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ऐतिहासिक शहर--- क्वांग चो
2010-11-04 20:32:39
2010 एशियाड का मेजबान क्वांग चो शहर चीन का दक्षिणी द्वार है । उस का दूसरा नाम है बकरों का शहर । क्वांग चो चीन का तीसरा सब से बडा शहर है और बडी संख्या वाले प्रवासी चीनियों का होमटाऊन भी है । तो इतिहास में क्वांग चो का स्थान कैसा है । इतिहासकारों का विचार है कि दक्षिणी चीन के विकास में क्वांग चो का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है । इस के इतिहास की चर्चा करते हुए दो पहलुओं पर महत्व दिया जाना चाहिए । एक ,क्वांग चो तीन राजवंशों की राजधानी रहा है । दूसरा ,वह समुद्री रेशमी मार्ग का प्रस्थान स्थल है । आज के इस कार्यक्रम में हम क्वांग के इतिहास के बारे में चर्चा करेंगे ।

क्वांग चो तीन राजवंशों की राजधानी कही जाती है ।तीन राजवंशों में दक्षिण युए ,दक्षिण हान व दक्षिए मिंग है । तीन राजवंशों में दक्षिण युए का क्वांग चो के विकास पर बडा प्रभाव पडा है।

क्वांग तुंग साहित्य व इतिहास अनुसंधान केंद्र के शोधकर्ता ह्वांग मिओ चांग ने वर्ष 1976 से क्वांग चो क्षेत्र में पुरातत्व का काम शुरू किया ।उन का कहना है कि क्वांग चो शहर का इतिहास बहुत पुराना है ,जो चीन के मशहूर ऐतिहासिक व सांस्कृतिक शहरों में से एक है ।उन्होंने कहा ,क्वांग चो की भौगोलिक स्थिति बहुत अच्छी है । उस के दक्षिण में दक्षिणी चीनी समुद्र है ,जबकि उत्तर में युए शो पहाड है । 214 ईसा पूर्व में चीन के प्रथम बादशाह छिन शी ह्वान ने चीन का एकीकरण पूरा करने के लिए दक्षिण चीन में पांच टुकडियों की सेना भेजी ,जिन में से एक टुकडी वर्तमान क्वांग चो क्षेत्र पहुंची । सेना ने इस क्षेत्र में एक शहर का निर्माण किया ,जिस का नाम है पानयू । पानयू इस क्षेत्र में स्थापित सब से पुराना शहर है ,जिस का इतिहास 2223 वर्ष पुराना है ।

206 ईसा पूर्व में छिन राजवंश का अंत हुआ ।दो साल बाद पूर्व छिन राजवंश के जनरल चो तुओ ने दक्षिण युए राजवंश की स्थापना की । दक्षिण युए पानयू यानी वर्तमान क्वांग चो क्षेत्र में अपनी राजधानी निर्धारित की ।दक्षिण युए वर्तमान चीन के क्वांग तुंग व क्वांग सी प्रांत के अधिकांश इलाके और फू चैन ,हू नान ,क्वी चो व यून नान के कुछ इलाकों और उत्तर वियतनाम में फैला है ।

दक्षिण युए राजवंश की स्थापना से क्वांग चो व उस के आसपास के क्षेत्रों को सामाजिक स्थिरता मिली । इस से वहां स्थिर राजनीतिक व्यवस्था स्थापित हुई और प्रगतिशील उत्पादन तकनीक का प्रचार भी शुरू हुआ ,जिस से स्थानीय उत्पादन व सामाजिक विकास को बड़ा बढावा मिला । पूर्व चीनी नेता अध्यक्ष माओ ने दक्षिण युए के संस्थापक चो थुए को दक्षिण चीन के विकास का प्रथम व्यक्ति बताया है। अध्यक्ष माओ की इस टिप्पणी पर चर्चा करते हुए ह्वांग माओ चांग ने कहा ,उस समय चो थुए मध्य चीन से कुछ लोगों को दक्षिण चीन लाया।उन लोगों के पास प्रगतिशील संस्कृति ,कृषि तकनीक और उपकरण थे ।इसी कारण दक्षिण चीन का तेज विकास हुआ । कम समय में क्वांग चो की अर्थव्यवस्था मध्य चीन के स्तर तक जा पहुंची ।हम इस काल को दक्षिण चीन के जोरदार विकास का दौर कहते हैं ।

