इराक के शिया मुसलमानों के नेता मुक्ताद अल-सदर ने 7 अगस्त को बयान जारी किया।बयान के अनुसार अगर इराक स्थित अमेरिकी सेना वर्ष 2011 के अंत तक यानी इराक से हटने की समय सीमा के बाद भी ठहरती है तो, उनकी अगुवाई में अमेरिका विरोधी फ़ौज, अमेरिकी सेना को आक्रामक का दर्जा देकर सशस्त्र प्रतिरोध करेगा।
बयान में कहा गया कि अमेरिकी सेना के इराक में ठहरने की समय सीमा को बढ़ाने की मंज़ूरी देने वाली सरकार कमज़ोर है।हालांकि हटने की तय समय सीमा के बाद इराकी सेना के प्रशिक्षण के लिये केवल कम संख्या में सैनिक इराक में होंगे लेकिन उन्हें यह स्वीकार नहीं है।
2 अगस्त को इराक में विभिन्न राजनीतिक शक्तियों की एक बैठक हुई।बैठक में इराकी प्रधानमंत्री नुरी कमल अल-मालिकी के प्रशासन को इराक में कुछ अमेरिकी सैनिकों के बने रहने पर अमेरिका से वार्ता करने का अधिकार दिया गया। मुक्ताद अल-सदर के प्रतिनिधि के अनुसार बैठक में बनी यह सहमति दरअसल सैनिकों को तय समय सीमा के बाद भी इराक में रहने की हरी झंडी दिखाने के बराबर है।इसलिए उन्होंने वाँक आउट कर बैठक का बहिष्कार किया।
(लिली)