वनिता:यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। आप की पसंद कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को वनिता का प्यार भरा नमस्कार।
राकेश:राकेश का भी सभी श्रोताओं को प्यार भरा नमस्कार।कार्यक्रम की शुरुआत में सुनिए एह गीत,गाईड फिल्म के इस गीत को गाया है किशोर कुमार और लता ने,लिखा है शैलेंद्र ने और संगीत दिया है एस डी बर्मन ने
गाता रहे मेरा दिल,.......तू ही मेरी मंजिल,
वनिता:दोस्तो, इन सर्दियों में पेइचिंग में दस बार बर्फबारी हुई,और इस दशक में पहली बार इतनी सर्दी पड़ी और एक बार की बर्फबारी ने पिछले 50 सालों में एक नया रिकार्ड भी बनाया । 14 मार्च को पेइचिंग में सारा दिन बर्फ गिरती रही,और सारा शहर बर्फ की सफेद चादर में ढक गया ।बच्चों के तो मजे आ गए,बर्फबारी में ही वे बाहर निकल कर खेलने लगे,कई जगहों पर लोगों ने बर्फ के पैंडा बनाए,आंखों की जगह आलूओं ने ली,और नाक की जगह लाला गाजर ने ,मुहं बनाना भी कठिन नहीं रहा...बची हुई सब्जियों का इतना रचनात्मक प्रयोग देख तक बच्चों के लिए घर के पास ही डिजनीलैंड बन गया. लेकिन इस साल की सर्दियां वापिस जाने का नाम नहीं ले रही हैं,इसलिए लगता है कि वसंत को बाहर ही इंतजार करना पड़ेगा और और संभव है कि उसे आने का मौका ही न मिले...गर्मियां भी पास ही इंतज़ार कर रही हैं।
राकेश:जी श्रौता दोस्तों। हालांकि भारी बर्फबारी के कारण लोगों को यातायात में असुविधा का सामना करना पडा है,कई बार रास्ते बंद भी रहे,लेकिन इस साल लोगों ने असुविधा की अधिक चिंता नहीं की और फोटो खींचने का पूरा-पूरा आनंद उठाया.जो लोग कभी भी चीन के उत्तरपूर्व में सब से ठंडी जगह तालियन नहीं गए,उन्होंने बेइजिंग में ही तालियन में होने का लाभ उठा लिया. साथ ही आप को मालूम होगा कि बेइजिंग में पानी कम बरसता है,इस लिए इस बार की बर्फबारी ने बेइजिंग में पानी की कमी भी दूर कर दी है।श्रोता दोस्तों ,आएं कार्यक्रम का अगला गीत सुनें,फिल्म सुजाता से,जिसे लिखा है मजरुह ने और संगीत दिया है एस डी बर्मन ने और गाया है गीता दत्त और आशा भौंसले ने ,.......
इस गीत को सुनना चाहा है हमारे इन श्रोताओं ने जीशान रेडियो क्लब, कोआथ रोहतास बिहार से,अब्दुल मोहिब खां, सूरी उर्फ पप्पू खां,मोना खां,मशारिब खां, रिज़वाना खां, ताबिश खां, फैसल खां,रेहाना खां, जीशान खां,और दानिश अन्जुम खां।
बचपन के दिन,बचपन के दिन भी क्या दिन थे
वनिता:यह गीत बहुत सुन्दर है, मुझे भी पसंद है। भारतीय फिल्मी गीत भारतीय फिल्मों की तरह बहुत हैं, और मेरे विचार में पुराने गीत तो सदाबहार हैं ही,कुछ आधुनिक नए गीत भी अच्छे हैं।
वनिता:दोस्तो, मेरे पास एक पत्र है जिसे भेजा है बिहार राज्य के श्रोता सैयद अली सईद ने। इन्होंने लिखा है प्रिय राकेश भाई और प्रिय वनिता दीदी नमस्ते, मैं आप लोगों का कैसे धन्यवाद करुं कि आप ने मेरा पत्र कार्यक्रम आप की पसंद में शामिल करके जो खुशी मुझे दी है उस के लिए आप दोनों को हार्दिक धन्यवाद। जब से यह कार्यक्रम आप दोनों करने लगे है तब से कार्यक्रम में चार चॉद नहीं आठ चांद लग गए है। मुझे आशा है कि आप मेरे पत्रों को आगे भी कार्यक्रम में शामिल करते रहेंगे ।
राकेश:सैयद अली सईद जी, कार्यक्रम पसंद करने और हमें पत्र लिखने के लिए आप का बहुत धन्यवाद। हमें खुशी है कि आप को हमारा कार्यक्रम पसंद आता है और हम आगे भी आप के पत्रों को कार्यक्रम में शामिल करते रहेंगे। आशा है कि बाकी श्रोता भी कार्यक्रम सुनने के बाद हमें पत्र लिखेंगे। अगर आप के पास कोई सवाल, सुझाव या राय हो. तो भी कृपया पत्र या इ-मेल से हमें बताइए।
वनिता:तो, दोस्तो, आएं कार्यक्रम का अगला गीत सुनें, यह भी एक पुराना गीत है, फिल्म सी आई डी से जिसे गाया है आशा भौंसले ने ,फिल्म है हमसाया और संगीत दिया है श्री ओ पी नैय्यर ने