वर्ष 2012 में यूरोपीय संघ के सार्वजनिक ऋण का जीडीपी में अनुपात 83.3 प्रतिशत तक हो सकता है, जो 2007 की तुलना में करीब 20 प्रतिशत अंक अधिक होगा। यूरोपीय आयोग द्वारा 12 सितंबर को जारी लोक वित्त रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
वर्ष 2008 में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट शुरू होने के बाद यूरोपीय संघ की आर्थिक व वित्तीय स्थिति व्यापक तौर पर प्रभावित हुई है। लेकिन यूरोपीय आयोग ने जोर देते हुए कहा कि ऋण अधिक होने और बढ़ने के वातावरण में यूरोपीय संघ क्रमिक व विभेदित वित्तीय एकीकरण नीति का पालन करना जारी रखेगा।
उसी दिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सार्वजनिक ऋण के बढ़ने से इन देशों की आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक अब विकसित अर्थव्यवस्थाओं में ऋण की स्थिति के बिगड़ने से वर्तमान दौर के वित्तीय संकट की अवधि में राजकोषीय संतुलन में तेज परिवर्तन, कई सरकारों के बैकों में हस्तक्षेप, एजिंग से पैदा लंबी अवधि के खर्च के दबाव का बढ़ना विभिन्न कारण जाहिर होते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सलाह दी कि वर्तमान विकसित अर्थव्यवस्थाओं में ऋण जोखिम बढ़ने की स्थिति में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वित्तीय नीति व सार्वजनिक ऋण के सतत के लिए ढांचे में सुधार करना चाहिए।
(नीलम)