23 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद की 17वीं विशेष बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें मानवाधिकार के उल्लंघन पर सीरिया प्रशासन की निंदा की गयी । साथ ही सीरिया में स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय जांच-पड़ताल दल भेजने का फ़ैसला किया गया।
प्रस्ताव के अनुसार स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय जांच-पड़ताल दल वर्ष 2011 के मार्च से लेकर सीरिया में हो रहे मानवाधिकार के उल्लंघन की जांच करेगा ।इस साल नवंबर के अंत में संयुक्त राष्ट्र महासभा में जांच-पड़ताल दल की रिपोर्ट पेश की जाएगी।प्रस्ताव में सीरिया प्रशासन से तुरंत ही मानवाधिकार का उल्लंघन बंद करने,आम लोगों की सुरक्षा करने और जांच-पड़ताल दल से सहयोग करने की अपील की गयी।
रूसी विदेश मंत्री ने उस दिन संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में सीरिया में मानवाधिकार मु्द्दे पर पारित प्रस्ताव पर खेद जताया।उनके अनुसार प्रस्ताव का सारतत्व है सीरिया में कानूनी सत्ता हटाना।रूस के मुताबिक इस प्रस्ताव से सीरिया में माहौल और ज़्यादा तनावपूर्ण होने की संभावना होगी।इसके साथ सीरिया तथा उसके क्षेत्र पर कुप्रभाव पड़ेगा।
उसी दिन सीरियाई विपक्षी संगठन ने तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तानबुल में राष्ट्रीय समिति के गठन की घोषणा की।इस समिति का लक्ष्य है सीरियाई राष्ट्रपति बशार अस्साद की मौजूदा सत्ता हटाकर उनकी जगह लेना।विपक्ष के प्रतिनिधि के अनुसार शांतिपूर्ण विरोध उनका सिद्धांत है।वे विदेशी फ़ौजी हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं। (लिली)