों की नाम सूची में शामिल किया गया ।दूसरा ,सैन छिंग शान पहाड का नाम किस धर्म से जुडा है ।आप हमारा कार्यक्रम ध्यान से सुनिए ।इस में इन दो सवालों के जवाब हैं ।
सैन छिंग शान की चर्चा करते हुए सब से पहले हम एक अरब साल से पहले समय घुमाएंगे ।अवश्य उस समय हमारी पृथ्यवी पर मानव नहीं मौजूद नहीं था ।उस समय सैन छिंग शान प्राचीन सागर में स्थित एक ज्वालामुखी द्वीप है ।
85 करोड साल से पहले दो भौगोलिक प्लेटों के टकराव से इस क्षेत्र में धीरे धारे सागर गायब हो गया और दो भौगोलिक प्लेटों के किनारे में स्थित ज्वालामुखी द्वीप ऊंचा हो गया और अंत में विशाल पहाड नजर आये ।करोडों वर्ष की हवा ,बारिश व भौगोलिक प्रभाव होने के बाद सैन छिंग शान वर्तमान रूप बन गया ।
वर्ष 2008 में सैन छिंग शान अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति व प्राकृतिक दृश्य से संयुक्त राष्ट्र शिक्षा ,विज्ञान व संस्कृति संगठन यानी युनेस्को से विश्व प्राकृतिक धरोहरों की नामसूचना में शामिल किया गया ।सैन छिंग शान प्राकृतिक इलाके की प्रबंधन समिति की उप निदेशक चंग श्यो फांग ने बताया,सैन छिंग शान च्यांग शि प्रांत के शांग राओ शहर के उत्तर पूर्व में स्थित है ।इस के संरक्षण क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 756 वर्ग किलोमीटर है और इस का केंद्रीय इलाका 229.5 वर्ग किलोमीटर है ।सैन छिंग शान का करोडों वर्ष का भौगोलिक परिवर्तन का इतिहास है ।उस की सब से ऊंची चोटी यु चिंग फंग समुद्र तल से 1819 मीटर ऊंचा है ।यहां सुंदर पहाडी दृश्य नजर आती है ।चु मांग छु शान यानी अजगर की तरह फैलाए खडा और लाओ ताओ पैइ युए यानी चंद्रमा की ताओ धर्म के बूढे अनुयायी की पूजा यहां के मशहूर दृश्य स्थल हैं ।
सैन छिंग शान में ऊंची ऊंची चोटियां और गहरी गहरी घाटियां दिखाई देती हैं ।यहां विश्व में सब से विविध व सघन ग्रेनिट चोटियां व स्तंभ हैं ।कुदरत के खेल से विभिन्न आकारों वाले चट्टान देखने को मिलते हैं ।वे चट्टान निर्जीव हैं ।लेकिन लोगों ने उन के आकारों के मुताबिक उन को नाम दिया और कहानियां भी बनायीं ।सैन छिंग शान प्राकृतिक क्षेत्र की प्रबंधन समिति के सूचना विभाग के प्रधान ली ह्वा ने बताया आगे का चट्टान देखकर आप को ऐसा लगता है कि ताओ धर्म के एक अनुयायी परंपरागत चीनी वाद्य यंत्र पी पा बजा रहे हैं । उस के पीछे एक चोटी है ,जिस का आकार वहां बैठी हुई बौद्धिसत्व जैसी हैं ।दोनों मिलाकर सोचिए ,तो लगता है कि बौद्धिसत्व पी पा सुन रही हैं ।कुछ गाइड कहते हैं कि यहां कई देवताएं पर्यटकों की अगवानी कर रहे हैं ।सैन छिंग शान की टेढी मढी पगडंडियों पर चलते विभिन्न अनोखी दृश्य देखकर आप जरूर कुदरत के खेल में मस्त हो जाएंगे ।
1600 साल से पहले ताओ धर्म के अनुयायियों ने सैन छिंग शान आकर यहां अपने धार्मिक स्थल का निर्माण किया ।सैन छिंग शान का नाम ताओ धर्म से आया है ।सैन छिंग शान प्राकृतिक क्षेत्र की प्रबंधन समिति के सूचना विभाग के निदेशक ली ह्वा ने बताया , वह क्यों सैन छिंग शान कहलाया जाता है ,क्योंकि उस की चोटी शु चिंग फंग और उस के आसपास की दो चोटियां यु शु फंग और शु ह्वा फंग हैं ।तीनों की ऊंचाई बराबर जैसा कि ताओ धर्म के तीन सर्वोच्च देवताएं शु छिंग ,शान छिंग व थाइ छिंग हैं ।इस लिए इस पहाडी क्षेत्र का नाम सैन छिंग शान है ।सैन छिंग शान ताओ धर्म का पवित्र पहाड है ।सैन छिंग शान के उत्तर में बड़ी संख्या वाले ताओ धर्म के सांस्कृतिक धरोहर हैं ,उदाहरण के लिए सैन छिंग भवन ,उडती देवता मंच ,डैगन व बाध भवन ।वे ताओ धर्म के पा क्वा चित्र के मुताबिक बसे हैं ।यहां सचमुच ताओ धर्म का आउट डार संग्रहालय है ।
