अनिल:यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। श्रोताओं को अनिल का नमस्कार। आपका पत्र मिला कार्यक्रम में आपका स्वागत है।
थांग: श्रोताओं को श्याओ थांग का भी नमस्कार। हमें उम्मीद है कि आप सभी सकुशल होंगे। दोस्तो आज के इस कार्यक्रम में सबसे पहले आप सुनेंगे श्रोताओं द्वारा भेजे गए पत्रों का उद्धरण, फिर सवालों का जवाब और इसके बाद एक भारतीय गीत का मज़ा लेंगें, अंत में प्रस्तुत किया जाएगा आपसे मिले।
अनिल:नेहरू नगर, भिलाई, चंडीगढ़ के श्रोता भाई आनंद मोहन बैन ने पत्र भेजकर कहा कि आपका पत्र मिला कार्यक्रम का नया रूप सुना, इसमें बद्री प्रसाद वर्मा अंजान का पत्र भी सुना। सीआरआई के बारे में उनकी बातों को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि आप श्रोताओं से बातचीत करते समय अनावश्यक बातें न सुनाया करें। आपकी नज़र में सभी श्रोता बराबर बराबर होने चाहिए। हर प्रांत के श्रोताओं से बातचीत करते रहना चाहिए। कुछ गिने-चुने श्रोताओं से बार-बार बात करना बार-बार उनके पत्रों को कार्यक्रम में शामिल करना या जो श्रोता आपके कार्यक्रम या आपकी तारीफ करते हैं उनके पत्रों को ही शामिल किया जाता है।
थांग:आनंद जी, ऐसी बात नहीं है। हम सभी श्रोताओं के पत्रों को बराबर नज़र से देखते हैं। हम आपके सुझावों को भी नज़रअंदाज नहीं करेंगे। आशा है आपके पत्र हमें बराबर मिलते रहेंगे। भाई आनंद मोहन बैन ने अपने पत्र में कई सवाल भी पूछे हैं, जिनमें भारत के कितने बैंकों की शाखा चीन में हैं भी शामिल है। अब मैं संक्षिप्त रूप से इसका जवाब दूंगी। चीन में बैंक आफ इन्डिया, युनियन बैंक अफ़ इन्डिया, स्टेट बैंक आफ इन्डिया, केनरा बैंक , पंजाब नेशनल बैंक, यू.टी.आई. बैंक व बैंक आफ बड़ौदा आदि बैंकों की शाखाएं हैं, जो अलग- अलग तौर पर पेइचिंग, शांगहाई और क्वांगचो में स्थित हैं।
अनिल:फ़रीदपुर, बरेली, उत्तर प्रदेश के वोर्ड वाइड लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष शकील अहमद अंसारी ने हमें एक कविता भेजी है, नाम है"सपने"
सपने क्यों देखता है मन
अंधेरे में कर देता है बेचैन
दुखने लगते है नैन
सपने क्यों देखता है मन
खंडहर में बसती है चिड़िया हर रैन
कोयल सुबह शाम बोले मीठी बैन
फिर भी स्वाति हेतु तरसे नैन
सपने क्यों देखता है मन
दिया जलता सारी रैन
अंधेरे होने से पहले कर दे बेचैन
गली के नुक्कड़ पर खड़े सब मौन
सपने क्यों देखता है मन
थांग: अब हम पढ़ते हैं चंदौली, चहनियां, उत्तर प्रदेश के अंकुर कुमार का पत्र, उन्होंने कहा कि मैं चाइना रेडियो इन्टरनेशनल का नया श्रोता हूँ। अभी मैं बी. ए. कर रहा हूँ। कुछ महीनों से आपका कार्यक्रम नियमित रूप से सुन रहा हूँ। मुझे भैयालाल प्रजापति से जानकारी मिली, आप लोग मेरे लिए जवाबी लिफ़ाफा, प्रतियोगिता फ़ार्म और चीन की पत्रिकाएं भेजने की कृपा करें।
अंकुर कुमार भाई, सी.आर.आई के नए श्रोता के रूप में आपका स्वागत है। आशा है भविष्य में आप हमारे कार्यक्रम सुनते रहेंगे और पत्र भी भेजते रहेंगे। हमने आपको हमारी श्रोता सूची में शामिल कर लिया है और बाद में आपको संबंधित सामग्री भेजेंगे। इसके साथ ही हम भैयालाल प्रजापति को भी धन्यवाद देते हैं कि आपने अंकुर कुमार भाई को सी.आर.आई की जानकारी देकर हमारा श्रोता बनाया। आपके द्वारा भेजे गये पत्र हमें मिल गया है। पत्र में आपने जवाबी लिफ़ाफ़ा मांगा है। हम आपको लिफ़ाफ़ा और अन्य सामग्री भेज रहे हैं।
अनिल:अच्छा अब हम श्रोताओं द्वारा पूछे सवालों का जवाब देते हैं। कोआथ, रोहतास, बिहार के एस.के. जिन्दादिल ने पत्र भेज कर पूछा है चीन की सबसे लम्बी रेल लाइन कहां है?
