मुनमुन भाई को बहुत बहुत धन्यावाद है कि आप ने इतना प्रोत्साहन देने वाली चिट्ठी लिखी और 2005 की सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के विशेष पुरस्कार के विजेता के चीन भ्रमण की सचित्र रिपोर्ट की तारीफ की और चीन को नजदीक से देखने की तमन्ना भी की , आप को पता हुआ होगा कि वर्ष 2006 की प्रतियोगिता के विशेष पुस्कार विजेता श्री कृष्णा मुरारी सिंह को भी चीन भ्रमण करने का दुर्लभ मौका मिला और खुद अपनी आंखों से चीन और पेइचिंग देखा । हां , यह सच्च है कि सी .आर.आई के निमंत्रण पर चीन आने वाले श्रोता मित्रों की संख्या बहुत ही कम होती है , लेकिन जब तक सी .आर .आई की प्रतियोगिता चली जाती है , तब तक कुछ न कुछ श्रोता मित्रों को चीन आने का अवसर मिलता रहेगा । हमारी कामना है कि हमारे हिन्दी विभाग के श्रोता मित्रों को यह सौभाग्य आगे मिले और उन की चीन देखने का मनसूबा पूरा हो सके ।
अब सामने है विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश के रहम तुनिसा का पत्र , उन्हों ने अपने पत्र में सी .आर .आई के हिन्दी कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए कहा कि सी .आर .आई से प्रसारित होने वाले हिन्दी कार्यक्रमों को मेरे अलावा मेरे घर के सदस्य , हमारे क्लब के सदस्य , मेरे मित्र और मेरे कॉलोनी में रहने वाले सभी लोग मिल कर सुना करते हैं और पसंद भी करते हैं .
सी .आर .आई के सामाजिक कार्यक्रम लगभग सभी हम लोगों को पसंद आते हैं । और कार्यक्रमों के प्रति मैं कुछ सुझाव पेश करना चाहती हूं ।
सी.आर .आई के श्रोता क्लबों के लिए सप्ताह में एक बार यानी सप्ताह के पहले रविपार के दिन केवल श्रोता क्लबों के भेजे गए पत्रों का ही जवाब दिया जाए और इस कार्यक्रम में सी .आर.आई के क्लबों की गतिविधियों के बारे में ही चर्चा की जाए ।
कार्यक्रम सांस्कृतिक जीवन में चीन के प्रख्यात लेखकों , चित्रकारों , रंगमंच के कलाकारों और संगीतकारों के जीवन पर रिपोर्टस् प्रस्तुत किए जाए ।
और सी .आर .आई से नवजवानों के लिए एक अलग कार्यक्रम
आरंभ करके भारत से चीन जा कर पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के अनुभवों के बारे में जानकारी देना चाहिए ।
रहम तुनिसा जी , आप ने अपने पत्र में जो सुझाव पेश किए है , वह बहुत अच्छे लगते है । हम आप के सुझावों पर जरूर ध्यान देंगे , जब स्थिति अनुकूल हम अपने कार्यक्रमों में सुधार लाएंगे । सुझाव व पत्र के लिए आप को बहुत बहुत धन्यावाद ।
भीन्द मध्य प्रदेश के अनाम दर्शी मसीह ने अपने पत्र में कहा कि सी .आर .आई हिन्दी सेवा के सभी मित्रों को सप्रेम नमस्कार । मैं आप की हिन्दी सेवा का नियमित श्रोता हूं और आप के सभी कार्यक्रमों को सुनता हूं । आप के कार्यक्रम बेहद पसंद आते हैं । आप के कार्यक्रमों में मुझे विश्व समाचार , सामायिक वार्ता , कार्यक्रम चीन का भ्रमण , चीन में निर्माण और सुधार , आज का तिब्बत , खेल जगत , सवाल जवाब , जीवन और समाज , आप का पत्र मिला . सांस्कृतिक जीवन , चीन की अल्पसंख्यक जाति ,आप की पसंद और चीनी गीत संगीत आदि सभी कार्यक्रम बेहद पसंद आते हैं ।
गोण्डा उत्तर प्रदेश की कुमारी पुष्पा श्रीवास्तव ने अपने पत्र में कहा कि आप सभी सदैव कुशलवत और स्वस्थ रहें , यही प्रभु से प्रार्थना है । श्रोता वाटिका में प्रकाशित कराने के लिए मैं अपनी रचना व पत्र भेजना चाहती हूं , इस के लिए मुझे क्या करना चाहिए .
कुमारी पुष्पा श्रीवास्तव जी , श्रोता वाटिका में छपने के लिए हम सभी श्रोता मित्रों की रचना और फोटो का स्वागत करते हैं , शर्त मात्र इतनी है कि उन की रचना छोटी और सार्थक और उपयोगी हो , फोटो साफ और अच्छा हो । हम श्रोताओं से प्राप्त हुए रचनाओं व फोटो में से श्रेष्ठ चुन चुन कर श्रोता वाटिका में प्रकाशित करते हैं । हम आप की रचना का हार्दिक स्वागत करते हैं ।
रामपुराफुल पंजाब के सरी पाल ने अपने पत्र में कहा कि आज का तिब्बत में तिब्बत के विकास पर रिपोर्ट पेश की गयी , जो बहुत पसंद आयी , जिस से हमें पता लगा कि चीन सरकार के एक प्रतिनिधि मंडल ने तिब्बत के विकास से संबंधित भावी योजना का खुलासा किया , इस के अलावा तिब्बती पर्यटन पर रिपोर्ट बढ़िया थी , जिस से पता चला कि 18 लाख पर्यटकों ने तिब्बत की यात्रा की थी ।
इसराइल अंसारी , जिन्हों ने भागतपुर बिहार से पत्र भेजा है , ने अपने पत्र में कहा कि चीन का भ्रमण कार्यक्रम में चीन के हांगचो शहर के पश्चिमी झील , जो मशहूर पर्यटन स्थल है , के बारे में जानकारी प्राप्त की है , वास्तव में कार्यक्रम को सुन कर एक अद्भुत नजारा का अहसास हुआ कि वह शहर झीलों का शहर कहा जा सकता है ।
भारत में भी ऐसे अनेकों शहर हैं , जो पर्यटन के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं , तथा उन का एक अलग स्थान मिलता है । इतना अच्छा कार्यक्रम पेश करने के लिए चाओ हवा दीदी को विशेष रूप से धन्यावाद।
बालाघाट मध्य प्रदेश के प्रदीप मिश्रा ने अपने पत्र में कहा कि चीन देश में रहे व भारत स्थित नोएडा के एक संस्थान में कार्यरत भातीय मित्र श्री आनंद मोहन का साक्षात्कार चीनी उद्घोषिका आदरनीय शाओ थांग जी द्वारा लिया गया । साक्षात्कार काफी अच्छा लगा । श्री आनंद मोहन की पत्नी चीनी है , यह जान कर काफी आश्चर्य हुआ , साथ ही खुशी भी हुई कि वे भारत में यानी अपने ससुराल में संयुक्त परिवार यानी सास ससुर के साथ रह रही है । आशा है कि यह आनंद मोहन जी का परिवार बेमिसाल सिद्ध होगा , इस साक्षात्कार को प्रसारित करने के लिए सी .आर .आई परिवार के प्रसारण विभाग को बहुत बहुत धन्यावाद।