श्रोता दोस्तों, आज हम शांगहाई विश्व मेला कार्यक्रम शुरू करेंगे। पवन आप लोगों का स्वागत करता है। अच्छा, अब हम विश्व मेले के बारे में एक रिपोर्ट सुनें ।
25 व्यक्तियों ने 71 दिनों में 18 हजार किलोमीटर की यात्रा की। इस वर्ष के 15 अप्रैल को एक लाल बस दक्षिण पश्चिमी जर्मनी के फ्रेइबुर्ग शहर से 25 व्यक्तियों को लेकर पूर्व में स्थित प्राचीन देश चीन की ओर रवाना हुई । 25 जून को वे अच्छा शहर, अच्छा जीवन के विषय में शांगहाई विश्व मेला पहुंचे। वे शांगहाई में लंबे समय तक नहीं ठहरेंगे, लेकिन उन्होंने इस लंबी यात्रा में बड़ा उपलब्धि प्राप्त की है। 67 वर्षीय जर्मनी महिला सुश्री इन्गे स्टगनेट्ट ने कहा
(आवाज1)
बहुत दिनों की लंबी यात्रा करके हम अंत में यहां पहुंचे हैं। अब मैं इतनी खुश हूं, रोना चाहती हूं।
सुश्री इन्गे स्टगनेट्ट जर्मनी के फ्रेइबुर्ग सरकार में वरिष्ठ लोगों के कल्याण मामले को संभालती हैं। उन्होंने अक्सर अपने पति के साथ विदेश की यात्रा की है। इस वर्ष की जनवरी में उन्होंने सुना है कि बस से चीन की यात्रा कर सकेंगी। उस समय वे बहुत प्रसन्न हुईं।
(आवाज 2)
ईरान से गुज़रते समय हम ने देखा है कि स्त्रियां काले कपड़े पहनती हैं। मुझे काले कपड़े अच्छे नहीं लगे। लेकिन ईरानी लोगों ने हमारा हार्दिक स्वागत किया और हमारे साथ बातचीत की। उज्बेकिस्तान में हम ने नंगे पैर एक नदी पार की। रास्ते में आराम करते समय हम ने विभिन्न ट्रक चलाने वाले ड्राइवरों के साथ बातचीत की। बहुत अच्छा लगा।
इस विशेष यात्रा में 25 सदस्यों ने स्विटजरलैंड, इटली, ग्रीस, तुर्की, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, कज्जाकिस्तान, किर्गिस्तान से चीन के सिन चांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश में प्रवेश किया। इस के बाद वे थ्यान शान पहाड़ से चीन के शी आन जाकर वू वान, नान चिंग आदि शहरों की यात्रा करके अंत में शागंहाई पहुंचे।
जर्मनी का फ्रेइबुर्ग हरित नगर भी कहलाता है। इस फ्रेइबुर्ग से आयी बस में विश्व में सब से स्वच्छ ईंजन है। फ्रेइबुर्ग में एक बस पर्यटन कंपनी ने इस शांगहाई विश्व मेले की यात्रा करने की गतिविधि आयोजित की है। इस कंपनी के अध्यक्ष हानस पीटर क्रिस्टोफ ने जब शांगहाई विश्व मेला आयोजित होने की खबर सुनी तो उन्होंने बस से शांगहाई आने की योजना बनायी। सन् 2008 में पेइचिंग ऑलंपिक के आयोजन के समय भी उन्होंने ऐसी पेइचिंग यात्रा आयोजित की थी ।
(आवाज 3)
पर्यटन के विकास होने की सब से बड़ी समस्या कार्बन का उत्सर्जन है। वास्तव में पर्यटक अपने आप इस स्थिति को सुधार सकते हैं। उदाहरण के लिए पर्यटक यात्रा करते समय विमान का उपयोग नहीं करेंगे। विमान सब से अधिक कार्बन का उत्सर्जन करते हैं। बस तो बाईक की तरह कम कार्बन का उत्सर्जन करती है। बस से यात्रा करने में स्थानीय नागरिकों के साथ ज्यादा आदान-प्रदान करने के मौका भी प्राप्त हो सकते हैं।
लोग बस में कॉफ़ी पीते और संगीत सुनते हुए हर दिन 2 सौ से 3 सौ किलोमीटर का रास्ता तय कर सकते हैं। वे विभिन्न क्षेत्रों में प्राकृतिक दृश्य और स्थानीय कस्टम्स को अपनी आखों से देख सकते हैं।
सुश्री इन्गे स्टगनेट्ट ने सन् 1985 में चीन की यात्रा की है। इस बार चीन में पुनः आ कर उन्होंने देखा कि चीनी लड़कियां के कपड़े पहले से सुंदर हैं। इस यात्रा में उन्होंने चीनी नागरिकों का सामान्य जीवन देखा। उन्होंने प्रसन्नता से कहा
(आवाज4)
मुझे लगता है कि शी आन एक बहुत सुंदर शहर है। रात को बहुत नागरिक पतंग उड़ाते हैं। विभिन्न रंगों की पतंगें आकाश में उड़ती हैं। बहुत सुंदर दृश्य है। बहुत लोग मैदान में आराम करते हैं। हम ने उरूमुछी के मैदान में देखा कि बहुत लोग के छी कोंग खेल रहे हैं। यह भी दिलचस्प है।
सुश्री इन्गे स्टगनेट्ट के अलावा पर्यटन मंडल के सदस्यों में बहुत व्यक्तियों ने पहली बार चीन की यात्रा की है। श्री हानस ओककेर ने पहली बार यूरोप के बाहर अन्य देश की यात्रा की है। वे इंजीनियर हैं। उन्हें चीन के इतने तेज विकास पर आश्चर्य है।
(आवाज5)
चीन का शांगहाई बहुत विकसित है। चीन के रास्ते, पुल आदि यातायात परियोजना यूरोप के कुछ क्षेत्रों से और अच्छी है। शांगहाई की मेट्रो इतनी तेज चलती है। शांगहाई बहुत विकसित शहर है। हम ने शांगहाई में कुछ प्राचीन क्षेत्रों की यात्रा भी की। मुझे लगता है कि शांगहाई एक बहुत प्राचीन और एक बहुत विकसित नगर है।
पर्यटन मंडल के सदस्यों ने शांगहाई विश्व मेले की यात्रा भी की। लेकिन उन के लिए विश्व मेले की यात्रा करना उन का एक मात्र लक्ष्य नहीं है। उन्होंने इस 18 हजार किलोमीटर की यात्रा में बहुत अनुभव प्राप्त किए। यह भी शांगहाई विश्व मेले के विषय अच्छा शहर अच्छा जीवन से मेल खाता है। अर्थतंत्र के विकास के साथ हमें लोगों के जीवन और भावना पर ध्यान देना चाहिए।
श्री हानस ओकेर ने कहा कि वे अपने बेटे और बेटी के साथ चीन की यात्रा करना चाहते हैं।
(आवाज 6)
शांगहाई विश्व मेले में बहुत देशों ने घनिष्ठ संपर्क करके आदान-प्रदान व सहयोग मजबूत किया है। मैं ने शांगहाई विश्व मेले में मैत्रीपूर्ण लोगों को देखा है। मैं यह अनुभव अपनी मातृभूमि में पहुंचाऊंगा। आशा है कि चीन की यात्रा करने का मौका फिर प्राप्त कर सकूंगा।
अच्छा श्रोता दोस्तो, आज का शांगहाई विश्व मेला कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। अब पवन को आज्ञा दें, नमस्कार । (पवन)