क्वांग चो चीन का तीसरा सब से बडा और दक्षिण चीन का सब से बडा शहर है ।वह क्वांग तुंग प्रांत की राजधानी भी है ।क्वांग चो के दक्षिण में चीन का समुद्र है और वह हांग कांग व मकाओ के पास है ।क्वांग चो दक्षिण चीन का यातायात व दूर संचार केंद्र भी है ,और चीन का दक्षिण द्वार भी ।
क्वांग चो का कुल क्षेत्रफल 7434 वर्ग किलोमीटर है ,और इस के अधीन 10 जिले हैं और काउंटी स्तर वाले दो शहर भी हैं ।क्यांग चो की आबादी 1 करोड से ज्यादा है ।चीन की तीसरी सब से बडी नदी चू च्यांग नदी शहर में से हो कर गुज़रती है ।साल भर क्वांग चो हरा-भरा दिखाई पडता है ।गर्मियों में यहां बहुत गर्मी नहीं पड़ती जबकि सर्दियों में यहां सर्दी भी नहीं है ।
क्वांग चो का दूसरा नाम है बकरों का शहर ।यह नाम एक लोककथा पर आधारित है।कहा जाता है कि प्राचीन समय में पांच देव पांच रंगों वाले बकरों पर सवार होकर क्वांग चो पहुंचे ।हर बकरे के मुंह में धान था ।देवों ने धान को स्थानीय लोगों को दे दिया और वहां कभी भी अकाल न पड़ने की शुभकामना दी ।बाद में पांच देव पांचों बकरों को क्वांग चो में छोड़ कर चले गए । पांचों बकरे पत्थर में बदलकर क्वांग चो वासियों के साथ ही रहने लगे ।इस तरह क्वांग चो बकरों के शहर के नाम से मशहूर हुआ ।क्वांग चो शहर के युए शिओ पार्क में एक पांच बकरों की प्रतिमा है ,जो क्वांग चो का प्रतीक है । अगले साल होने वाले 16वें क्वांग चो एशियाड का शुभंकर भी पांच प्यारे बकरे हैं ।युए शिओ पार्क में बकरों की प्रतिमा देख रहे क्वांग चो वासी कू वे ने हमारे संवाददाता को बताया ,पांच बकरों की प्रतिमा क्वांग चो में एक पुराना सांस्कृतिक अवशेष है ,जो देखने योग्य है ।वह क्वांग चो का प्रतीक है ,जो क्वांग चो वासियों के उत्साह व एकता का प्रतिनिधित्व करता है ।
क्वांग चो का और एक नाम है यानी फूलों का शहर ।क्वांग चो वासी फूल बहुत पसंद करते हैं ।चीन के परांपरागत नये साल की पूर्वबला में क्वांग चो में बडे पैमाने वाला फूल बाजार लगता है ।नये साल की पूर्वबेला में परिवार के सभी सदस्य इकट्ठे होकर भोजन करने के बाद फूल बाजार घूमने जाते हैं,यह क्वांग चो की एक विशिष्ट परंपरा है ।हर परिवार नया साल मनाने के लिए फूल खरीदता है ।अमीर परिवार फूल खरीदने के लिए हजारों य्वान खर्च करते हैं ।
क्वांग चो का इतिहास 2223 साल पुराना है ।क्वांग चो ऐतिसाहिक संग्रहालय के शिक्षा व प्रचार विभाग की उपनिदेशक तंग यू मेइ ने हमारे संवाददाता को बताया ,क्वांग चो के विकास के इतिहास में एक विशेषता है कि दो हजार से अधिक वर्षो में उस का केंद्र कभी नहीं बदला और उस का विकास स्थगित नहीं हुआ ,जो इटली के रोम की तरह है ।
क्वांग चो शहर का वैदेशिक आदान-प्रदान का इतिहास बहुत पुराना है ।लंबे समय से वह चीन के वैदेशिक व्यापार की बंदरगाह है ।मशहूर समुद्री सिल्क रोड क्वांग चो से ही शुरू होता था ।क्वांग चो बंदरगाह इतिहास में विश्व की सब से मशहूर बंदरगाहों में से एक थी ।क्वांग चो संग्रालय के अनुसंधान विभाग की उपनिदेशक छंग लिन लिन ने इस चर्चा करते हुए कहा ,व्यापार से व्यक्तियों की आवाजाही बढ गयी ।इस से यहां आने जाने का व्यापार मार्ग पैदा हुआ । इस मार्ग पर वस्तुओं के व्यापार और व्यक्तियों की आवा जाही के अलावा सांस्कृतिक प्रचार भी बहुत महत्वपूर्ण है ।पूर्व व पश्चिम की संस्कृतियों का यहां मिलाप हुआ और विकास हुआ ।
क्वांग चो चीन के प्रवासियों का घर भी है ।आंकडों के अनुसार 13 लाख 50 हजार प्रवासी चीनियों का घर क्वांग चो में है ,जो विश्व के 116 देशों व क्षेत्रों में बसे हैं और जिन में 8 लाख 30 हजार लोग हांग कांग व मकाओ में रहते हैं ।क्वांग चो से बाहर जाने वाले प्रवासी चीनियों ने क्वांग चो के विकास में बडा योगदान दिया है।पिछले तीन साल में प्रवासी चीनियों ने क्वांग चो को 3 अरब 60 करोड य्वान की राशि दान की है ।
क्वांग चो का पर्यटन उद्योग देश में बहुत विकसित है ।यहां के पर्यटन संस्थापन अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं ।क्वांग चो में व्यापक प्राचीन अवशेष स्थल व सुंदर प्राकृतिक पार्क हैं ।।क्वांग चो चीन में भोजन की राजधानी के नाम से भी मशहूर है ।यहां तरह-तरह का चीनी स्वादिष्ट खाना मिलता है ।पर्यटक ची श्यो छांग ने हमें बताया ,क्वांग चो में खाना सब से अच्छा है ।न सिर्फ चीन ,पर पूरे विश्व का स्वादिष्ट खाना यहां उपलब्ध है ।एशियाड की तैयारी के लिए क्वांग चो ने बहुत काम किया है और बहुत काम कर रहा है ।अनेक स्थानों का सुधार किया गया है ।क्वांग चो अधिक सुंदर दिखाई देता है ।यहां छुट्टी बिताने के लिए एक अच्छा विकल्प है ।
वर्ष 1978 में सुधार व खुलेपन की नीति लागू होने के बाद क्वांग चा का तेज आर्थिक विकास हुआ ।पिछले तीस साल में क्वांग चो आर्थिक विकास हर साल 14 प्रतिशत की दर पर बना हुआ है ।क्वांग चो की चतुर्मुखी आर्थिक शक्ति पेइचिंग व शांगहाई के बाद देश में तीसरे स्थान पर है ।
क्वांग चो ,दक्षिण चीन का सब से बडा शहर 16वें एशियाड के सफल आयोजन के लिए अथक कोशिश कर रहा है ।