लंबे भौगोलिक इतिहास में सैन छिंग शान चौथी ग्लेशियर के प्रत्यक्ष प्रभाव से बच गया ,इसलिए यहां बहुत दुर्लभ जीव सुरक्षित हैं ,जो पूर्वी एशिया में सब से ज्यादा जैविक विविधताएं हैं ।विभिन्न सीजन में सैन छिंग शान की विभिन्न दृश्य दिखाई देती है ।ली ह्वा ने बताया ,
वसंत में यहां बारिश ज्यादा है ।पूरे क्षेत्र में हराभरा नजर आता है ।विभिन्न किस्मों के फूल बिखरते हैं और महकते हैं ।ग्रीष्म में पहाड पर ठंडी हवा चलती है और बहुत अच्छा लगता है ।शरद में पेडों के पत्ते रंगबिरंगे हैं और फूलसा है ।हर विंटर में सैन छिंग शान कई बार बर्फ पडते हैं और बर्फ से ढकी चोटियां शानदार हैं ।विभिन्न ऋतुओं में आप यहां आए ,विभिन्न दृश्य मिलती हैं ।
सैन छिंग शान स्टीप पहाड है ।पर्यटकों की सुविधा के लिए पहाड के मध्य में चक्रीय पगडंडियों का निर्माण किया गया ।इन पगडंडियों पर चलना आकाश में चलने जैसा है ।पगडंडी के नीचे गहरी घाटी है और कभी कभी बादल तो अपने पास छाया है ।सैन छिंग शान के दक्षिण व पूर्वी भाग में दो रोपवे भी उपल्बध हैं ,जिस से पहाड की चोटी पर जाना अधिक आसान हो गया ।यहां कैंपिंग के लिए भी आदर्श स्थल है ।प्रबंधन समिति की उपनिदेशक चंग श्यो फांग ने बताया ,
यहां आने वाले पर्यटक अपनी शारीरिक स्थिति के मुताबिक पर्यटन लाइन तय कर सकते हैं । वरिष्ठ नागरिक हमारे केंद्रीय दृश्य स्थल नान छिंग युएं का दौरा कर सकते हैं ।युवा अधिक बडे क्षेत्र में घूम सकते हैं ।एक तरफ आप मनमोहक पहाडी दृश्य देख सकेंगे और दूसरी तरफ आप पर्वतारोहण से कठिनाई दूर करने का मनोबल बढा सकेंगे ।
सैन छिंग शान के पर्वतारोहण की चर्चा करते हुए पूर्वी चीन के शान तुंग प्रांत से आयी श्रीमती चु लि यंग ने बताया ,
यह पहाड स्टीप है ,खासकर उधर की पंगडंडी ।कुछ चुनौतीपूर्ण है ।अपने साहस की आजमाइश के लिए यहां अच्छा है ।
इधर कुछ साल सैन छिंग शान के प्राकृतिक पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पहाड पर स्थित कई होटल व रेस्तरांट हटायी गयी हैं ।स्थानीय गांववाले वांग त मिंग अब पहाड में एक छोटे रेस्तरांट का मालिक हैं ।लेकिन उस का रेस्तरांट हटने वाली है ।इस के प्रति वांग त मिंग की कोई शिकायत नहीं है ।उन का कहना है, हमें समग्र स्थिति का ख्याल रखकर धरोहर की सुरक्षा का समर्थन करना चाहिए ।स्थानीय लोगों की ओर हम देशी विदेशी पर्यटकों का यहां आने का स्वागत करते हैं ।सैन छिंग शान सचमुच सुंदर है ।हम फोटोग्राफप्रेमियों से यहां आने का खास निमंत्रण देते हैं ताकि सैन छिंग शान की सब से सुंदर दृश्य खींची जाएंगी ।यह मेरी सब से बडी अभिलाषा है ।
दोस्तो ,हमारा सममोहक च्यांग शि पर्यटन ज्ञान प्रतियोगिता का विशेष कार्यक्रम अब समाप्त होने वाला है ।अंत में मैं फिर एक बार आप को दो सवाल दोहराएंगे ।एक ,सैन छिंग शान किस साल विश्व प्राकृतिक धरोहरों की नामसूचना में शामिल किया गया ।दूसरा ,सैन छिंग शान का नाम किस धर्म से जुडा है ।हमारी इस ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेने का हार्दिक स्वागत ।