थांग:चीन में सबसे लम्बी रेल लाइन दक्षिण चीन के क्वांगतुंग प्रांत की राजधानी क्वांग चो से पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा तक है, जिसकी लम्बाई 4980 किलोमीटर है और यात्रा में 54 घंटे 33 मिनट लगते हैं। दोस्तो, आप जानते हैं कि पहली जुलाई वर्ष 2006 को छिंगहाई तिब्बत रेल लाइन का यातायात औपचारिक तौर पर शुरू हुई, जिससे तिब्बत में रेल लाइन न होने का इतिहास समाप्त हुआ। छिंगहाई तिब्बत रेल लाइन दूसरे रेल लाइनों को मिलाकर देश भर के रेल जाल में शामिल हुआ है। अब विश्व की छत नामक तिब्बत स्वायत्त प्रदेश आने जाने के लिए मुश्किल नहीं है, तिब्बत का यातायात दिन ब दिन सुविधापूर्ण हो रहा है और बाहरी दुनिया के साथ आदान प्रदान ज्यादा से ज्यादा घनिष्ठ हो रहा है। इस रेल लाइन से तिब्बत के पूंजी निवेश का वातावरण सुधर गया है। भीतरी इलाके के साथ संपर्क मज़बूत हुआ और तिब्बति लोग व देश की विभिन्न जातियों के लोगों के बीच सांस्कृतिक आवाजाही बढ़ी है। यह रेल लाइन जातीय एकता के संवर्द्धन व रेल लाइन के तटीय क्षेत्र में बसे लोगों के जीवन स्तर की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता रहेगा।
अनिल:मस्जिद रोड, कोआथ, बिहार के फ़्रैडशिप रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष सैयद अली सईद ने पत्र भेजकर सवाल पूछा है कि चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में कितने जिले हैं?तिब्बत का क्षेत्रफल कितना है और तिब्बत में कितने प्रतिशत कृषि योग्य भूमि होता है?श्याओ थांग जी, मुझे लगता है कि तिब्बत एक रोमांचक स्थल है और मैं भी वहां जाना चाहता हूं। मुझे वहां के बारे में बहुत रूचि है, आप इस बारे में कुछ बताएंगी।
थांग:अच्छा। दोस्तो, चीन के तिब्बत के बारे में जानकारी आप हमारे आज का तिब्बत कार्यक्रम में ले सकते हैं। अब मैं संक्षिप्त तौर पर तिब्बत के बारे में बताउंगी। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश चीन के दक्षिण पश्चिमी और छिंगहाई तिब्बत पठार के दक्षिण पश्चिमी भाग में स्थित है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश का कुल क्षेत्रफल 122.84 वर्ग किलोमीटर है, जो चीन के कुल क्षेत्रफल का एक बट्टा आठ है। यह विश्व में सबसे विशाल और सबसे ऊंचा पठार है, जिसे विश्व की छत के नाम से भी जाना जाता है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश उत्तर में चीन के शिनच्यांग वेउर स्वायत्त प्रदेश, उत्तर पूर्व में सछ्वान प्रांत, दक्षिण पूर्व में युन्नान प्रांत, दक्षिण व पश्चिम में म्यांमार, भारत, भूटान और नेपाल आदि देशों से जुड़ा हुआ है। तिब्बत की राजधानी ल्हासा है, सारे स्वायत्त प्रदेश में कुल छह स्वायत्त प्रिफैक्चर हैं, जो अलग-अलग तौर पर लिनची, छांगतु, लोका, शिकाज़े, नाछु और आली प्रिफैक्चर हैं। इन के अलावा, तिब्बत में कुल 76 कांउटियां हैं।
