दोस्तो, 3 जुलाई को चीन के नानचिङ शहर में आयोजित शांगहाई विश्व मेले में पर्यावरण परिवर्तन व शहर की जिम्मेदारी नामक मंच में कम कार्बन, जलवायु परिवर्तन व हरित अर्थतंत्र आदि मामले लोगों में ज्वलंत चर्चा का विषय बन गये। देश-विदेश से आए विशेषज्ञों ने क्रमशः चीन के कम कार्बन वाले आर्थिक विकास के लिये सुझाव दिये।
चीन की कम कार्बन ऊर्जा प्रयोगशाला के प्रधान ह चेन खुङ ने कहा कि अब चीन औद्योगिकीकरण व शहरीकरण के तेज़ विकास के दौर में है। कम कार्बन वाला विकास प्राप्त करना एक कठिन काम है। इसलिये चीनी अर्थतंत्र को विकास के फ़ार्मूले में बदलना, व्यवसाय के ढांचे का रणनीतिक समायोजन करना, और कम कार्बन वाले नये व्यवसाय का विकास करना चाहिए। उन्होंने कहा, वर्तमान में हम औद्योगिकीकरण के दौर में हैं। कार्बन डाइऑक्साइड की निकासी मुख्य तौर पर औद्योगिक उत्पादन के क्षेत्र में पैदा हुई है। इसलिये हमें वर्तमान की लापरवाही से विकास करने के फार्मूले को तकनीकी समर्थन में आर्थिक विकास के फार्मुले तक बदलना पड़ेगा। चीनी प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने भी इस वर्ष के चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा में औपचारिक रूप से यह कहा कि चीन को कम कार्बन निकासी की विशेषता वाले व्यवसाय के ढांचे व उपभोग के तरीके बनाने की कोशिश करनी चाहिये। यह हमारा कम कार्बन वाला आर्थिक विकास प्राप्त करने का केंद्रीय विषय है। इस में न सिर्फ़ ऊर्जा की किफ़ायत व पर्यावरण संरक्षण तथा नयी ऊर्जा आदि रणनीतिक नये व्यवसायों का विकास होगा, बल्कि उच्च व नवीन तकनीकी व्यवसायों के अनुपात को उन्नत करने में, जी.डी.पी. में ऊर्जा की शक्ति को कम करने में, उच्च व नवीन तकनीक से परंपरागत व्यवसायों का सुधार करने में भी यह उपयोगी होगा। साथ ही उपभोग के तरीके को बदलना भी अनिवार्य है। उपभोग का सही विचार आर्थिक व सामाजिक विकास को मजबूत कर सकेगा, और उत्पादन के ढंग को भी बदल सकेगा। इसलिये जनता की भागीदारी भी कम कार्बन वाला आर्थिक विकास प्राप्त करने का एक केंद्रीय विषय है।
अमरीकी पर्यावरण संरक्षण संघ के प्रमुख अर्थशास्त्री, चीनी पर्यावरण व विकास अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कमेटी के विदेशी सदस्य डैनिएल जे. दुडेक के ख्याल से चीन सरकार द्वारा पेश किये गये वर्ष 2020 तक प्रति जी.डी.पी. में कार्बन डाइऑक्साइड की निकासी वर्ष 2005 की अपेक्षा 40 से 45 तक प्रतिशत कम करने के लक्ष्य से यह साबित हुआ है कि चीन सरकार कम कार्बन पर बड़ा ध्यान देती है। इस से चीन में कम कार्बन वाले आर्थिक विकास की नींव डाल सकेगी। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि चीन को उद्यमों के लिये जवाबदेह व्यवस्था की स्थापना करनी चाहिए। यानि उद्यमों के लिये कार्बन निकासी का मापदंड निश्चित किया जाना चाहिए, अगर उद्यम इस मापदंड का उल्लंघन करें, तो उन्हें आर्थिक सज़ा मिलेगी। उन्होंने कहा, कार्बन निकासी पर नियंत्रण करने के लिये जवाबदेह व्यवस्था की स्थापना चीन की बारहवीं पंचवर्षीय योजना में शामिल की गयी है। और इस व्यवस्था का प्रयोग प्रांतों, शहरों, व उद्यमों में किया जाएगा। इससे सभी लोगों को यह मालूम होगा कि कार्बन निकासी पर नियंत्रण एक बहुत गंभीर व महत्वपूर्ण बात है। लेकिन जवाबदेह व्यवस्था की स्थापना कैसे की जा सकेगी?अगर उद्यम इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकेंगे, तो उन्हें कौन सी आर्थिक सज़ा मिलेगी?सरकार को कानूनों के कार्यावयन की जांच व निगरानी पर बल देना चाहिये। साथ ही सरकार उद्यमों को ज्यादा गुंजाइश देगी, और उन्हें बताएगी कि यह लक्ष्य बहुत महत्वपूर्ण है। ताकि उद्यम मुक्त रूप से कार्बन निकासी को कम करने के उपाय ढूंढ़ सकें।
चीनी राष्ट्रीय विकास व रुपांतरण कमेटी के उपाध्यक्ष, चीनी राष्ट्रीय ऊर्जा ब्यूरो के प्रधान च्यांग क्वो पाओ ने मंच पर बोलते हुए कहा कि वर्तमान में बहुत देश सक्रिय रूप से कम कार्बन वाली ऊर्जा का विकास कर रहे हैं, और कम कार्बन वाले शहरों का निर्माण कर रहे हैं जिससे एक विश्वाल बाजार पैदा होगा। अब कम कार्बन के क्षेत्र में चीन ने कई देशों के साथ सहयोग किया है, और चीन ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान व सहयोग करके विश्व में कम कार्बन वाले आर्थिक विकास के लिये योगदान देने की प्रतीक्षा में है।(चंद्रिमा)