जापान द्वारा 2 अगस्त को जारी रक्षा श्वेत पत्र का चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मा चाओश्यु ने 3 अगस्त को कड़ा विरोध किया। उन्होंने दोहराया कि चीन शांतिपूर्ण विकास का रास्ता अपनाते हुए पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण कूटनीति अपनाता है।
उन्होंने कहा कि जापान के रक्षा श्वेत पत्र में चीन पर गैर ज़िम्मेदार चर्चा की गई, इस पर चीन असंतुष्ट है। उन्होंने दोहराया कि चीन शांतिपूर्ण विकास का रास्ता बनाए रखकर पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण कूटनीति निभाता है। चीन वार्ता से द्विपक्षीय संबंधों में समस्याओं का समाधान करने पर अडिग रहकर आत्मरक्षा नीति अपनाते हुए सामंजस्यपूर्ण एशिया व दुनिया की स्थापना आगे बढ़ाना चाहता है। चीन के विकास से जापान समेत विभिन्न देशों को ज़्यादा अवसर मिलते हैं। चीन कभी भी एक धमकी के तौर पर सामने नहीं आया है।
उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि चीन अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और प्रादेशिक अखंडता के लिए रक्षा व सैन्य आधुनिकीकरण कार्य मज़बूत करता है। किसी भी देश के प्रति नहीं। चीन को उम्मीद है कि जापान इतिहास से सीखकर अपनी रक्षा नीति पर आत्मालोचना कर पड़ोसी देशों के साथ आपसी विश्वास और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के लिए ज़्यादा प्रयास करेगा।
(दिनेश)