तिब्बत में प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है। प्रदेश में विभिन्न प्राकृतिक घास के मैदानों का क्षेत्रफल 8 हज़ार तीस लाख हैक्टेयर है, जो सारे प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का 67 प्रतिशत और सारे चीन के प्राकृतिक घास मैदान का 26 प्रतिशत है। तिब्बत में खेती योग्य भूमि का क्षेत्रफल बीस लाख 21 हज़ार पांच सौ हैक्टेयर, जो प्रदेश की कुल भूमि का 0.81 प्रतिशत है। तिब्बत का कृषि क्षेत्र मुख्य तौर पर दक्षिण भाग में यालुचांगबू नदी के घाटी में स्थित है।
अनिल:श्रोता दोस्तो, कुछ दिन पहले पेइचिंग में दूसरे भारत-चीन मंच का आयोजन किया गया। चीन व भारत से आए 200 से ज्यादा राजनयिक अधिकारियों, उद्यमियों और उच्च शिक्षण संस्थानों व अध्ययन संस्थाओं के विद्वानों व देश-विदेश की 80 प्रमुख मीडिया के संवाददाताओं ने इसमें भाग लिया। मंच का लक्ष्य है आपसी समझ, मित्रता व सहमति को मजबूत करके अच्छी तरह से चीन-भारत संबंधों का विकास करना, और दोनों देशों की जनता को लाभ देना। मंच में उपस्थितों लोगों ने स्वतंत्र रुप से आदान-प्रदान किया है। इस दौरान हमारी संवाददाता चंद्रिमा ने कई भारतीय प्रतिनिधियों से मुलाकात की। सुनिए हिन्दुस्तान टाइम्स के राजनीतिक पत्रिकार मोहन कृष्ण धर से हुई बातचीत के अंश
अनिल:खानपुर, पंजाब प्रांत पाकिस्तान के श्रोता ज़लील अहमद हाशमी ने हमें फॉन देकर सी.आर.आई. हिन्दी के बारे में कुछ बताया। सुनिए यह आवाज़
थांग:दोस्तो, आज के कार्यक्रम के अंतिम भाग में आप सुनेंगे फिल्म《दोस्ती》का एक गीत, नाम है《यह दोस्ती तेरे तुम से है》। यह गीत हम इन श्रोताओं की फरमाइश पर पेश कर रहे हैं। शिव मंदिर, योगिनी के मुरारी कुमार दुबे, मनोज कुमार दुबे, त्रिपुरारी कुमार दुबे, राजन, कुन्दन, छोटी, छोटु और तमन्ना;मस्जिद रोड, कोआथ, बिहार के सैयद अली सईद, शबाना सईद, सना फातमी, राज और प्रिंस। इसके साथ हम यहां इस गीत को विशेष तौर पर इन श्रोताओं के लिए पेश कर रहे हैं, जिन्होंने हमें पत्र भेजे हैं। वे हैं जगसलाई टाटानगर, छाड़खंड के इन्द्र पाल सिंह भाटिया, इंद्रजीत कौर भाटिया, साबो भाटिया और सिमरन भाटिया;शीशगढ़, बरेली, उत्तर प्रदेश के इदरीसी क्लब के गुड्डू इदरीसी, फजील इदरीसी, अखलाक इदरीसी और कल्ब के अन्य सदस्य, पाली, राजस्तान के मो. हनीफ़;गोराडीह भागलपुर बिहार के डा. हेमन्त कुमार, ललिता प्रियदर्शी, जीवेश नंदन प्रियदर्शी, नीलेश नंदन प्रियदर्शी, देव नंदन प्रियदर्शी तथा संगीता कुमारी;दुर्गागन्ज कटिहार बिहार के सुमित भगत;ईस्ट चंपारण, बिहार के रजीव रंजन, सुनिल कुमार;मुरशिदाबाद, पश्चिम बंगाल के बिनौय के. पाल;आप सभी के पत्र हमें मिल गए हैं। हमारे कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आपका शुक्रिया। अच्छा, अब इसके साथ ही हम सुनते हैं एक गीत।
अनिल:अच्छा दोस्तो, इसी गीत के साथ हमारा आज का कार्यक्रम समाप्त होने वाला है। उम्मीद है कि भारत व चीन के बीच की दोस्ती और मज़बूत होगी और हमारे व श्रोताओं के बीच भी संबंध गहरे होंगे।
थांग: इसी उम्मीद के साथ हम आपसे विदा ले रहे हैं। अब अनिल और श्याओ थांग को आज्ञा दें, नमस्कार।
अनिल:नमस्कार।