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लीबिया के सरकार विरोधी पक्ष ने संक्रमणकालीन संविधान घोषणा पत्र जारी किया
2011-08-11 16:20:27

लीबिया के सरकार विरोधी पक्ष के नेतृत्व दल राष्ट्रीय संक्रमणकारी परिषद ने 10 अगस्त को संक्रमणकालीन संविधान का घोषणा पत्र जारी किया, जिस में गद्दाफी सत्ता के पतन के बाद राजनीतिक संक्रमण की समय सूची पेश की गयी है। इस बीच सरकार विरोधी पक्ष की सैनिक कार्यवाहियों का साथ देने के लिए नाटो ने इन दिनों लीबिया की राजधानी त्रिपोली आदि स्थानों पर हवाई हमले तेज कर दिए। लीबिया सरकार ने नाटो की निन्दा करते हुए कहा कि उस के हवाई हमलों से अनेकों बेगुनाह नागरियों की हताहती हुई है।

लीबिया के सरकार विरोधी पक्ष की राष्ट्रीय संक्रमणकारी परिषद के उपाध्यक्ष, प्रवक्ता हाफिज घोगा ने 10 अगस्त को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रीय संक्रमणकारी परिषद ने संक्रमणकाल के लिए संविधान के घोषणा पत्र तैयार करने का काम पूरा कर लिया है। घोषणा पत्र गद्दाफी सत्ता के पतन के तुरंत बाद लागू होगा, जो संक्रमण काल में संविधान का काम करेगा। प्रवक्ता घोगा ने कहा कि संविधान घोषणा पत्र के अनुसार लीबिया में गद्दाफी सत्ता के पतन के 30 दिन बाद सरकार बनायी जाएगी, 90 दिन के भीतर चुनाव कानून सार्वजनिक किया जाएगा और सर्वोच्च चुनान कार्यालय स्थापित किया जाएगा और 240 दिन के भीतर संसद के रूप में राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा गठित होगी और प्रधान मंत्री चुने जाएंगे एवं कानून बनाये जाएंगे । राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा की स्थापना के 30 दिन बाद सार्वजनिक बुनियादी ढांचा कमेटी गठित होगी और इस के 60 दिन बाद संविधान का मसौदा तैयार किया जाएगा , फिर 30 दिन बाद संविधान मसौदे पर जनमत संग्रह के लिए मतदान होगा और मतदान के 30 दिन बाद संविधान जारी किया जाएगा और 180 दिन के भीतर संविधान सभा कायम की जाएगी।

प्रवक्ता घोगा ने कहा कि संविधान घोषणा पत्र के मुताबिक संक्रमणकाल 20 महीना लम्बा होगा, जिन में से पहले 8 महीने में राष्ट्रीय संक्रमणकारी परिषद का शासन चलेगा, शेष 12 महीने में राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा सत्ता संभालेगी। घोगा ने कहा कि राष्ट्रीय संक्रमणकारी परिषद के सभी सदस्यों ने वचन दिया है कि वे भावी राष्ट्रपति या संसद चुनाव में नहीं भाग लेंगे।

इस बीच, सरकार विरोधी पक्ष के सशस्त्र बल के वरिष्ठ कमांडर अब्दुल फत्ताह योनिस की मौत के कारण विरोधी पक्ष के लिए उत्पन्न हुई नकारात्मक स्थिति को बदलने के लिए नाटो ने हाल के दिनों में लीबिया सरकार पर अपने हवाई हमलों को तेज कर दिया है। 9अगस्त के तड़के, त्रिपोली पर नाटो की अब तक की सब से जबरदस्त हवाई बमबारी हुई, शहर में जगह जगह जोरदार धमाके सुनाई पड़े और शहर निवासी घर से बाहर भाग निकले। लीबिया के सरकारी टीवी ने कहा कि नाटो के लड़ाकू विमानों ने त्रिपोली के सैनिक और असैनिक संस्थापनों पर बमबारी की।

लीबिया के खिलाफ नाटो के फौजी कार्यवाही के प्रवत्ता रोलांद लावाई ने 9 अगस्त को कहा कि नाटो ने 8 अगस्त को त्रिपोली बंदरगाह में लंगर डाले एक जंगी जहाज पर बमबारी की। लावाई ने दावा किया कि नाटो के टोही विमान ने पाया था कि गद्दाफी की सेना इस जंगी जहाज पर से हथियार और गोली बारूद उतार रही है। इसलिए नाटो के विमानों ने इस जहाज पर बम दागे। नाटो के आंकड़ों से जाहिर है कि नाटो की गठबंधन सेना ने उसी दिन 121 उड़ान भरी थीं, जिन में से 54 में बमबारी का काम हुआ। उसी दिन नाटो की सेना ने लीबिया के पश्चिमी भाग में स्थित जलिटन कस्बे के पास एक सरकारी सैनिक प्रतिष्ठान, एक दूर संचार तंत्र और एक राकेट लांचर व दो सैनिक वाहनों को नष्ट कर दिया।

लीबिया सरकार ने 9 अगस्त को नाटो की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि उस के हवाई हमलों से बेशुमार बेगुनाह नागरिक हताहत हुए हैं। सरकार के प्रवक्ता मुस्सा इबराहिम ने नाटो के हमले को नरसंहार करार कर दिया, नाटो के हमलों में 85 आम नागरिकों की जान गंवायी। इबराहिम ने बताया कि जलिटन के दक्षिण में स्थित माजार गांव पर भी हमले किए गए, जिस से भारी हताहती हुई। इबराहिम ने नाटो के इस हवाई हमले को नरसंहार करार किया, जिन से 12 परिवारों के 33 बच्चे, 32 स्त्री और 20 पुरूष मार गिराये गए। लीबिया टीवी स्टेशन ने उसी दिन हवाई हमले से उत्पन्न हुई नागरिकों की हताहती की दुर्दशा दिखायी जिस में एक पिता के पांच बच्चों को हवाई हमले में मारे जाने की दुखांत तस्वीर खास मर्मभेदी है। लीबियाई जनरल जन कमेटी यानी मंत्रि मंडल ने 9 तारीख को विज्ञप्ति जारी कर इस हत्या कांड पर राष्ट्रीय स्तर पर तीन दिन के शोक मनाने का ऐलान किया। लेकिन नाटो के प्रवक्ता लावाई ने सफाई करते हुए कहा कि नाटो के हवाई हमलों के निशाने कानूनी सैनिक लक्ष्य है, अभी हवाई हमलों से आम नागरिकों की हताहती के लिए सबूत नहीं मिला है।

लीबियाई राष्ट्रीय टीवी पर 9 अगस्त को गद्दाफी के पुत्र खामिस. गद्दाफी का वह वीडियो समाचार प्रसारित किया गया है, जिस में खामिस गद्दाफी नोटो के हमलों में घायल लोगों का हालचाल पूछने गए दिखाई देते हैं। इस से साबित है कि खामिस अभी जिन्दी है, जिसे कुछ दिन पहले नाटो ने हवाई हमले में मरा घोषित किया था। इस साल के मार्च में भी नाटो ने एक बार दावा किया था कि खामिस गद्दाफी नाटो सेना के हमलों में जान से मार डाला गया है। उसी घटना के बाद भी लीबिया टीवी में जिन्दा खामिस गद्दाफी कार्य का दौरा करते हुए दिखाया गया था। खामिस गद्दाफी लीबिया की शक्तिशाली सैन्य टुकड़ी खामिस ब्रिगेड के कमांडर है।

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