बहुत लिखित ऐतिहासिक सामग्रियों व खुदाई में पाए गये प्राचीन अवशेषों ने यह साबित किया है कि दक्षिण युए राजवंश ने दक्षिण चीन की संस्कृति की नींव डाली।वर्ष 1983 में दक्षिण युए के दूसरे नरेश व चो थुए के पोते चो मो का मकबरा क्वांग चो शहर के युए शो डिस्ट्रिक्ट में पाया गया । अब तक यह क्वांग चो क्षेत्र में पाया गया दक्षिण युए राजवंश का सब से बडा मकबरा है ।यह मकबरा अच्छी स्थिति में है ।इस की खुदाई में 1000 से अधिक मूल्यवान प्राचीन अवेशष पाये गये ।दक्षिण युए नरेश के मकबरे की खुदाई आधुनिक चीन में पांच सब से महान पुरातत्व खुदाई में से एक मानी जाती है ।क्वांग चो पुरातत्व टीम के कप्तान के नाते ह्वांग मिओ चांग ने इस खुदाई में भाग लिया ।इस खुदाई में प्राप्त सब से मूल्यवान वस्तु की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा ,हमें नरेश की एक ऐसी मुहर प्राप्त हुई ,जो नरेश बाहर जाते समय अपने साथ ले कर चलते थे ।जब नरेश बाहर होते थे ,तो वे इस मुहर के इस्तेमाल से आदेश देते थे ।इस के अलावा उस समय के बहुत प्राचीन मकबरों में दक्षिण युए राजवंश के मकबरे में पायी गयी जेड वस्तु सब से सुंदर है ।

दक्षिण युए राजवंश की स्वतंत्रता 93 वर्ष तक रही ।पांच पीढियों के बाद उस का अंत हुआ और वह हान राजवंश का एक भाग बन गया ।क्वांग चो संग्रहालय के इतिहास विशेषज्ञ ह्वांग छिंग छांग ने दक्षिण युए का मूल्यांकन करते हुए कहा ,तीन राजवंशों में दक्षिण युए राजवंश ने क्वांग चो को एक बडा शहर बनाने की नींव डाली थी ।

थांग राजवंश में चीन में दसेक स्थानीय सत्ताएं उभरीं ।10वीं सदी में ल्यू इन ने क्वांग चो क्षेत्र में दक्षिण हान राजवंश की स्थापना की ,जिस की राजधानी क्वांग चो है । दक्षिण हान का प्रशासिक क्षेत्र वर्तमान क्वांग तुंग ,क्वांग शी ,हाइ नान ,हू नान ,क्वी चो के एक भाग और उत्तर वियतनाम है ।दक्षिण हान का इतिहास सिर्फ 55वर्ष का है ,लेकिन उस की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए ।क्वांग चो संग्रहालय के शोधकर्ता छन होंग चुन ने बताया ,दक्षिण हान के समय उत्तर चीन और अन्य छोटे-छोटे देशों में निरंतर लड़ाई होती रही और जनता का जीवन बहुत कठोर था।डांवांडोल सामाजिक व आर्थिक स्थिति के बीच दक्षिण हान में 50 से अधिक वर्षों में आम तौर पर स्थिरता बनी रही ,जिस ने स्थानीय विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायी ।

दक्षिण हान राजवंश में मुक्त व्यापार प्रचलित रहा ,जिस ने वैदेशिक व्यापार को बड़ा बढावा दिया ।पान यू यानी क्वांग चो उस समय चीन के सब से धनी शहरों की पंक्ति में शामिल हुआ ।उस समय से क्वांग चो दक्षिण चीन का राजनीतिक ,आर्थिक और सांस्कृतिक केंद्र बन गया ।

1646 में चू यू ने क्वांग चो में दक्षिण मिंग राजवंश की स्थापना की । पर 40 दिन से कम समय में उस का अंत हुआ ।

श्रोता दोस्तो ,अभी आप ने क्वांग चो एशियाड की आवाज सुनी । आज का खेल जगत कार्यक्रम यहीं तक ।अगले हफ्ते इसी समय फिर मिलेंगे ।नमस्कार ।

आज के खेल जगत कार्यक्रम में सब से पहले क्वांग चो एशिया़ड की आवाज सुनेंगे ।फिर चीन में बेसबाल की स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट सुनेंगे।

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