मध्य पूर्व मुद्दे से संबंधित चार पक्षों (संयुक्त राष्ट्र संघ,रूस,अमेरिका और यूरोपीय संघ) ने 16 अगस्त को अपने बयान में कहा कि वे इज़रायल द्वारा जॉर्डन नदी के पश्चिमी तट पर यहूदी बस्तियों के निर्माण की योजना को और आगे बढ़ाने से चिंतित हैं।
मध्य पूर्व से संबंधित चारों पक्षों ने फ़िर एक बार ज़ोर देते हुए कहा कि वे किसी भी पक्ष द्वारा की गई एक पक्षीय कार्रवाई इज़रायल और फ़िलीस्तीन की शांति वार्ता के परिणाम का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है। और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी इसे स्वीकार नहीं करेगा।
चारों पक्षों ने बताया कि वे इज़रायल और फ़िलीस्तीन की शांति वार्ता पुनः शुरू करने की दिशा में प्रयास करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि "अंत में इज़रायल और फ़िलीस्तीन के नेताओं को वार्ता के बारे में स्वयं फैसला करना चाहिये। साथ ही दोनों पक्षों की सरकार व मध्य पूर्व मुद्दे से संबंधित चारों पक्षों के प्रयासों से हासिल होने वाले समान लक्ष्य को नुकसान पहुंचाने की किसी भी कर्रवाई से रोकना चाहिये। "
वहीं लेबनान का दौरा कर रहे फ़िलीस्तीनी राष्ट्रीय सत्ताधारी संस्था के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने कहा कि हमारे द्वारा की गई कर्रवाई एकपक्षीय नहीं थी,साथ ही इज़रायल और फ़िलीस्तीन की शांति वार्ता के आधार से इसमें कोई अंतर्विरोध नहीं था। वार्ता पुनः शुरू करने से पहले इज़रायल को यहूदी बस्तियों का निर्माण पूरी तरह से रोकना होगा।
(रमेश)