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श्रोताओं की रायें
2009-07-29 14:34:54

श्री तनवीर अहमद अंसारी ने अपने संक्षिप्त पत्र में कहा कि हम सब सी .आर.आई को सुनते हैं , प्रसारण साफ होते है , ऊर्दू भाषा के भी कार्यक्रम सुनते हैं , हमें चीन लोक गणराज्य में गहरी रूचि है , श्रोता वाटिका मिलती रहती है , सभी जन अवलेकन करते रहते हैं । वर्तमान में चीन देश बड़ी तेजी से विकास की ओर अग्रसर है , कृपया यह बताए कि क्या हम छोटे व्यापारी चीन देश के व्यापार को देखने आ सकते हैं । उस के लिए हमें क्या करना होगा । चीन में हिन्दी पत्रिका चीन सचित्र छपती थी , क्या वह अब नहीं निकलती है , जिस में चीनी व्यापार का मार्गदर्शन होता हो , वह साहित्य भेजे ।

तनवीर अहमद अंसारी जी , सी .आर.आई के हिन्दी व ऊर्दू कार्यक्रमों को पसंद करने के लिए आप को धन्यावाद । अपने पत्र में आप ने कहा कि आप व्यापारी के रूप में चीन का व्यापार देखने के लिए चीन आ सकते है कि नहीं । हम पक्के तौर पर कह सकते हैं कि भारतीय दोस्तों का चीन देश पर्यटन और व्यापार दोनों के लिए आने का स्वागत करता है । इस के लिए क्या क्या औपचारिकता की आवश्यकता है , कृपया आप नयी दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के संबंधित विभागों से पूछ सकते हैं । इस के लिए आप दूतावास के नाम पत्र लिख सकते हैं और खुद वहां जा कर पूछ भी सकते हैं । जहां तक चीन सचित्र का सवाल है , वह अब नहीं निकलती है । हमारी कामना है कि आप को चीन का व्यापार देखने का मौका मिल जाए और अपनी मनसूबा पूरी हो जाए ।

अब आरा बिहार के मुनमुन जी का पत्र । उन्हों ने अपने पत्र में भारत स्थित चीनी राजदूत श्री सुन युसी की चीन भारत मैत्री संबंधी चर्चा लिख कर बतायी , जिस से जाहिर है कि दोनों देश पर्यटन के विकास पर भी ध्यान देते हैं । श्री मुनमुन का पत्र इस प्रकार का हैः

मैं ने दैनिक जागरण में प्रकाशित शीर्षक बुद्ध की धरती के विकास को चीन तैयार पढ़ा और जान कर खुशी हुई कि चीन के राजदूत सुन युसी जी ने दुनिया के सब से बड़े देश भारत एवं चीन के बीच के पुराने संबंधों की चर्चा करते हुए आशा व्यक्त की कि भगवान बुद्ध की शिक्षा दोनों देशों को एक दूसरे समीप लाएगी । उन्हों ने कहा कि चीन के व्यवसायी बुद्ध की धरती के विकास में भागीदारी के लिए आने को तैयार है । बिहार के दौरे पर आए चीन के राजदूत सुन युसी ने सोमवार को पर्यटन मंत्री नंदकिशोर यादव से मुलाकात के दौरान कहा कि चीन भगवान बुद्ध की धरती बिहार के विकास में भागीदार बनने का इच्छुक है , क्योंकि चीनी यात्रियों का बिहार से पुराना संबंध रहा है । उन्हों ने कहा कि हम बिहार को चीन तक ले जाना चाहते हैं । ताकि भारी संख्या में चीनी पर्यटकों व व्यापारियों का आगमन हो सके , इन का यह कदम हमें और समीप लाने का सुनहला कदम होगा ,यह मेरा भी मत है , वैसे भी चीन भारत मैत्री वर्ष 2006 में लागू हो ही चुका है, जिस में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की आपसी सुझबुझ से दोनों देशों का विकास संभव होगा ।

हम इस प्रकार की खुशखबरी देने के लिए श्री मुनमुन जी को बहुत बहुत धन्यावाद देते हैं । इस खबर से साफ साफ जाहिर हुआ है कि चीन और भारत पर्यटन के क्षेत्र में आवाजाही बढाने के इच्छुक हैं । भगवान बुद्ध की धरती बिहार में पर्यटन के विकास के अच्छे अच्छे मौके और स्थल हैं । हमें आशा है कि दोनों तरफ की यह अपेक्षा जल्दी ही साकार होगी।

अब सामने है औरेया उत्तर प्रदेश के काल्क प्रसाद कीर्ति प्रिय का पत्र । आप ने कहा कि चीन की अल्पसंख्यक जाति कार्यक्रम के अन्तर्गत सिन्चांग का दौरा में एक किसान ली छिन रन के बारे में हृद्य को छू लेने वाली रिपोर्ट सुनी ।

किसान ली छिनरन हृद्य रोग से पीड़ित थे , उन की प्यारी पत्नी तीस हजार य्वान की राशि अपनी संपत्ति बेच कर इकट्ठा की , लेकिन हृद्य प्रत्यारोपन के लिए यह धनराशि बहुत कम थी , सिन्चांग के जन अस्पताल ने निर्णय लिया कि वह किसान ली का इलाज निशुल्क करेगा।

जन अस्पताल में हृद्य का प्रत्यारोपन किया गया , जिस में दो घंटे लगे , प्रत्यारोपन का काम सही पूरा हुआ , दवा की व्यवस्था भी डाक्टरों ने अपने वेतन से पैसा देकर की , उन की पत्नी को सफाई की नौकरी भी अस्पताल में दे दी गयी ।

यह रिपोर्ट दिल को छू लेने वाली लगी । जन अस्पताल की भूमिका डाक्टर कोटनिय की जैसी रही , जन अस्पताल के कर्मचारियों को नतमस्तक ।

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