वर्तमान में अधिक से अधिक लोग भवन निर्माण की ऊर्जा बचत और पर्यावरण सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। बेहतर शहर बेहतर जीवन थीम वाले शांगहाई विश्व मेले में भी इस प्रकार के थीम को देखा जा सकता है जिसे बढाने में तकनीक की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण हो गई है।
शांगहाई विश्व मेले के सबसे बेहतर प्रायोगिक शहर क्षेत्र में युएन ता मंडप के सामने दर्शकों की बहुत लम्बी लाईन लगी रहती है, ज्यादातर लोग यहाँ पर भवन को देखने के लिए आएं हैं। इस विशेष भवन का नाम है भूकंप भवन, यहाँ पर लोग रिक्टर पैमाने पर 8 तीव्रता वाले भूकंप का अनुभव ले सकते हैं।
वर्ष 2008 में जब चीन के सछ्वान प्रांत के वन छ्वान में भूकंप आया था तब से ही चीन के कुछ उद्योग भूकंपरोधि भवन के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हुए, युएन ता कंपनी भी इन में से एक है।
भूकंप की विनाशकारी शक्ति का ज्यादा प्रभाव क्षितिज सतह पर होता है, भवन का सतह कितना भी मजबूत क्यों नहीं है, वह भूकंप के क्षितिज शक्ति को सहन नहीं कर पाता है। इसलिए हमने तिकोना तकनीक का प्रयोग किया है जिसमें भवन के न केवल चारों कोनों को तिरछा रखा जाता है बल्कि बीच में भी निश्चित दूरी पर तिरछा रखा जाता है जिससे वह त्रिभुज का आकार ग्रहण कर लेता है और भवन को काफी हद तक स्थिरता प्रदान करता है।
युएन ता कंपनी के प्रवक्ता ने परिचय देते हुए कहा कि, युएन ता मंडप ने तिरछी तकनीक का प्रयोग किया है। इस तकनिक में हम हल्के मैटेरियल का प्रयोग करते हैं। यह भवन रिक्टर पैमाने पर 9 तीव्रता वाले भूंकप को भी सह सकता है, साथ ही इस भवन में प्रयोग किये गये मैटेरियल की मात्रा अन्य मकान में प्रयोग किए गए मैटेरियल का सिर्फ छठा भाग है।
ब्रिटेन का शून्य कार्बन भवन ने भी चीन निर्मित युएन ता भवन की तरह ही मानव द्वारा हरित उर्जा के उपयोग का परिणाम दिखाया है। शून्य कार्बन भवन आगे और पीछे दो भवनों से जुड़ा हुआ दो मंजिला भवन है। इस भवन मे उपयोग किया गया उर्जा पवन उर्जा, सौर उर्जा और जीवाश्म उर्जा है। इस भवन में हीट प्रीजरवेशन और इंसुलेशन तकनीक का प्रयोग करके 70 प्रतिशत उर्जा को बचाया जाता है।
वास्तव में, विश्व मेले के दौरान, इस भवन को एक विशेष नाम यानी बिजली पैदा करने वाले भवन का नाम दिया गया है। शून्य कार्बन भवन के अधिकारी ने पत्रकार से कहा कि, इस प्रक्रिया में खाद्य पदार्थों द्वारा उत्पन्न कचरे का प्रयोग किया जाता है।
यह भवन एक बिजली घर जैसा है। हमलोग यहाँ पर विभिन्न खाद्य पदार्थों द्वारा उत्पन्न कचरे का प्रयोग करते हैं, इन कचरों को जला कर 35 प्रतिशत बिजली और 65 प्रतिशत गर्मी पैदा की जाती है और बाकी अवशेष उर्वरक बन जाते हैं जिनका दुबारा उपयोग पौधे लगाने में किया जाता है।
उन्होंने पत्रकार को बताया कि, शून्य कार्बन भवन का क्षेत्रफल 3000 वर्गमीटर है। मई महीने के किसी एक दिन इस भवन ने 320 यूनिट की बिजली का उपयोग किया था लेकिन उसी दिन इस भवन ने 336 यूनिट की बिजली पैदा भी किया था। यानि की आप कह सकते हैं कि इस दिन इस भवन ने 16 यूनिट की बिजली पैदा की है।
शून्य कार्बन भवन का मॉडल ब्रिटेन के लंदन शहर के दक्षिण में स्थित एक सामुदायिक क्षेत्र है। क्यों कि विश्व में पहला शून्य कार्बन सामुदायिक क्षेत्र वहीं पर निर्मित हुआ है। शांगहाई विश्व मेला परिसर में यह भवन चीन का पहला शून्य कार्बन भवन बन गया है। इसका सामग्री और उत्पादन सब चीन का है। उन्होंने कहा कि विश्व मेले की समाप्ति के बाद, यह भवन को सुरक्षित रखा जाएगा और आशा है कि पाँच साल के भीतर चीन में इस प्रकार के भवन के विकास पर बल दिया जाएगा।
इस भवन ने लोगों के सामने सस्ता और सुरक्षित घर की संभावना के साथ साथ बेहतर वातावरण और सामाजिक सुरक्षा को दिखाया है।
वर्तमान में शहर की सबसे प्रमुख समस्या आवास बन गयी है। शांगहाई विश्व मेला परिसर के आवास कार्यक्रम हमें बताते हैं कि, इस समस्या के समाधान के लिए यह जरूरी नहीं है कि आप ज्यादा पैसा खर्च करें और पर्यावरण पर और ज्यादा बोझ डाल दें। मनुष्य जब तकनिकों में पारंगत होंगे, पर्यावरण के साथ मेलमिलाप के साथ रहना सीख लेंगे, तभी सुंदर जीवन का विकल्प पूरा हो सकेगा।